देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया है. ऐसे में मंगलवार की सुबह इस उत्पीड़न के विरोध में हरीश रावत ने अपने देहरादून स्थित आवास में एक घंटे का मौन उपवास रखा. वहीं, मौन उपवास का बाद हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार में जिस तरह कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है, उस लेकर उनके मन में बहुत आक्रोश है. इन लोगों का केवल यह दोष है कि इन्होंने सत्तारूढ़ दल को वोट नहीं दिया.
दरअसल, हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत ने आरोप लगाए थे कि उनके समर्थकों को बीजेपी के इशारे पर परेशान कर रही है और उनसे दुश्मनी निकाल रही है. ऐसे में पुलिस सरकार के दबाव में आए दिन उनके समर्थकों को घरों से उठा रही है. यहां तक कि उनके छोटे बच्चों तक को बख्शा नहीं जा रहा है. अनुपमा रावत ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए थाने में अपने समर्थकों के साथ धरना दिया था. इस दौरान वह हाथों में महात्मा गांधी की तस्वीर लिए बैठी थी. उनका कहना था कि ये देश गांधी जी के आदर्शों पर चलता है और इसलिए आज वो भी उन्हीं की तस्वीर लेकर थाने में बैठी.
बता दें कि हरीश रावत इनदिनों सोशल मीडिया पर अपने बयानों को लेकर खूब सुर्खियों में है. उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी हार को पडयंत्र बताया है. साथ ही हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अपनी बेटी अनुपमा के खिलाफ चुनाव में षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी दावा किया गया है कि वह जल्द न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस के नेताओं को भी बेनकाब करेंगे. लिहाजा, आज हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के विरोध में एक घंटे का मौन उपवास रखा.
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वहीं, मौन उपवास का बाद हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार में जिस तरह कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है, उस लेकर उनके मन में बहुत आक्रोश है. इन लोगों का केवल यह दोष है कि इन्होंने सत्तारूढ़ दल को वोट नहीं दिया. जिस तरह से बीजेपी नेताओं के इशारे पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. वह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विरोध स्वरूप उन्होंने आज अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए मौन व्रत रखा. उधर, विधानसभा सत्र में बिना नेता प्रतिपक्ष चुने ही कांग्रेस विधायकों की भागेदारी के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि ऐसी चीजों में समय लगता है. वैसे भी यह उनके कार्यक्षेत्र का मामला नहीं है.