देहरादूनः जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर जहां उत्तराखंड से लेकर केंद्र सरकार के एक्सपर्ट शहर को बचाने में जुटे हुए हैं तो वहीं शासन ने भी बिना देरी किए लोगों को राहत देने के लिए निर्देश दिए हैं. इस कड़ी में मुख्य सचिव एसएस संधू ने आज सचिवालय में अधिकारियों की बैठक ली और जोशीमठ को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि विशेषज्ञों की टीम पहले ही जोशीमठ में अध्ययन के बाद वापस आ चुकी है और इससे जुड़ी रिपोर्ट भी शासन को दी जा चुकी है. इसी आधार पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने समीक्षा बैठक की. मुख्य सचिव ने कहा कि जोशीमठ में दरार और भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है. प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलंब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए.
मुख्य सचिव संधू ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलंब खाली कराने को कहा है. साथ ही लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाइन, सीवर एवं विद्युत लाइन आदि को भी दुरूस्त करने को कहा है.
दरार प्रभावित और जर्जर भवन तोड़ने के आदेशः वहीं, प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो, इसके लिए उच्चाधिकारियों को लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखने और मौके पर बने रहने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ-इरोजन (Toe Erosion) को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं या फिर जर्जर (Cracks on Houses in Joshimath) हो चुके हैं, उन्हें जल्द ध्वस्त (demolish dilapidated buildings in Joshimath) किया जाए, ताकि वे भवन और ज्यादा नुकसान न करें.
विशेषज्ञों के लिए होगी चॉपर की व्यवस्थाः मुख्य सचिव एसएस संधू (Uttarakhand Chief Secretary SS Sandhu) ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए.
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