देहरादून: उत्तराखंड में ब्लैक फंगस महामारी के मामले बढ़ने के साथ ही इसकी दवा को लेकर कमी भी महसूस की जाने लगी है. कई तीमारदार अपने मरीजों के लिए सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.
वहीं राज्य के लिए अच्छी खबर यह है कि ब्लैक फंगस की दवा उत्तराखंड दो फैक्ट्रियों में जल्द ही बननी शुरू हो जाएगी. यही नहीं राज्य को केंद्र से इंजेक्शन की एक खेप भी मिल गई है. ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवाई एंफोटरइसिन-बी की कमी को दूर करने के प्रयास लगातार जारी है. इस दिशा में एक तरफ राज्य को केंद्र से 500 इंजेक्शन मिल चुके हैं. वहीं राज्य में दो फैक्ट्रियां भी इस दवा को बनाने के लिए तैयार है. केंद्र की टीम भी इन फैक्ट्रियों को निरीक्षण कर चुकी है.
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बता दें कि ब्लैक फंगस के उत्तराखंड में अब तक 101 मामले आ चुके हैं, जबकि इसके चलते 9 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. उधर नए मामलों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इस महामारी की दवा को लेकर बेहद ज्यादा कमी देखी जा रही थी. इसीलिए राज्य सरकार की तरफ से दो दिन पहले ही केंद्र से 500 इंजेक्शन मांगे गए थे, जिसकी आपूर्ति कर दी गई है. इन्हें गढ़वाल और कुमाऊं में भेज दिया गया है. राज्य में ब्लैक फंगस की दवाई बनाने वाली फैक्ट्रियां हरिद्वार और उधम सिंह नगर में स्थापित है.