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वन विकास निगम की सौगात, ई-टेंडरिंग से मिल सकेंगी इमारती लकड़ियां

उत्तराखंड वन विकास निगम जल्द ही ई-टेंडरिंग के जरिए कीमती लकड़ियों की नीलामी करेगा. निगम के मुताबिक, इससे भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी.

वन विभाग
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Published : Jan 31, 2020, 8:09 PM IST

देहरादूनः साल और सागौन की कीमती लकड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी है. इन लकड़ियों को खरीदने वालों को अब दौड़ नहीं लगानी होगी. वन विकास निगम अब ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से कीमती लकड़ियों की नीलामी करेगा. प्रमुख वन संरक्षक जयराज का कहना है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में भी मदद मिलेगी. जहां अब तक वन निगम बोली लगाकर लकड़ियों की नीलामी करता था, जिससे कई बार जरुरतमंदों को लकड़ियां नहीं मिल पाती थी और काफी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था.

वन विकास निगम की सौगात.

कई बार वन विभाग में लकड़ियों की नीलामी से पहले ही ग्राहकों की बिचौलियों से सांठ-गांठ हो जाती थी. कुछ डीलरों को लकड़ियां नहीं मिल पाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला, क्योकि वन विभाग कीमती लकड़ियों की नीलामी के लिए ई-टेंडरिंग शुरू करने जा रहा है. वन विभाग की ओर से इस व्यवस्था को शुरू करने के बाद जरुरतमंदों को लकड़ियां मिल पाएगी और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी.

पढ़ेंः आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर कार्रवाई शुरू, DM ने की सेवा समाप्त

प्रमुख वन सरंक्षक जयराज ने बताया कि किसी भी माल को बेचने, खरीदने और सेवा लेने के लिए ई-टेंडडिंग सबसे अच्छी प्रक्रिया है. इसमें सारा काम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है. इसमें कोई भी प्रतिभाग कर सकता है, खास कर इस सिस्टम में दबाव से काम नहीं होगा.

देहरादूनः साल और सागौन की कीमती लकड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी है. इन लकड़ियों को खरीदने वालों को अब दौड़ नहीं लगानी होगी. वन विकास निगम अब ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से कीमती लकड़ियों की नीलामी करेगा. प्रमुख वन संरक्षक जयराज का कहना है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में भी मदद मिलेगी. जहां अब तक वन निगम बोली लगाकर लकड़ियों की नीलामी करता था, जिससे कई बार जरुरतमंदों को लकड़ियां नहीं मिल पाती थी और काफी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था.

वन विकास निगम की सौगात.

कई बार वन विभाग में लकड़ियों की नीलामी से पहले ही ग्राहकों की बिचौलियों से सांठ-गांठ हो जाती थी. कुछ डीलरों को लकड़ियां नहीं मिल पाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला, क्योकि वन विभाग कीमती लकड़ियों की नीलामी के लिए ई-टेंडरिंग शुरू करने जा रहा है. वन विभाग की ओर से इस व्यवस्था को शुरू करने के बाद जरुरतमंदों को लकड़ियां मिल पाएगी और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी.

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प्रमुख वन सरंक्षक जयराज ने बताया कि किसी भी माल को बेचने, खरीदने और सेवा लेने के लिए ई-टेंडडिंग सबसे अच्छी प्रक्रिया है. इसमें सारा काम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है. इसमें कोई भी प्रतिभाग कर सकता है, खास कर इस सिस्टम में दबाव से काम नहीं होगा.

Intro:साल और सागौन की कीमती लकड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी है। इन लकडियां को खरीदने के लिए उन्हें अब उत्तराखंड की  दौड़ नही लगानी होगी क्योंकि वन विकास निगम अब ई टैन्डरिंग प्रक्रिया से सीधे लकडियों की नीलामी लगायेगा।वही पीसीसीएफ जय राज का कहना है कि इस प्रक्रिया से भष्टाचार को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी।साथ ही अब तक वन निगम बोली लगाकर लकड़ियों की नीलामी करता था जिससे कई बार जरूरत मंदों को लकडियों नहीं मिल पाती थी और काफी प्रक्रियाओं से  मुस्किल से मिल पाती थी।Body:वन विभाग में लकड़ियों की नीलामी होने से पहले ही वनो के कुछ दलाल के द्वारा साठगांठ हो जाती थी और कुछ डीलरों को लकडिया नहीं मिल पाती थी!लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है क्योकि वन विभाग लकड़ियों की नीलामी के लिए ई टैन्डरिंग शुरू करने जा रहा है!वन विभाग द्वारा इस व्यवस्था को शुरू करने के बाद जरूरत मंदों को लकडियों मिल पायेगी और भष्टाचार को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी!Conclusion:पीसीसीएफ जय राज ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी माल को बेचने,खरीदने ओर सेवा लेने के लिए ई-ट्रेंडिंग सबसे अच्छी प्रक्रिया है।इसमें सबकुछ सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है इसमें कोई भी प्रतिभाग कर सकता है।खास कर इस सिस्टम में दबाव से काम नही होता है।वह निगम ई-ट्रेडिंग करने जा रहा है यह बहुत अच्छी बात है इसका वन विभाग को ज़रूर फायदा मिलने वाला है।क्योंकि कई बार लकड़ी नीलाम होती है तो उसपर बोली लगने नही देते है आपस मे साठगांठ कर लेते है।इस सॉफ्टवेयर से भस्टाचार खत्म हो जाएगा।

बाईट-जयराज,पी सी सी एफ 
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