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योगी के बुलडोजर फार्मूला को कॉपी करने में धामी सरकार के छूटे पसीने, दोनों मामलों में हुई किरकिरी

उत्तराखंड की धामी सरकार (Uttarakhand Dhami government) यूपी की योगी सरकार के जिस बुलडोजर फार्मूले (Yogi government bulldozer formula) को अपनाकर वाहवाही लूटना चाहती थी, उसने सरकार की किरकिरी कर दी. हाल ही में उत्तराखंड में दो बड़े मामलों मे बुलडोजर की कार्रवाई देखने को मिली, पहली अंकिता हत्याकांड में और दूसरी यूकेएसएसएससी पेपर लीक केस में नकल माफिया हाकम सिंह में. दोनों ही मामले में सरकार के पसीने छूटे गए.

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Published : Oct 5, 2022, 5:26 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 3:51 PM IST

देहरादून: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP Yogi government) ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए जिस तरह से बुलडोजर का इस्तेमाल किया, उसकी हर जगह चर्चा होने लगी. यूपी के सभी अपराधी पुलिस से कम बुलडोजर से ज्यादा खौफ खाने लगे हैं. उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Dhami government) ने भी योगी सरकार की तरह अपराधियों के मसूबों को बुलडोजर से कुचलने का प्रयास किया, लेकिन एक दो कार्रवाई ने ही सरकार के माथे पर बल डाल दिए. उत्तराखंड सरकार और यहां के अधिकारियों को जवाब देने तक भारी पड़ गया.

उत्तराखंड में सरकार ने अभीतक दो अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया है, लेकिन दोनों ही संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने में अधिकारियों और सरकार के पसीने छूट गए थे. पहला मामला तो अंकिता भंडारी मर्डर केस से जुड़ा है. अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के वनंत्रा रिसॉर्ट पर जब आधी रात को बुलडोजर चलाया गया तो सरकार और प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए, जिनके जवाब देना दोनों को भारी पड़ गया.
पढ़ें- UKSSSC पेपर लीक: तोड़ा गया हाकम का आलीशान रिजॉर्ट, वन विभाग की संपत्ति पर था अवैध कब्जा

सवालों के घेरे में घिर गई सरकार: सरकार और पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगा है कि वनंत्रा रिसॉर्ट तोड़कर अंकिता हत्याकांड से जुड़े सबूतों को नष्ट किया गया है. जिस वनंत्रा रिसॉर्ट को तोड़कर सरकार वाहवाही लूटना चाहती थी, उसे तोड़कर सरकार और प्रशासन की खूब किरकरी हुई. सरकार और प्रशासन से यही सवाल किया जा रहा कि आखिर वनंत्रा रिसॉर्ट को तोड़ने की इतनी जल्दबाजी क्या थी? नौबत यहां तक आ गई है कि पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे को कहना पड़ा कि वनंत्रा रिसॉर्ट पर उन्होंने बुलडोजर नहीं चलवाया है. इस मामले की जांच कराई जाएगी कि ये रिसॉर्ट किसके कहने पर तोड़ा गया.

कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बुलडोजर की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने खुद कहा था कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने में इनती जल्दबाजी में क्यों की गई? हालांकि, इस घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो जाती है कि अंकिता हत्याकांड में आरोपी का रिसॉर्ट तोड़कर सरकार जो वाहवाही लूटना चाहती थी, वो उल्टी पड़ गई. हालत ये हो गई कि सरकार ये कहने की भी हिम्मत नहीं कर पा रही है कि आरोपी का रिसॉर्ट उनके आदेश पर तोड़ा गया है.
पढ़ें- अंकिता के हत्यारोपी पुलकित आर्य के वनंत्रा रिजॉर्ट पर चला बुलडोजर, CM के आदेश पर आधी रात को एक्शन

हाकम का रिसॉर्ट तोड़ने में छूटे पसीने: दूसरा मामला यूकेएसएसएस पेपर लीक के बड़े नकल माफिया हाकम सिंह से जुड़ा है. हालांकि, यहां तो सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी की अवैध संपत्ति को जब्त करने और अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन जब वन विभाग की टीम गोविंद वन्य जीव विहार की जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाए गए हाकम सिंह के रिसॉर्ट को तोड़ने पहुंची तो उसके लिए वन विभाग को बुलडोजर तक नहीं मिला. स्थिति को अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वन विभाग को कोई भी अपना बुलडोजर देने तक को तैयार नहीं था. आखिर में वन विभाग ने उत्तरकाशी जिला अधिकारी से मदद मांगी.

उत्तरकाशी जिला प्रशासन की मदद से वन विभाग को एक बुलडोजर मिली, जिसके लेकर वन विभाग की टीम जब हाकम सिंह का रिसॉर्ट तोड़ने पहुंची तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. मामला इतना बढ़ गया कि आसपास के थानों से पुलिस बुलानी पड़ी. उन्होंने ग्रामीणों को जैसे-तैसे शांत कराया. इसके बाद ग्रामीणों ने पहले हाकम सिंह के रिसॉर्ट से कीमती सामान हटाया और उसके बाद ही रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने दिया.

