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मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में कल थमेंगे कमर्शियल वाहनों के पहिये, सुबह से शाम तक न करें सफर - उत्तराखंड परिवहन महासंघ

मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में उत्तराखंड के सभी परिवहन व्यवसायी जिसमें चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति, टैक्सी यूनियन, मैक्सी यूनियन, टेंपो यूनियन, विक्रम यूनियन समेत परिवहन से जुड़े व्यवसायी 11 सितंबर बुधवार को सुबह से लेकर शाम 5:00 बजे तक 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे.

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Published : Sep 10, 2019, 5:16 PM IST

देहरादून/ऋषिकेश/हरिद्वारः मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के खिलाफ परिवहन व्यवसायी लामबंद होकर आंदोलन के मूड में हैं. इसे लेकर परिवहन व्यवसायी 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे. ऐसे में यात्रियों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध बुधवार को कमर्शियल वाहन नहीं चलेंगे.

दरअसल, बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था और सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना बढ़ाने से परिवहन कारोबारी नाराज हैं. अब परिवहन व्यवसायियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कल सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जीप कमांडर एसोसिएशन ने भी सांकेतिक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल में सिटी बसें, टैक्सी, पहाड़ों की ओर आने-जाने वाली जीप कमांडर, टाटा मैजिक, विक्रम शामिल होंगे.

ये भी पढे़ंः DIG ने प्रशिक्षु की ट्रेनिंग और व्यवस्थाओं का लिया जायजा, बोले- बुलंद हौसलों से बनता है देश का जवान

उत्तराखंड परिवहन महासंघ के विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि केंद्र सरकार काला कानून बनाकर परिवहन व्यवसायियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगा रही है. मोटर यान अधिनियम-1988 में यथा संशोधित अधिनियम-2019 में जुर्माना राशि में अत्यधिक वृद्धि की गई है. वर्तमान समय में पूरे भारत में ऑटो सेक्टर में मंदी छाई हुई है. वाहनों की खरीद भी ना के बराबर रह गई है. ऐसे में जुर्माना काफी भारी पड़ रहा है.

उन्होंने कहा पूर्व में ही मोटर वाहन स्वामी इंश्योरेंस, फिटनेस फीस, परमिट, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन आदि में ही बढ़ी हुई दर से भुगतान कर रहे हैं. अब हालात ऐसे हैं कि बाजार में भी मंदी का संकट होने से यात्री और माल भाड़ा वाहनों को पर्याप्त मात्रा में कोई काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में सरकार उनके हितों को ध्यान में रखते हुए एक साल तक राहत प्रदान करते हुए पहले की भांति नियमानुसार जुर्माने की वसूली करे.

ये भी पढ़ेंः त्रिशूल पर्वत को फतह करने निकलेगा 54 सदस्यी दल, 13 महिलाएं भी शामिल

उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि परिवहन अधिनियम को लेकर उनके नेतृत्व में परिवहन व्यवसायियों की एक टीम उत्तराखंड परिवहन आयुक्त से मुलाकात करने गई थी, लेकिन वहां से किसी भी तरह का ठोस आश्वासन परिवहन व्यवसायियों को नहीं मिला है.

इसी कारण उत्तराखंड के सभी परिवहन व्यवसायी जिसमें चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति, टैक्सी यूनियन, मैक्सी यूनियन, टेंपो यूनियन, विक्रम यूनियन समेत परिवहन से जुड़े व्यवसायी 11 सितंबर बुधवार को सुबह से लेकर शाम 5:00 बजे तक 1 दिन का सांकेतिक हड़ताल करेंगे.

ये भी पढ़ेंः मोदी सरकार के 100 दिन निराशाजनक, हर कदम पर हुई फेल: हरीश रावत

उन्होंने कहा कि इस सांकेतिक आंदोलन में आवश्यक वाहनों को चलने दिया जाएगा. जिसमें दूध वाहन, सब्जी के वाहन शामिल नहीं होंगे. पहाड़ पर आवाजाही के लिए प्राइवेट बस, मैक्स जैसे वाहन लाइफ लाइन माने जाते हैं, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश सिंह सम्राट ने कहा कि सरकार ने रोड सेफ्टी बिल में अवैध तरीके से दस से पचास फीसदी तक जुर्माना राशि का प्रावधान लगाया है. सरकार को इस बिल को लागू करने से पहले उनके संगठनों से सलाह लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल का फैसला लिया है. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वो पूरे देश में चक्का करेंगे.

देहरादून/ऋषिकेश/हरिद्वारः मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के खिलाफ परिवहन व्यवसायी लामबंद होकर आंदोलन के मूड में हैं. इसे लेकर परिवहन व्यवसायी 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे. ऐसे में यात्रियों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध बुधवार को कमर्शियल वाहन नहीं चलेंगे.

दरअसल, बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था और सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना बढ़ाने से परिवहन कारोबारी नाराज हैं. अब परिवहन व्यवसायियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कल सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जीप कमांडर एसोसिएशन ने भी सांकेतिक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल में सिटी बसें, टैक्सी, पहाड़ों की ओर आने-जाने वाली जीप कमांडर, टाटा मैजिक, विक्रम शामिल होंगे.

