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पंचायत चुनाव में कैसे होगी अवैध शराब की धरपकड़, कर्मियों की कमी विभाग के लिए बनी परेशानी

देहरादून में जहरीली शराब को लेकर अब तक 5 आबकारी विभाग के सिपाहियों समेत दो निरीक्षकों पर सस्पेंड की कार्रवाई की जा चुकी है. जबकि इससे पहले रुड़की में हुई घटना में भी करीब 8 से 10 आबकारी कर्मियों पर कार्रवाई का डंडा चल चुका है.

देहरादून आबकारी विभाग में कर्मियों की कमी.
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Published : Sep 23, 2019, 8:30 AM IST

देहरादून: पंचायत चुनाव के दौरान अवैध शराब की धरपकड़ आबकारी विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. हालत यह है कि पहले ही कर्मियों की कमी झेल रहे विभाग को अब जहरीली शराब से मौत जैसे मामलों पर भी कर्मियों को सस्पेंड करने से पहले सोचना पड़ रहा है.

गौर हो कि जहरीली शराब से देहरादून में कई लोगों की मौत हो चुकी है. जिसे लेकर अब 5 आबकारी विभाग के सिपाही समेत दो निरीक्षकों पर सस्पेंड की कार्रवाई की जा चुकी है. जबकि इससे पहले रुड़की में हुई घटना में भी करीब 8 से 10 आबकारी कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. आपको बता दें कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग के पास न केवल फील्ड कर्मियों से जुड़े संसाधनों की बेहद ज्यादा कमी है, बल्कि विभाग में कर्मचारियों का भी टोटा बना हुआ है.

पढें- जहरीली शराब मामले को लेकर सीएम ने अधिकारियों को किया तलब, जमकर लगाई लताड़

दरअसल, राज्य में करीब 180 आबकारी सिपाही तैनात है, जो कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से बेहद कम है. वहीं परेशानी यह है कि पहले ही कई सिपाही तमाम मामलों में सस्पेंड चल रहे हैं, जबकि देहरादून में हुए जहरीली शराब मामले पर अब भी कई कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

देहरादून आबकारी विभाग में कर्मियों की कमी.

फिलहाल उत्तराखंड में पंचायत चुनाव हो रहे हैं ऐसे में अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए विभाग को बेहद ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है. कार्रवाई से करने से पहले विभाग को कई बार विचार करना पड़ रहा है. जबकि पंचायत चुनाव में कैसे आबकारी विभाग इस चुनौती को पूरा कर पाएगा यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है. हालांकि आबकारी विभाग के अधिकारी संसाधनों की कमी नहीं होने की बात कह रहे हैं और पंचायत चुनाव के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाने की भी बात कह रहे हैं.

देहरादून: पंचायत चुनाव के दौरान अवैध शराब की धरपकड़ आबकारी विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. हालत यह है कि पहले ही कर्मियों की कमी झेल रहे विभाग को अब जहरीली शराब से मौत जैसे मामलों पर भी कर्मियों को सस्पेंड करने से पहले सोचना पड़ रहा है.

गौर हो कि जहरीली शराब से देहरादून में कई लोगों की मौत हो चुकी है. जिसे लेकर अब 5 आबकारी विभाग के सिपाही समेत दो निरीक्षकों पर सस्पेंड की कार्रवाई की जा चुकी है. जबकि इससे पहले रुड़की में हुई घटना में भी करीब 8 से 10 आबकारी कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. आपको बता दें कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग के पास न केवल फील्ड कर्मियों से जुड़े संसाधनों की बेहद ज्यादा कमी है, बल्कि विभाग में कर्मचारियों का भी टोटा बना हुआ है.

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दरअसल, राज्य में करीब 180 आबकारी सिपाही तैनात है, जो कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से बेहद कम है. वहीं परेशानी यह है कि पहले ही कई सिपाही तमाम मामलों में सस्पेंड चल रहे हैं, जबकि देहरादून में हुए जहरीली शराब मामले पर अब भी कई कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

देहरादून आबकारी विभाग में कर्मियों की कमी.

फिलहाल उत्तराखंड में पंचायत चुनाव हो रहे हैं ऐसे में अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए विभाग को बेहद ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है. कार्रवाई से करने से पहले विभाग को कई बार विचार करना पड़ रहा है. जबकि पंचायत चुनाव में कैसे आबकारी विभाग इस चुनौती को पूरा कर पाएगा यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है. हालांकि आबकारी विभाग के अधिकारी संसाधनों की कमी नहीं होने की बात कह रहे हैं और पंचायत चुनाव के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाने की भी बात कह रहे हैं.

Intro:summary- उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के दौरान अवैध शराब की धरपकड़ आबकारी विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है... हालत यह है कि पहले ही कर्मियों की कमी झेल रहे विभाग को अब जहरीली शराब से मौत जैसे मामलों पर भी कर्मियों को सस्पेंड करने से पहले सोचना पड़ रहा है....


Body:जहरीली शराब से देहरादून में कई लोगों की मौत के बाद 5 आबकारी विभाग के सिपाहियों समेत दो निरीक्षकों पर सस्पेंड की कार्रवाई हो चुकी है...जबकि इससे पहले रुड़की में हुई घटना में भी करीब 8 से 10 आबकारी कर्मियों पर कार्रवाई का डंडा चल चुका है... आपको बता दें कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग के पास न केवल फील्ड कर्मियों से जुड़े संसाधनों की बेहद ज्यादा कमी है... बल्कि विभाग में कर्मचारियों का भी टोटा बना हुआ है... दरअसल राज्य में करीब 180 आबकारी सिपाही तैनात है... जो कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से बेहद कम है.. इस बीच परेशानी यह है कि पहले ही कई सिपाही तमाम मामलों में सस्पेंड चल रहे हैं... जबकि देहरादून में हुए जहरीली शराब मामले पर अब भी कई कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है... फिलहाल उत्तराखंड में पंचायत चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान अवैध शराब की चुनाव के दौरान तस्करी रोकने के लिए विभाग को बेहद ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है..., ऐसे में कार्रवाई से करने से पहले विभाग को कई बार विचार करना पड़ रहा है, जबकि पंचायत चुनाव में कैसे आबकारी विभाग इस चुनौती को पूरा कर पाएगा यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।।। हालांकि आबकारी विभाग के अधिकारी संसाधनों की कमी नहीं होने की बात कह रहे हैं, और पंचायत चुनाव के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाने की भी बात कह रहे है।।

बाइट आलोक पांडेय अपर आयुक्त आबकारी विभाग


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