ETV Bharat / state

उत्तराखंड में 47 हजार बंदरों की हो चुकी नसबंदी, फिर भी उजाड़ रहे खेती, किसान परेशान - monkey sterilization news

उत्तराखंड में लगातार बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों की फसलों और लोगों को बंदरों से सुरक्षित रखने के लिए उनको पकड़ने का काम करवाती रहती है. इसी क्रम में बंदरों की संख्या घटाए जाने को लेकर नसबंदी का भी विकल्प चुना जा रहा हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों में हजारों की संख्या में बंदरों को न सिर्फ पकड़ा गया है, बल्कि नसबंदी भी की गई है. आखिर क्या है स्थिति, आंकड़े सहित हमारी ये खास रिपोर्ट.

monkey sterilization news
बंदर नसबंदी समाचार
author img

By

Published : Dec 13, 2022, 8:24 AM IST

Updated : Dec 13, 2022, 5:34 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में करीब 70 फ़ीसदी लोग कृषि और कृषक कार्यों पर निर्भर हैं. लेकिन वर्तमान हालात यह हैं कि अब प्रदेश के किसान, कृषक कार्य को छोड़कर अन्य काम कर रहे हैं. जिसकी कई वजह हैं. किसानी छोड़ने की एक मुख्य वजह बंदरों का आतंक भी है. आए दिन बंदरों के झुंड ना सिर्फ किसानों को परेशान कर रहे हैं बल्कि, फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में लोग खेती से विमुख हो रहे हैं.

उत्तराखंड में 47 हजार बंदरों की हो चुकी नसबंदी.

प्रदेश के तीन स्थानों पर हो रही है बंदरों की नसबंदी: प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बन चुके बंदरों की संख्या को घटाने के लिए नसबंदी का कार्य किया जा रहा है. अभी फिलहाल प्रदेश के तीन जगहों पर बंदरों की नसबंदी की जा रही है. इनमें हरिद्वार वन प्रभाग के चिड़ियापुर, नैनीताल वन प्रभाग के रानीबाग और सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग के अल्मोड़ा में बंदर बाड़े बनाए गए हैं. यहा पर बंदरों की नसबंदी की जाती है. इन तीनों ही बंदर बाड़ों में साल 2015 से अभी तक 46,973 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है.

प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी
प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी.

अब तक 46,973 बंदरों की हो चुकी है नसबंदी: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक को देखते हुए सरकार के स्तर पर बंदरों की नसबंदी का फैसला लिया गया है. हालांकि यह उपाय भी कारगर साबित होता नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, बीते पिछले कुछ सालों में अब तक 46,973 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है. जबकि साल 2015 से अभी तक कुल 59,497 बंदरों को पकड़ा गया है. हालांकि, प्रदेश के 31 वन प्रभागों और मानव बस्तियों से सटे क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 है.

बंदरों रोकने के लिए सरकार का लॉन्ग टर्म प्लान: वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में जो जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, उसके लिए राज्य सरकार ने मुआवजे का प्रावधान किया है. साथ ही कहा कि बंदरों के लिए सरकार एक लॉन्ग टर्म प्लान पर काम कर रही है. जिसके तहत बंदर बाड़ों का निर्माण, बंदरों की नसबंदी का काम के साथ ही जंगलों में फलदार वृक्ष लगाकर बंदरों को जंगलों में ही रोके जाने समेत कई अन्य कार्य किए जा रहे हैं, ताकि आबादी वाले क्षेत्रों में बंदर ना जाएं.ये भी पढ़ें: पौड़ी में गुलदार के साथ अब बंदरों का भी आतंक, वन विभाग ने लगाया पिंजरा

प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी
- साल 2015 -16 में 528 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 334 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2016 -17 में 418 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 226 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2017 -18 में 1632 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 1319 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2018 -19 में 4066 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 3274 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2019 -20 में 15,178 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 12,696 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2020-21 में 19961 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 18,501 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2021 -22 में 9943 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 7976 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2022 -23 में सितंबर महीने तक 7771 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 2647 बंदरों की नसबंदी की गई.

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में करीब 70 फ़ीसदी लोग कृषि और कृषक कार्यों पर निर्भर हैं. लेकिन वर्तमान हालात यह हैं कि अब प्रदेश के किसान, कृषक कार्य को छोड़कर अन्य काम कर रहे हैं. जिसकी कई वजह हैं. किसानी छोड़ने की एक मुख्य वजह बंदरों का आतंक भी है. आए दिन बंदरों के झुंड ना सिर्फ किसानों को परेशान कर रहे हैं बल्कि, फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में लोग खेती से विमुख हो रहे हैं.

उत्तराखंड में 47 हजार बंदरों की हो चुकी नसबंदी.

प्रदेश के तीन स्थानों पर हो रही है बंदरों की नसबंदी: प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बन चुके बंदरों की संख्या को घटाने के लिए नसबंदी का कार्य किया जा रहा है. अभी फिलहाल प्रदेश के तीन जगहों पर बंदरों की नसबंदी की जा रही है. इनमें हरिद्वार वन प्रभाग के चिड़ियापुर, नैनीताल वन प्रभाग के रानीबाग और सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग के अल्मोड़ा में बंदर बाड़े बनाए गए हैं. यहा पर बंदरों की नसबंदी की जाती है. इन तीनों ही बंदर बाड़ों में साल 2015 से अभी तक 46,973 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है.

प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी
प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी.

अब तक 46,973 बंदरों की हो चुकी है नसबंदी: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक को देखते हुए सरकार के स्तर पर बंदरों की नसबंदी का फैसला लिया गया है. हालांकि यह उपाय भी कारगर साबित होता नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, बीते पिछले कुछ सालों में अब तक 46,973 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है. जबकि साल 2015 से अभी तक कुल 59,497 बंदरों को पकड़ा गया है. हालांकि, प्रदेश के 31 वन प्रभागों और मानव बस्तियों से सटे क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 है.

बंदरों रोकने के लिए सरकार का लॉन्ग टर्म प्लान: वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में जो जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, उसके लिए राज्य सरकार ने मुआवजे का प्रावधान किया है. साथ ही कहा कि बंदरों के लिए सरकार एक लॉन्ग टर्म प्लान पर काम कर रही है. जिसके तहत बंदर बाड़ों का निर्माण, बंदरों की नसबंदी का काम के साथ ही जंगलों में फलदार वृक्ष लगाकर बंदरों को जंगलों में ही रोके जाने समेत कई अन्य कार्य किए जा रहे हैं, ताकि आबादी वाले क्षेत्रों में बंदर ना जाएं.ये भी पढ़ें: पौड़ी में गुलदार के साथ अब बंदरों का भी आतंक, वन विभाग ने लगाया पिंजरा

प्रदेश में वर्षवार हुई बंदरों की नसबंदी
- साल 2015 -16 में 528 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 334 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2016 -17 में 418 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 226 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2017 -18 में 1632 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 1319 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2018 -19 में 4066 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 3274 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2019 -20 में 15,178 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 12,696 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2020-21 में 19961 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 18,501 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2021 -22 में 9943 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 7976 बंदरों की नसबंदी की गई.
- साल 2022 -23 में सितंबर महीने तक 7771 बंदरों को पकड़ा गया था, जिसमें से 2647 बंदरों की नसबंदी की गई.

Last Updated : Dec 13, 2022, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.