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उत्तराखंड सरकार की वेलनेस टूरिज्म को लेकर पहल, चिकित्सा सहायकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण - चिकित्सकों को विदेश भाषा का दिया जाएगा प्रशिक्षण

प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार एक पहल करने जा रही है. जिसके तहत पंचकर्म, योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को पहली बार विदेशी भाषा और आतिथ्य में पारंगत किया जाएगा. ऐसे में इसके लिए भारतीय चिकित्सा परिषद ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा है.

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उत्तराखंड सरकार की वेलनेस टूरिज्म को लेकर पहल
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Published : Jul 22, 2022, 8:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पंचकर्म, योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को पहली बार विदेशी भाषा और आतिथ्य में पारंगत किया जाएगा. उत्तराखंड भारतीय चिकित्सा परिषद ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को प्रशिक्षण देने के लिए प्रस्ताव भेजा है. इसके लिए परिषद की ओर से समिति गठित की गई है.

बता दें कि भारतीय चिकित्सा परिषद में वर्तमान में 1558 पंचकर्म सहायक, 143 योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायक पंजीकृत हैं. अब वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पंचकर्म, योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को विदेशी भाषा और आतिथ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. आयुष सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है.

पढ़ें- देहरादून में आधार कार्ड सॉफ्टवेयर और सर्वर डाउन, लोगों को ट्रोल फ्री नंबर से भी नहीं मिल रही मदद

जिस पर भारतीय चिकित्सा परिषद ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा है. देश-विदेश के पर्यटक पंचकर्म व योग चिकित्सा के लिए उत्तराखंड आते हैं. ऐसे में पर्यटकों को संवाद करने के लिए विदेशी भाषा और आतिथ्य का ज्ञान होना जरूरी है.

भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने बताया कि वेलनेस टूरिज्म में स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं. इसे देखते हुए पंजीकृत पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पंचकर्म, योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को पहली बार विदेशी भाषा और आतिथ्य में पारंगत किया जाएगा. उत्तराखंड भारतीय चिकित्सा परिषद ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को प्रशिक्षण देने के लिए प्रस्ताव भेजा है. इसके लिए परिषद की ओर से समिति गठित की गई है.

बता दें कि भारतीय चिकित्सा परिषद में वर्तमान में 1558 पंचकर्म सहायक, 143 योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायक पंजीकृत हैं. अब वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पंचकर्म, योग व प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को विदेशी भाषा और आतिथ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. आयुष सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है.

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जिस पर भारतीय चिकित्सा परिषद ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा है. देश-विदेश के पर्यटक पंचकर्म व योग चिकित्सा के लिए उत्तराखंड आते हैं. ऐसे में पर्यटकों को संवाद करने के लिए विदेशी भाषा और आतिथ्य का ज्ञान होना जरूरी है.

भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने बताया कि वेलनेस टूरिज्म में स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं. इसे देखते हुए पंजीकृत पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा सहायकों को कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है.

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