देहरादून: राजधानी में 4 दिसंबर से तृतीय शीतकालीन सत्र का आयोजन होने जा रहा है. इस पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर गैरसैंण की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देहरादून में शीतकालीन सत्र कराने से सरकार का चरित्र उजागर होता है. वहीं, कांग्रेस पार्टी साल में एक बार गैरसैंण में जरूर सत्र का आयोजन करवाती थी.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि गैरसैंण को विकसित करने के लिए जो भी काम हुआ है, वो कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हुआ है. साथ ही कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गैरसैंण में विधानसभा सत्र हुआ था. विधानसभा सत्र में ये प्रस्ताव पारित हुआ था कि साल में एक सत्र गैरसैंण में आहूत किया जाएगा, लेकिन बीजेपी सरकार ने विधानसभा में पारित प्रस्ताव के विपरीत आचरण किया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कैसी सरकार विराजमान है.
प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान गैरसैंण के पक्ष में बहुत सारे वादे किए थे, लेकिन एक भी वादे पर भाजपा सरकार खरी नहीं उतरी है. इस सरकार में गैरसैंण के विकास के लिए धन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष को कहना पड़ रहा है कि सरकार गैरसैंण के विकास के लिए धन उपलब्ध करवाएं. इससे प्रतीत होता है कि गैरसैंण के प्रति सरकार का मंशा क्या है.
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उत्तराखंड में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है. जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें एक प्रस्ताव पारित हुआ था कि साल में एक बार विधानसभा सत्र गैरसैंण में आयोजित कराया जाएगा. लेकिन, बीजेपी सरकार विधानसभा में पारित प्रस्ताव के विपरीत आचरण करते हुए विधानसभा का शीतकालीन सत्र को देहरादून मे करने जा रही है. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सरकार को विकास के लिए धन उपलब्ध करवाने को कह रहे हैं. ऐसे में गैरसैंण के प्रति सरकार कितनी उदासीन है, इसका पता चलता है.