देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने देहरादून में आयोजित हो रहे इन्वेस्टर्स समिट को धन की बर्बादी बताया है. करन माहरा ने देहरादून में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट को 2018 में हुए इन्वेस्टर्स समिट की रैप्लिका बताया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब केंद्र सरकार IDS यानी औद्योगिक विकास योजना लेकर आई थी, इसकी कार्य अवधि 2022 तक थी. इस योजना में तय किया गया था कि जो इन्वेस्टर्स हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर या फिर उत्तराखंड में निवेश करने आएंगे, उन निवेशकों को 30% की सब्सिडी दी जाएगी. उत्तराखंड में इस योजना को 2022 में बंद कर दिया गया. इस योजना के तहत उत्तराखंड के हिस्से में मात्र 1100 करोड़ रुपए आए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा जिन निवेशकों ने वादों के मुताबिक प्रदेश में निवेश किया था, उन निवेशकों का करीब 5 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया है. ऐसे में केंद्र सरकार की इस योजना का यह खुलासा है. इसी तरह देहरादून में हो रहे इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर करोड़ों अरबों रुपयों की धनराशि जिस तरह से खर्च की जा रही है, वह जनता के पैसों की बर्बादी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने 2018 में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए कहा कि 8 से 9 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा इन्वेस्टर्स समिट 2018 की रैप्लिका है. उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करके जिस प्रकार 2019 के चुनावों को प्रभावित किया गया, उसी तरह 2023 में निवेशक सम्मेलन कराकर भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है.
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बता दें धामी सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है. देहरादून में आयोजित इस इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया. इस इन्वेस्टर्स समिट में अडानी, अंबानी समेत देश के टॉप 50 बिजनेसमैन हिस्सा ले रहे हैं. बीजेपी प्रदेश में हो रहे इन्वेस्टर्स समिट को विकास का पहिया बता रही है, वहीं कांग्रेस ने इस इन्वेस्टर्स समिट को जनता के पैसों की बर्बादी बताया है.