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उत्तराखंड परिवहन महासंघ के विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि केंद्र सरकार काला कानून बनाकर परिवहन व्यवसायियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगा रही है. मोटर यान अधिनियम-1988 में यथा संशोधित अधिनियम-2019 में जुर्माना राशि में अत्यधिक वृद्धि की गई है. वर्तमान समय में पूरे भारत में ऑटो सेक्टर में मंदी छाई हुई है. वाहनों की खरीद भी ना के बराबर रह गई है. ऐसे में जुर्माना काफी भारी पड़ रहा है.

उन्होंने कहा पूर्व में ही मोटर वाहन स्वामी इंश्योरेंस, फिटनेस फीस, परमिट, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन आदि में ही बढ़ी हुई दर से भुगतान कर रहे हैं. अब हालात ऐसे हैं कि बाजार में भी मंदी का संकट होने से यात्री और माल भाड़ा वाहनों को पर्याप्त मात्रा में कोई काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में सरकार उनके हितों को ध्यान में रखते हुए एक साल तक राहत प्रदान करते हुए पहले की भांति नियमानुसार जुर्माने की वसूली करे.

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उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि परिवहन अधिनियम को लेकर उनके नेतृत्व में परिवहन व्यवसायियों की एक टीम उत्तराखंड परिवहन आयुक्त से मुलाकात करने गई थी, लेकिन वहां से किसी भी तरह का ठोस आश्वासन परिवहन व्यवसायियों को नहीं मिला है.

इसी कारण उत्तराखंड के सभी परिवहन व्यवसायी जिसमें चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति, टैक्सी यूनियन, मैक्सी यूनियन, टेंपो यूनियन, विक्रम यूनियन समेत परिवहन से जुड़े व्यवसायी 11 सितंबर बुधवार को सुबह से लेकर शाम 5:00 बजे तक 1 दिन का सांकेतिक हड़ताल करेंगे.

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उन्होंने कहा कि इस सांकेतिक आंदोलन में आवश्यक वाहनों को चलने दिया जाएगा. जिसमें दूध वाहन, सब्जी के वाहन शामिल नहीं होंगे. पहाड़ पर आवाजाही के लिए प्राइवेट बस, मैक्स जैसे वाहन लाइफ लाइन माने जाते हैं, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश सिंह सम्राट ने कहा कि सरकार ने रोड सेफ्टी बिल में अवैध तरीके से दस से पचास फीसदी तक जुर्माना राशि का प्रावधान लगाया है. सरकार को इस बिल को लागू करने से पहले उनके संगठनों से सलाह लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल का फैसला लिया है. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वो पूरे देश में चक्का करेंगे.

Intro:बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था और सड़कों में हो रही दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया है। जिसके बाद देहरादून के परिवहन व्यवसायियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कल सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद पर्वतीय जिलों में आने जाने वाले लोगों को भी अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिये भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जीप कमांडर एसोसिएशन ने भी सांकेतिक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना बढ़ाने से परिवहन कारोबारी नाराज चल रहे हैं, इस हड़ताल में सिटी बसें,टैक्सी, पहाड़ों की ओर आने जाने वाली जीप कमांडर, टाटा मैजिक, विक्रम शामिल होंगे। जिसके बाद


Body: इस संबंध में उत्तराखंड परिवहन महासंघ से जुड़े विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा काला कानून बनाकर परिवहन व्यवसाई पर छोटे छोटे अपराध करने पर इस भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मोटर यान अधिनियम 1988 में यथा संशोधित अधिनियम 2019 में जुर्माना राशि में अत्यधिक वृद्धि की गई है। जिससे मोटर वाहन व्यवसाई महान चलाने में असमर्थ हैं क्योंकि वर्तमान समय में पूरे भारतवर्ष में ऑटो सेक्टर में मंदी छाई हुई है। और वाहनों की खरीद भी ना के बराबर रह गई है। उन्होंने कहा पूर्व में ही मोटर वाहन स्वामी इंश्योरेंस, फिटनेस फीस ,परमिट ,लाइसेंस रजिस्ट्रेशन आदि में ही बढ़ी हुई दर से भुगतान कर रहे हैं। वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि बाजार में भी मंदी का संकट होने से ना ही यात्री और ना ही माल भाड़ा वाहनों को पर्याप्त मात्रा में कोई काम मिल रहा है। ऐसे में सरकार उनके हितों को ध्यान में रखते हुए 1 वर्ष तक राहत प्रदान करते हुए पूर्व की भांति नियमानुसार जुर्माना वसूल करें।
बाईट- विजय वर्धन डंडरियाल, उत्तराखंड परिवहन महासंघ


Conclusion: गौर है कि मोटर वाहन व्यवसायियों के हड़ताल पर जाने के बाद महानगर परिवहन सेवा के पहिये जाम होने जा रहे हैं, जिसके बाद आम जनमानस के लिये सुलभ यातायात संचालन कहीं जाने वाली परिवहन सेवा के हड़ताल मे जाने के बाद भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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