देहरादून: उत्तराखंड आबकारी विभाग ने 5 जिलों में तकरीबन 20 शराब की दुकान का आवंटन ना होने पर 5 जिला आबकारी अधिकारियों के वेतन रोकने का आदेश दिया है. साथ ही इन अधिकारियों से विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है. बता दें कि लाइसेंसी दुकानों का आवंटन नहीं होने पर करीब ₹43 करोड़ का नुकसान हुआ है.
बता दें कि उत्तराखंड में पिछले 2 सालों से कोविड महामारी के चलते सभी विभागों में करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है. वहीं, अब कोविड संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद राज्य सरकार राजस्व से जुड़े सभी क्षेत्रों में तेजी लाने की ओर काम कर रही है.
राज्य का सबसे बड़ा राजस्व आबकारी विभाग से प्राप्त होता है. जिस पर सरकार का विशेष फोकस है. ऐसे में 5 जिलों में तकरीबन 20 शराब की दुकानों का समय से आवंटन ना होने के चलते आबकारी विभाग ने संबंधित जिला आबकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की है.
इन जिला आबकारी अधिकारियों का रुकेगा वेतन: उधम सिंह नगर के जिला आबकारी अधिकारी हरीश कुमार, अल्मोड़ा के आबकारी अधिकारी संजय कुमार, पिथौरागढ़ के जिला आबकारी अधिकारी गोविंद मेहता, देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान और नैनीताल जिला आबकारी अधिकारी रेखा जुयाल भट्ट का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया.
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आबकारी सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने बताया कि देहरादून, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल और उधम सिंह नगर की इन 20 शराब की दुकानों का आवंटन ना होने के चलते तकरीबन 43 करोड़ का नुकसान हुआ है. ऐसे में इन जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों के वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं. वही, हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा कि जल्द ही इन दुकानों का आवंटन कर दिया जाएगा.
आबकारी विभाग के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक जनपद उधम सिंह नगर में दुकानें नीलाम नहीं हो सकी. बता दें कि उत्तराखंड आबकारी विभाग के अंतर्गत प्रदेश में देसी और विदेशी लाइसेंसी शराब दुकानों की संख्या 622 है. नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अब तक केवल 602 दुकानों का ही आवंटन बमुश्किल हो पाया है.
जबकि, 20 शराब की ऐसी दुकानें हैं, जिनकी नीलामी संबंधित जिला अधिकारियों द्वारा लापरवाही के चलते अब तक नहीं हो पाया हैं. ऐसे में आबकारी सचिव ने देहरादून, उधम सिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के जिला आबकारी अधिकारियों का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा गया है.