इस दोनों घटनाओं से एक बात तो साफ हो गई कि उत्तराखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर फार्मूला कॉपी करना इतना आसान नहीं है. यदि यहां भी धामी सरकार अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए बुलडोजर फार्मूला अपनाना चाहती है तो उसके लिए अधिकारियों को काफी काम करना पड़ेगा. साथ ही होमवर्क के बाद सरकार को इस तरह के कदम उठाने पड़ेंगे, तभी सरकार की किरकिरी होने से बच सकती है. वरना ये दांव सरकार पर ही उल्टा पड़ जाएगा.

देहरादून: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP Yogi government) ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए जिस तरह से बुलडोजर का इस्तेमाल किया, उसकी हर जगह चर्चा होने लगी. यूपी के सभी अपराधी पुलिस से कम बुलडोजर से ज्यादा खौफ खाने लगे हैं. उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Dhami government) ने भी योगी सरकार की तरह अपराधियों के मसूबों को बुलडोजर से कुचलने का प्रयास किया, लेकिन एक दो कार्रवाई ने ही सरकार के माथे पर बल डाल दिए. उत्तराखंड सरकार और यहां के अधिकारियों को जवाब देने तक भारी पड़ गया.

उत्तराखंड में सरकार ने अभीतक दो अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया है, लेकिन दोनों ही संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने में अधिकारियों और सरकार के पसीने छूट गए थे. पहला मामला तो अंकिता भंडारी मर्डर केस से जुड़ा है. अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के वनंत्रा रिसॉर्ट पर जब आधी रात को बुलडोजर चलाया गया तो सरकार और प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए, जिनके जवाब देना दोनों को भारी पड़ गया.
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सवालों के घेरे में घिर गई सरकार: सरकार और पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगा है कि वनंत्रा रिसॉर्ट तोड़कर अंकिता हत्याकांड से जुड़े सबूतों को नष्ट किया गया है. जिस वनंत्रा रिसॉर्ट को तोड़कर सरकार वाहवाही लूटना चाहती थी, उसे तोड़कर सरकार और प्रशासन की खूब किरकरी हुई. सरकार और प्रशासन से यही सवाल किया जा रहा कि आखिर वनंत्रा रिसॉर्ट को तोड़ने की इतनी जल्दबाजी क्या थी? नौबत यहां तक आ गई है कि पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे को कहना पड़ा कि वनंत्रा रिसॉर्ट पर उन्होंने बुलडोजर नहीं चलवाया है. इस मामले की जांच कराई जाएगी कि ये रिसॉर्ट किसके कहने पर तोड़ा गया.

कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बुलडोजर की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने खुद कहा था कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने में इनती जल्दबाजी में क्यों की गई? हालांकि, इस घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो जाती है कि अंकिता हत्याकांड में आरोपी का रिसॉर्ट तोड़कर सरकार जो वाहवाही लूटना चाहती थी, वो उल्टी पड़ गई. हालत ये हो गई कि सरकार ये कहने की भी हिम्मत नहीं कर पा रही है कि आरोपी का रिसॉर्ट उनके आदेश पर तोड़ा गया है.
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हाकम का रिसॉर्ट तोड़ने में छूटे पसीने: दूसरा मामला यूकेएसएसएस पेपर लीक के बड़े नकल माफिया हाकम सिंह से जुड़ा है. हालांकि, यहां तो सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी की अवैध संपत्ति को जब्त करने और अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन जब वन विभाग की टीम गोविंद वन्य जीव विहार की जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाए गए हाकम सिंह के रिसॉर्ट को तोड़ने पहुंची तो उसके लिए वन विभाग को बुलडोजर तक नहीं मिला. स्थिति को अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वन विभाग को कोई भी अपना बुलडोजर देने तक को तैयार नहीं था. आखिर में वन विभाग ने उत्तरकाशी जिला अधिकारी से मदद मांगी.

उत्तरकाशी जिला प्रशासन की मदद से वन विभाग को एक बुलडोजर मिली, जिसके लेकर वन विभाग की टीम जब हाकम सिंह का रिसॉर्ट तोड़ने पहुंची तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. मामला इतना बढ़ गया कि आसपास के थानों से पुलिस बुलानी पड़ी. उन्होंने ग्रामीणों को जैसे-तैसे शांत कराया. इसके बाद ग्रामीणों ने पहले हाकम सिंह के रिसॉर्ट से कीमती सामान हटाया और उसके बाद ही रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने दिया.

इस दोनों घटनाओं से एक बात तो साफ हो गई कि उत्तराखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर फार्मूला कॉपी करना इतना आसान नहीं है. यदि यहां भी धामी सरकार अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए बुलडोजर फार्मूला अपनाना चाहती है तो उसके लिए अधिकारियों को काफी काम करना पड़ेगा. साथ ही होमवर्क के बाद सरकार को इस तरह के कदम उठाने पड़ेंगे, तभी सरकार की किरकिरी होने से बच सकती है. वरना ये दांव सरकार पर ही उल्टा पड़ जाएगा.

Last Updated : Oct 6, 2022, 3:51 PM IST
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