देहरादून: उत्तराखंड में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट आवंटित हो चुका है. पिछले वित्तीय वर्ष 2022 की राजस्व प्राप्तियां भी अपने आखिरी चरण में हैं. आबकारी विभाग ने पिछली पेंडिंग रिकवरी को निपटाने के लिए 10 दिन में 300 करोड़ का टारगेट रखा है, जिससे विभाग अपने टारगेट को पूरा कर ले. आबकारी विभाग के पेंडिंग को लेकर क्या स्टेटस है, आइए आपको बताते हैं.
उत्तराखंड में राजस्व प्राप्ति के मामले में आबकारी विभाग टैक्स विभाग के बाद दूसरे नंबर पर आता है. प्रदेश की सबसे ज्यादा कमाई वाला विभागों में आबकारी विभाग दूसरे नंबर पर है. ऐसे में सरकार का आबकारी विभाग के प्रबंधन पर भी विशेष फोकस रहता है. वर्तमान वित्तीय वर्ष की अगर बात करें तो वर्ष 2022-23 में उत्तराखंड सरकार ने आबकारी विभाग के लिए 3600 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा था. आज 20 मार्च 2023 तक तकरीबन 3300 करोड़ का लक्ष्य पूरा हो चुका है. आबकारी सचिव हरिशचंद्र सेमवाल का कहना है कि आगे के बचे 10 दिनों में वह बाकी बचे 300 करोड़ भी का भी लक्ष्य पूरा कर लेंगे.
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इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का प्रदर्शन पिछले वित्तीय वर्षों से काफी बेहतर रहा है. विभाग ने अपने तय लक्ष्य को तकरीबन पूरा कर लिया है. अगर हम इससे पहले के वित्तीय वर्षों की बात करें तो केवल वर्ष 2021-22 में 109 करोड़ रुपए पेंडिग थे. जिसमें से 95 करोड़ की रिकवरी इस वित्तीय वर्ष में की गई. वहीं वर्ष 2021-22 का 14 करोड़ अभी भी पेंडिंग है. इसके अलावा इससे पहले के फंसे हुए राजस्व की अगर बात करें तो वर्ष 2017 से अब तक 195 करोड़ की रिकवरी पेंडिंग चल रही है, जिसके लिए रिकवरी नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं. इसके बावजूद भी कई मामले कोर्ट में पेंडिंग चल रहे हैं.
आबकारी सचिव हरिशचंद्र सेमवाल ने बताया जल्द ही वह इस वित्तीय वर्ष का टारगेट पूरा कर लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा जो पुरानी पेंडेंसी है, उनको भी लगातार खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा इस बार 10 दुकानें आवंटित नहीं हो पाई हैं. अगले वित्तीय वर्ष में इन दुकानों का भी आवंटन हो जाये ऐसा प्रयास विभाग करेगा.