देहरादून: एक तरफ जहां उत्तराखंड में बेरोजगारों की भरमार हो रही है, वहीं ऐसे में उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में हेरिटेज और नेचर टूर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम स्थानीय युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है. स्थानीय लोगों को पर्यटन विभाग निशुल्क टूर गाइड की ट्रेनिंग दे रहा है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद युवा सीधे तौर से रोजगार से जुड़ रहे हैं.
उत्तराखंड में पर्यटन से रोजगार: उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. पर्यटन के क्षेत्र में अब तक जितने डेस्टिनेशन ज्ञात हैं, उससे कई ज्यादा डेस्टिनेशन अभी भी ऐसे हैं जो कि अनछुए हैं और उन्हें पर्यटन के नक्शे पर उतरना अभी भी बाकी है. उत्तराखंड में लगातार व्यवस्थित पर्यटन और गुणवत्ता युक्त पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा मिलकर उत्तराखंड में क्वालिटी टूरिज्म के साथ-साथ पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन से पर्यटकों को नए और टूरिस्ट डेस्टिनेशन की ओर अग्रसर करने के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है. इसके अंतर्गत उत्तराखंड में पर्यटन विभाग उत्तराखंड के युवाओं को निशुल्क गाइड ट्रेनिंग उपलब्ध करवा रहा है. पर्यटन विभाग के इस हेरिटेज और नेचर टूर गाइड प्रोग्राम के जरिए उत्तराखंड में हजारों युवा एक नई स्किल के प्रति जागरूक हुए हैं. कई युवा इसमें अब रोजगार भी पाने लगे हैं.
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उत्तराखंड पर्यटन विभाग 4 हजार लोगों को दे रहा है फ्री ट्रेनिंग: उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद्र ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश की सैकड़ों ऐसी जगह को जो कि अब तक एक्सप्लोर नहीं की गई थी, वहां पर टूर गाइड और नेचर गाइड प्रोग्राम चलाए गए हैं. यहां पर हजारों बच्चों को स्थानीय लोगों को अब तक ट्रेनिंग दी जा चुकी है. पर्यटन विभाग द्वारा अब तक 460 हेरिटेज टूर गाइड, 150 नेचर टूर गाइड, 500 टैक्सी ड्राइवर और चारधाम यात्रा रूट पर मौजूद तकरीबन 1250 लोगों को हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
इस तरह से पर्यटन विभाग ने अब तक कुल 2360 स्थानीय लोगों को स्थानीय पर्यटन से जोड़ने के लिए टूर गाइड प्रोग्राम के तहत स्किल्ड किया है. वहीं अगले साल मार्च महीने तक विभाग का टारगेट है कि 4000 लोगों को इस तरह से उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में कुशल बनाया जाए, ताकि वह स्वरोजगार और अपने रोजगार के अवसर अपने आसपास तलाश पाएं.
इन नई डेस्टिनेशन पर की गई गाइड ट्रेनिंग: उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड द्वारा हेरिटेज टूर गाइड डेस्टिनेशन के तहत कुमाऊं मंडल के नानकमत्ता, रानीखेत, चौखुटिया/ द्वाराहाट, मुनस्यारी, चौकोड़ी/बेरिनाह, कौसानी/सोमेश्वर, टनकपुर और जागेश्वर में हेरीटेज टूर गाइड प्रोग्राम दिया गया और डेस्टिनेशन पर लोगों को तैयार किया गया है. वहीं इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र में हर्षिल, चकराता, मोरी, हनोल, लैंसडाउन, पौड़ी, कर्णप्रयाग, ऊखीमठ, बूढ़ा केदार, ग्वालदम, चोपता और जोशीमठ डेस्टिनेशन पर हेरिटेज टूर गाइड ट्रेनिंग करवाई गई है.
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इसके अलावा नेचर टूर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड द्वारा गढ़वाल क्षेत्र में मसूरी/देवलसारी, कोटद्वार, रसिया बड़ (झिलमिल झील), डाकपत्थर, सारी, सांकरी जैसी सुंदर प्राकृतिक धरोहर से भरपूर जगहों पर उत्तराखंड वन विभाग की मदद से नेचर टूर गाइड प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग करवाई गई है. इसके अलावा कुमाऊं मंडल में नानकमत्ता, कालाढूंगी, नैनीताल, बिनसर, सूपी, चंपावत, मुनस्यारी जैसे इलाकों में नेचर टूर गाइड प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग कराई गई और इन जगह में लोगों को प्रशिक्षण किया गया है.
युवाओं को लोकल में ही पर्यटन के क्षेत्र में मिल रहा है लाभ: इस पूरे प्रोग्राम को लीड कर रहीं उत्तराखंड पर्यटन परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद्र ने बताया कि इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड के स्थानीय युवा पर्यटन व्यवसाय से जुड़ें और अपने आसपास स्वरोजगार की संभावनाओं पर काम करें. साथ ही उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में एक स्किल टूरिस्ट गाइड की फौज खड़ी की जा रही है, जिससे उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को क्वालिटी टूरिज्म में बढ़ावा देखने को मिलेगा. साथ ही साथ उत्तराखंड के ऐसे नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन जो कि अभी पर्यटन के नक्शे पर नहीं हैं, उन्हें भी बढ़ावा दिया जाएगा.
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पर्यटन परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद्र ने बताया कि ऐसे कई युवा हैं जिन्होंने पर्यटन विभाग के इस टूर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम को पूरा करने के बाद रोजगार शुरू किया है. पिथौरागढ़ के युवा रविंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने इस टूर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत कई सारी नई चीजें सीखी हैं. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का प्रमाण पत्र मिलते ही उन्हें तुरंत ही एक बड़ी कंपनी ने हायर कर लिया था. इस तरह से उनकी बेरोजगारी खत्म हुई और वह आज एक अपनी पसंद का रोजगार कर रहे हैं. इसी तरह से टूरिज्म में एमबीए करने वाली पौड़ी की दिव्या नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में इस तरह के टूर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम से उन्हें काफी लाभ हुआ है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को करने के बाद उनको उत्तराखंड में काम करने में और आसानी हुई है. साथ ही उनके स्वरोजगार में भी बढ़ावा हुआ है.
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