देहरादून: उत्तराखंड में भू-कानून (land law) की मांग जोरों पर है. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में भू कानून को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने भू कानून को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. गणेश गोदियाल का कहना है कि व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए बीजेपी सरकार यह कानून लाई है. उन्होंने कहा कि यह सरकार भू माफिया को फायदा पहुंचाने वाली सरकार है. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार पहाड़ों में रोजगार देना चाहती है या उद्योग धंधे खोलना चाहती है तो इसके लिए वह खुद आगे बढ़कर अपनी भूमि देने को तैयार हैं, लेकिन सरकार भू कानून की आड़ में आने वाली नस्लों को भूमिहीन करना चाहती है.
गणेश गोदियाल का कहना है कि प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के नागरिकों की जमीनों को खुर्द बुर्द करने के लिए यह कानून पारित किया है. इस कानून की वजह से उत्तराखंड के नागरिक धीरे-धीरे भूमिहीन हो जाएंगे. कांग्रेस उद्योग के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार को उद्योगों के लिए ही भूमि खरीद के लिए अनुमति देनी चाहिए. लेकिन सरकार ने जमीनों की खरीद की खुली छूट दे दी है, जो गलत है. इसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है.
केदारनाथ विधायक मनोज रावत का कहना है कि प्रदेश में वर्तमान में भू कानून को लेकर तमाम संगठन आंदोलनरत हैं. नए भू कानून के लागू होने के बाद से अभी तक की जमीन की खरीद बिक्री पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून लाई है. अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए जमीनों को खुर्द बुर्द कर रही है. आज प्रदेश का युवा समझ चुका है कि उसकी पुश्तैनी जमीन खतरे में है. भाजपा सरकार ने 6 दिसंबर 2018 को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 143, 154 में परिवर्तन करके प्रदेश के पर्वतीय जिलों में जमीन खरीद की खुली छूट दे दी.
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मनोज रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार अगर सत्ता में आती है तो इन कानूनों का एकीकरण कर उत्तर प्रदेश की भांति एक ही भू कानून बनाया जाएगा और बंदोबस्त चकबंदी भी लागू की जाएगी. कांग्रेस कार्यकाल में हरीश रावत ने प्रदेश में संपूर्ण चकबंदी करने की योजना बनाई थी. लेकिन भाजपा ने साढ़े 12 एकड़ जमीन खरीद की बाध्यता को समाप्त कर जमीनों की खरीद की खुली छूट दे दी. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगी.