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ऊर्जा निगम के MD अनिल कुमार यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप, सुराज सेवा दल ने की बर्खास्तगी की मांग

ऊर्जा निगम और पिटकुल के एमडी अनिल कुमार यादव पर सुराज सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहा है कि अनिल कुमार यादव पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. लेकिन सरकार उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की सीबीआई, एसआईटी या विजिलेंस से जांच नहीं करवा रही है. उन्होंने अनिल कुमार यादव को बर्खास्त करने की मांग की है.

State President Ramesh Joshi
सुराज सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी
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Published : May 21, 2022, 12:15 PM IST

देहरादून: सुराज सेवा दल (Suraj Seva Dal) के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी (State President Ramesh Joshi) ने एक बार फिर ऊर्जा निगम में भारी धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि ऊर्जा निगम और पिटकुल के एमडी अनिल कुमार यादव (MD Anil Kumar Yadav) पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एमडी अनिल कुमार ना सिर्फ एक ही व्यक्ति की कंपनी को चार-चार काम दे रहे हैं, बल्कि एक ही परिवार और उसके रिश्तेदार को कंपनी में अलग-अलग दिखाकर काम दिया गया और करोड़ों रुपए को ठिकाने लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम और पिटकुल के एमडी अनिल कुमार यादव पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, लेकिन सरकार उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की सीबीआई, एसआईटी या विजिलेंस से जांच नहीं करवा रही है. रमेश जोशी का कहना है कि ऊर्जा निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से आज प्रदेशवासियों को बिजली महंगी मिल रही है. इसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. अनिल यादव को दो-दो जगह का एमडी बनाया गया है. पिटकुल और ऊर्जा निगम दोनों जगहों पर तैनाती मिलने पर यादव अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं. प्रदेश के करोड़ों रुपए को ठिकाने लगा रहे हैं.

ऊर्जा निगम के MD अनिल कुमार यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप

यादव पर मुख्य अभियंता रहते हुए भी आरोप लगे हैं, जब उन्होंने सारे नियमों को ताक पर रखकर एक ही कंपनी के नाम पर तीन-तीन ड्राफ्ट जारी कर दिए. रमेश जोशी ने पिटकुल के सभी टेंडरों की जांच किए जाने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की सरकार बैठी हुई है. ऐसे में क्या इन अधिकारियों के ऊपर कारवाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जिन कंपनियों को टेंडर में शामिल किया गया, उनके बैंक ड्राफ्ट एक ही बैंक एक ही शाखा से कैसे बन गए. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि एमडी यादव, एमडी नहीं बल्कि ठेकेदार हैं, उनकी एक फर्म है और उन्होंने अपने बेटे के खातों से ठेकेदारों को भुगतान किया है.

सुराज सेवादल की चेतावनी: रमेश जोशी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भ्रष्टाचार में लिप्त ऊर्जा निगम के एमडी को बर्खास्त नहीं किया गया, तो सेवादल को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो सुराज सेवा दल का कोई एक कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने के लिए बाध्य होगा.
पढ़ें- करोड़ों के बकाए पर UPCL का 'सरेंडर', सरकार से बजट की गुहार

बता दें, वित्तीय संकट से उबरने के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने (UPCL) राज्य सरकार से ₹350 करोड़ की वित्तीय मदद मांगी थी. प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव के मुताबिक अब तक बैंकों से करीब 100 करोड़ रुपए का ओवरड्रॉ किया है. यूपीसीएल एफडी के एवज में 250 करोड़ तक का ओवरड्रॉ कर सकता है. यहां हैरान करने वाली बात यह है कि ऊर्जा निगम कई करोड़ के बकायेदारों से बकाया नहीं वसूल पा रहा है.

ऊर्जा निगम की तरफ से बकायदा अपनी ऑफशियल वेबसाइट पर भी ऐसे डिफॉल्टर्स की सूची जारी की गई है, जिन्होंने विभाग का पैसा दबाकर रखा है. इस लिस्ट में 2500 से ज्यादा ऐसे डिफॉल्टर्स है, जिन्हें 1 लाख से ज्यादा बकाया देना है. इसमें अधिकतर ₹5 लाख से अधिक के बकायेदार हैं. डिफॉल्टर्स की 54 पेज की सूची में ऐसे बकाएदार भी हैं जिन का बकाया ₹10 लाख से भी ज्यादा है. 60 पेज की दूसरी सूची में ऐसे डिफॉल्टर्स के नाम लिखे गए हैं, जिन्हें ₹2000 से ज्यादा की देनदारी करनी है. इसमें भी करीब 3 हजार संस्थान या लोग हैं जिन्हें यह बकाया देना है.

