सूरजकुंड/देहरादून: देश की आंतरिक सुरक्षा (internal security of country) को लेकर हरियाणा के सुरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया (contemplation camp in Surajkund) है. इस चिंतन शिविर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल (Union Home Minister Amit Shah) हुए. अमित शाह सभी राज्यों के गृहमंत्रियों के साथ बैठक की. इस दौरान अगले 25 सालों में देश की आंतरिक सुरक्षा के रोडमैप को लेकर चर्चा हुई. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar singh Dhami) ने भी इस बैठक में प्रतिभाग किया है. इस दौरान सीएम धामी ने पुलिस मॉडर्नाइजेशन के लिए मांगे 750 करोड़ का पैकेज मांगा है.
चिंतन शिविर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान में कानून-व्यवस्था को संभालने का जिम्मा राज्य को दिया गया है, लेकिन अब तकनीक के बढ़ावे के साथ कई ऐसे कानून भी अस्तित्व में आए हैं, जिनकी कोई सीमा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि कानून-व्यवस्था की परिस्थिति का विषय जब राज्य का जिम्मा है. उस वक्त सीमा रहित अपराधों का मुकाबला करने के लिए सभी राज्य मिल कर इस पर चिंतन करें और रणनीति बनाए.
समान नागरिक संहिता पर बोले सीएम: इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य कठिन एवं दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों से युक्त राज्य है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं चीन और नेपाल से लगती है. इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्य का सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है. विशेष समिति की रिपोर्ट आने के बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी. इससे सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में गुणात्मक सुधार होगा.
पलायन बड़ी समस्या: उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों से खाली हो रहे गांवों को लेकर भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंता व्यक्त की है. सीमांत जिलों से पलायन होना अत्यन्त चुनौतीपूर्ण रहा है. पलायन को रोकने के लिए पिछले 5 से 6 सालों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली में 13 सड़कों का लगभग 600 किमी निर्माण कार्य गतिमान है, जिसमें से 4 सड़कों का लगभग 150 किमी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद पिथौरागढ़ में नेपाल सीमा से लगे छारछुम नामक स्थान पर हाल ही में एक पुल का शिलान्यास किया गया.
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जिसके पूर्ण होने पर सामारिक रूप से महत्वपूर्ण इस सीमांत क्षेत्र के नागरिकों का आवागमन सहज एवं सुगम हो सकेगा. हाल ही में बदरीनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में गांवों की महत्ता को रेखांकित करते हुये सीमांत गांव माणा को देश के अंतिम गांव की जगह प्रथम गांव की संज्ञा दी है. जिसके लिये प्रधानमंत्री ने भी अपनी संस्तुति दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत गांव देश के प्रथम प्रहरी है और इनका समुचित विकास करना हमारा कर्तव्य है. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा बनाये रखने हेतु राज्य सरकार द्वारा इन क्षेत्रों से हो रहे स्थानीय निवासियों के पलायन को रोकने और उन्हें यहीं पर चिकित्सा स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा एवं रोजगार इत्यादि की सुविधा प्रदान किये जाने के प्रयास शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर किये जा रहें है.
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय युवाओं को एनसीसी से जोड़े जाने का अभियान गतिमान है. इसी प्रकार सीमाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के 10 हजार सेवानिवृत्त सैनिकों, अर्द्धसैनिकों एवं युवाओं को सीमा सुरक्षा के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कर उन्हें राज्य के सीमान्त जिलों में तैनात किये जाने हेतु हम "हिम प्रहरी" योजना पर काम कर रहे है, जिसमें 05 करोड़ रुपये प्रतिमाह का सहयोग केन्द्र सरकार से अपेक्षित है.
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन सम्बन्धी गतिविधियों में वृद्धि हेतु इनर लाइन प्रतिबन्धों पर छूट प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा राज्य की आंतरिक सुरक्षा से संबधिंत चुनौतियों का भी दृढ़ता से सामना कर उन पर प्रभावी नियत्रंण स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.