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उत्तराखंड: शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने क्षेत्र में एक-एक विद्यालय को लेंगे गोद

शिक्षा विभाग में पहली पर चिंतन शिविर का आयोजन किया, जो आज समाप्त हो गया. चिंतन शिविर के समापन के मौके पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रत्येक अधिकारी को अपने क्षेत्र में एक-एक विद्यालय गोद लेने के लिए कहा.

Concluding the two-day contemplation camp of the Education Department
शिक्षा विभाग के दो दिवसीय चिंतन शिविर का समापन
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Published : Jul 2, 2022, 10:05 PM IST

देहरादून: शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का आज समापन हो गया है. चिंतन शिविर के दूसरे दिन विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभाग के सभी शिक्षकों एवं कार्मिकों को आचारण नियमावली का पालन करने को कहा. उन्होंने कहा शिक्षक पहले अपनी बात को विभाग के अंतर्गत उचित फोरम पर रखें, यदि कोई समाधान नहीं मिलता है उस स्थिति में शासन स्तर पर अपनी बात को रख सकते हैं.

दिव्यांग एवं अक्षम शिक्षकों को वीआरएस देने के लिये शीघ्र एक समिति गठित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रत्येक अधिकारी को अपने क्षेत्रों में एक-एक विद्यालय गोद लेने के निर्देश भी उन्होंने दिये.

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उन्होंने विद्यालयों में कम से कम 220 दिन अनिवार्य कक्षाएं संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये. उन्होंने राज्य की साक्षरता दर को शत-प्रतिशत करने के लिये प्रत्येक शिक्षक को दो-दो लोगों को साक्षर बनाने के लिये भी कहा. उन्होंने कहा राज्य में अब भी सात प्रतिशत लोग अब भी निरक्षर हैं.

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कार्यक्रम में विभागीय सचिव रविनाथ रमन ने कहा शिक्षा विभाग में पहली पर चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का फायदा विभाग को अवश्य मिलेगा. चिंतन शिविर में विभागीय अधिकारियों ने विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया, जबकि प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारियों ने अपने जिलों में किए गए नवाचारी कार्यों की जानकारी दी. इसके अलावा शिक्षा अधिकारियों की समस्या और उनके सुझाव शिविर में लिये गये.

देहरादून: शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का आज समापन हो गया है. चिंतन शिविर के दूसरे दिन विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभाग के सभी शिक्षकों एवं कार्मिकों को आचारण नियमावली का पालन करने को कहा. उन्होंने कहा शिक्षक पहले अपनी बात को विभाग के अंतर्गत उचित फोरम पर रखें, यदि कोई समाधान नहीं मिलता है उस स्थिति में शासन स्तर पर अपनी बात को रख सकते हैं.

दिव्यांग एवं अक्षम शिक्षकों को वीआरएस देने के लिये शीघ्र एक समिति गठित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रत्येक अधिकारी को अपने क्षेत्रों में एक-एक विद्यालय गोद लेने के निर्देश भी उन्होंने दिये.

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उन्होंने विद्यालयों में कम से कम 220 दिन अनिवार्य कक्षाएं संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये. उन्होंने राज्य की साक्षरता दर को शत-प्रतिशत करने के लिये प्रत्येक शिक्षक को दो-दो लोगों को साक्षर बनाने के लिये भी कहा. उन्होंने कहा राज्य में अब भी सात प्रतिशत लोग अब भी निरक्षर हैं.

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कार्यक्रम में विभागीय सचिव रविनाथ रमन ने कहा शिक्षा विभाग में पहली पर चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का फायदा विभाग को अवश्य मिलेगा. चिंतन शिविर में विभागीय अधिकारियों ने विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया, जबकि प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारियों ने अपने जिलों में किए गए नवाचारी कार्यों की जानकारी दी. इसके अलावा शिक्षा अधिकारियों की समस्या और उनके सुझाव शिविर में लिये गये.

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