देहरादून: सुराज सेवा दल (Suraj Seva Dal) के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी (State President Ramesh Joshi) ने एक बार फिर ऊर्जा निगम में भारी धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि ऊर्जा निगम और पिटकुल के एमडी अनिल कुमार यादव (MD Anil Kumar Yadav) पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एमडी अनिल कुमार ना सिर्फ एक ही व्यक्ति की कंपनी को चार-चार काम दे रहे हैं, बल्कि एक ही परिवार और उसके रिश्तेदार को कंपनी में अलग-अलग दिखाकर काम दिया गया और करोड़ों रुपए को ठिकाने लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम और पिटकुल के एमडी अनिल कुमार यादव पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, लेकिन सरकार उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की सीबीआई, एसआईटी या विजिलेंस से जांच नहीं करवा रही है. रमेश जोशी का कहना है कि ऊर्जा निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से आज प्रदेशवासियों को बिजली महंगी मिल रही है. इसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. अनिल यादव को दो-दो जगह का एमडी बनाया गया है. पिटकुल और ऊर्जा निगम दोनों जगहों पर तैनाती मिलने पर यादव अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं. प्रदेश के करोड़ों रुपए को ठिकाने लगा रहे हैं.

ऊर्जा निगम के MD अनिल कुमार यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप

यादव पर मुख्य अभियंता रहते हुए भी आरोप लगे हैं, जब उन्होंने सारे नियमों को ताक पर रखकर एक ही कंपनी के नाम पर तीन-तीन ड्राफ्ट जारी कर दिए. रमेश जोशी ने पिटकुल के सभी टेंडरों की जांच किए जाने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की सरकार बैठी हुई है. ऐसे में क्या इन अधिकारियों के ऊपर कारवाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जिन कंपनियों को टेंडर में शामिल किया गया, उनके बैंक ड्राफ्ट एक ही बैंक एक ही शाखा से कैसे बन गए. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि एमडी यादव, एमडी नहीं बल्कि ठेकेदार हैं, उनकी एक फर्म है और उन्होंने अपने बेटे के खातों से ठेकेदारों को भुगतान किया है.

सुराज सेवादल की चेतावनी: रमेश जोशी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भ्रष्टाचार में लिप्त ऊर्जा निगम के एमडी को बर्खास्त नहीं किया गया, तो सेवादल को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो सुराज सेवा दल का कोई एक कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने के लिए बाध्य होगा.
पढ़ें- करोड़ों के बकाए पर UPCL का 'सरेंडर', सरकार से बजट की गुहार

बता दें, वित्तीय संकट से उबरने के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने (UPCL) राज्य सरकार से ₹350 करोड़ की वित्तीय मदद मांगी थी. प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव के मुताबिक अब तक बैंकों से करीब 100 करोड़ रुपए का ओवरड्रॉ किया है. यूपीसीएल एफडी के एवज में 250 करोड़ तक का ओवरड्रॉ कर सकता है. यहां हैरान करने वाली बात यह है कि ऊर्जा निगम कई करोड़ के बकायेदारों से बकाया नहीं वसूल पा रहा है.

ऊर्जा निगम की तरफ से बकायदा अपनी ऑफशियल वेबसाइट पर भी ऐसे डिफॉल्टर्स की सूची जारी की गई है, जिन्होंने विभाग का पैसा दबाकर रखा है. इस लिस्ट में 2500 से ज्यादा ऐसे डिफॉल्टर्स है, जिन्हें 1 लाख से ज्यादा बकाया देना है. इसमें अधिकतर ₹5 लाख से अधिक के बकायेदार हैं. डिफॉल्टर्स की 54 पेज की सूची में ऐसे बकाएदार भी हैं जिन का बकाया ₹10 लाख से भी ज्यादा है. 60 पेज की दूसरी सूची में ऐसे डिफॉल्टर्स के नाम लिखे गए हैं, जिन्हें ₹2000 से ज्यादा की देनदारी करनी है. इसमें भी करीब 3 हजार संस्थान या लोग हैं जिन्हें यह बकाया देना है.

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