देहरादून: उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी में इस महीने के आखिरी में बड़ा बदलाव होने वाला है. मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह 29 जुलाई को 60 वर्ष के पूरे हो जाएंगे. मुख्य सचिव के पद रिटायर होने के बाद उत्पल कुमार का क्या प्लान होगा इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इसी पर पेश है ईटीवी भारत की रिपोर्ट...
उत्तराखंड में इस महीने के आखिरी में मुख्य सचिव का बदलाव होना है. ऐसे में नए मुख्य सचिव को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं तो वहीं इस संबंध में भी चर्चाएं जोरों पर हैं कि रिटायरमेंट के बाद वर्तमान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का क्या प्लान होगा. उत्पल कुमार के रिटायर होने के बाद भविष्य में उनको लेकर क्या संभावनाएं बन रही हैं उसको लेकर हम आपको बताने जा रहे हैं.
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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तैयारी
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह अपने रिटायरमेंट के बाद विद्युत नियामक आयोग में जाने के इच्छुक हैं. इसको लेकर वह पिछले एक साल से प्रयासरत हैं.
24 को ले सकते हैं रिटायरमेंट
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के एक्ट के अनुसार अगर व्यक्ति 60 साल के बाद आयोग में आता है तो उसका कार्यकाल 3 साल का होता है और यदि 60 साल से पहले वह बोर्ड में आता है तो 5 साल का कार्यकाल मिलता है. ऐसे में उम्मीदें जताई जा रही हैं कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह शुक्रवार 24 जुलाई को रिटायरमेंट ले सकते हैं और 25 या फिर 27 जुलाई को नियामक आयोग में चार्ज संभाल सकते हैं.
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नियामक आयोग क्यों रहता है रिटारमेंट के बाद पहली प्राथमिकता
मुख्य सचिव के रिटायरमेंट के बाद इस प्लान को लेकर यह भी सवाल हो सकता है कि आखिर नियामक आयोग ही क्यों ? उसका लब्बोलुआब यह है कि विद्युत नियामक आयोग के अलावा बाकी सभी आयोगों में ज्यादा शक्तियां चेयरमैन के पास नहीं होती हैं, लेकिन उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग इस तरह का एक आयोग है जो कि प्रदेश में बिजली की दरों के अलावा कई मामलों पर फैसला लेता है.
सेवा विस्तार से नुकसान
सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के सेवा विस्तार को लेकर फिलहाल इसलिए कुछ कहना मुश्किल है क्योंकि उन्हें तीन महीने या फिर छह महीने का एक्सटेंशन राज्य या फिर केंद्र सरकार से मिल सकता है. ऐसे में यदि वे सेवा विस्तार लेते हैं तो उसके बाद नियामक आयोग के कार्यकाल में उनको दो साल का नुकसान होगा. इससे यह आसानी से समझा जा सकता है कि तीन महीने के लिए वह अपने दो साल का नुकसान नहीं करेंगे. उनकी सेवा विस्तार को लेकर ऐसी कोई फाइल भी सचिवालय में नहीं चल रही है.