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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्नी के साथ की गायों की पूजा, गोवर्धन पर्व की दी बधाई

देहरादून में गोवर्धन पूजा पर्व पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पत्नी गीता धामी के साथ गायों की पूजा की. उन्होंने प्रदेश वासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई भी दी.

Uttarakhand CM Pushkar Dhami Worship Cows On Govardhan Puja 2022
गायों की पूजा
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Published : Oct 26, 2022, 11:17 AM IST

Updated : Oct 26, 2022, 11:31 AM IST

देहरादूनः पूरे देशभर में गोवर्धन पूजा की जा रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा पर्व के मौके पर गायों की पूजा की. सीएम ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2022) की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है. भारतीय संस्कृति में गाय को सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाली माना गया है. गाय समस्त मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं.
ये भी पढ़ेंः Bhaiya Dooj 2022: भैया दूज पर बन रहा विशेष सिद्धि योग, जानें तिलक लगाने का मुहूर्त

वहीं, सीएम धामी ने प्रदेश की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आएं. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी धर्मपत्नी पत्नी गीता धामी के साथ गायों की पूजा (CM dhami did Govardhan Puja 2022) की.

बता दें कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन नहीं की गई. बल्कि, 26 अक्टूबर यानी आज गायों की पूजा की जा रही है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरीके के भोग लगाए जाते हैं. साथ ही गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है.

क्या है गोवर्धन पूजा कथा: विष्णु पुराण में गोवर्धन पूजा के महत्व का वर्णन मिलता है. बताया जाता है कि देवराज इंद्र को अपनी शक्तियों पर अभिमान हो गया था. भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को चूर करने के लिए एक लीला रची थी. इस कथा के अनुसार एक समय गोकुल में लोग तरह-तरह के पकवान बना रहे थे. हर्षोल्लास के साथ गीत गा रहे थे. यह सब देखकर बाल कृष्ण ने यशोदा माता से पूछा कि, आप लोग किस उत्सव की तैयारी कर रहे हैं.

कृष्ण के सवाल पर मां यशोदा ने कहा कि, हम देवराज इंद्र की पूजा कर रहे हैं. माता यशोदा के जवाब पर कृष्ण ने फिर पूछा कि हम इंद्र की पूजा क्यों करते हैं. तब यशोदा मां ने कहा कि, इंद्र देव की कृपा से अच्छी बारिश होती है. अच्छी बारिश से अन्न की पैदावार होती है. हमारी गायों को चारा मिलता है. माता यशोदा की बात सुनकर कृष्ण ने कहा कि, अगर ऐसा है तो हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए. क्योंकि हमारी गाय वहीं चरती हैं, वहां लगे पेड़-पौधों की वजह से बारिश होती है.

कृष्ण की बात मानकर सभी गोकुल वासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी. यह सब देख देवराज इंद्र क्रोधित हो गए. अपने इस अपमान का बदला लेने के लिए मूसलाधार बारिश शुरू कर दी. प्रलयकारी वर्षा देखकर सभी गोकुल वासी घबरा गए. इस दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई और गोवर्धन पर्वत को छोटी सी अंगुली पर उठा लिया और समस्त ग्राम वासियों को पर्वत के नीचे बुला लिया.

यह देखकर इंद्र ने बारिश और तेज कर दी लेकिन 7 दिन तक लगातार मूसलाधार बारिश के बावजूद गोकुल वासियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. इसके बाद इंद्र को अहसास हुआ कि मुकाबला करने वाला कोई साधारण मनुष्य नहीं हो सकता है. इंद्र को जब यह ज्ञात हुआ कि वह भगवान श्री कृष्ण से मुकाबला कर रहे थे. इसके बाद इंद्र ने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की और स्वयं मुरलीधर की पूजा कर उन्हें भोग लगाया. इस पौराणिक घटना के बाद से गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई.

देहरादूनः पूरे देशभर में गोवर्धन पूजा की जा रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा पर्व के मौके पर गायों की पूजा की. सीएम ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2022) की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है. भारतीय संस्कृति में गाय को सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाली माना गया है. गाय समस्त मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं.
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वहीं, सीएम धामी ने प्रदेश की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आएं. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी धर्मपत्नी पत्नी गीता धामी के साथ गायों की पूजा (CM dhami did Govardhan Puja 2022) की.

बता दें कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन नहीं की गई. बल्कि, 26 अक्टूबर यानी आज गायों की पूजा की जा रही है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरीके के भोग लगाए जाते हैं. साथ ही गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है.

क्या है गोवर्धन पूजा कथा: विष्णु पुराण में गोवर्धन पूजा के महत्व का वर्णन मिलता है. बताया जाता है कि देवराज इंद्र को अपनी शक्तियों पर अभिमान हो गया था. भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को चूर करने के लिए एक लीला रची थी. इस कथा के अनुसार एक समय गोकुल में लोग तरह-तरह के पकवान बना रहे थे. हर्षोल्लास के साथ गीत गा रहे थे. यह सब देखकर बाल कृष्ण ने यशोदा माता से पूछा कि, आप लोग किस उत्सव की तैयारी कर रहे हैं.

कृष्ण के सवाल पर मां यशोदा ने कहा कि, हम देवराज इंद्र की पूजा कर रहे हैं. माता यशोदा के जवाब पर कृष्ण ने फिर पूछा कि हम इंद्र की पूजा क्यों करते हैं. तब यशोदा मां ने कहा कि, इंद्र देव की कृपा से अच्छी बारिश होती है. अच्छी बारिश से अन्न की पैदावार होती है. हमारी गायों को चारा मिलता है. माता यशोदा की बात सुनकर कृष्ण ने कहा कि, अगर ऐसा है तो हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए. क्योंकि हमारी गाय वहीं चरती हैं, वहां लगे पेड़-पौधों की वजह से बारिश होती है.

कृष्ण की बात मानकर सभी गोकुल वासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी. यह सब देख देवराज इंद्र क्रोधित हो गए. अपने इस अपमान का बदला लेने के लिए मूसलाधार बारिश शुरू कर दी. प्रलयकारी वर्षा देखकर सभी गोकुल वासी घबरा गए. इस दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई और गोवर्धन पर्वत को छोटी सी अंगुली पर उठा लिया और समस्त ग्राम वासियों को पर्वत के नीचे बुला लिया.

यह देखकर इंद्र ने बारिश और तेज कर दी लेकिन 7 दिन तक लगातार मूसलाधार बारिश के बावजूद गोकुल वासियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. इसके बाद इंद्र को अहसास हुआ कि मुकाबला करने वाला कोई साधारण मनुष्य नहीं हो सकता है. इंद्र को जब यह ज्ञात हुआ कि वह भगवान श्री कृष्ण से मुकाबला कर रहे थे. इसके बाद इंद्र ने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की और स्वयं मुरलीधर की पूजा कर उन्हें भोग लगाया. इस पौराणिक घटना के बाद से गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई.

Last Updated : Oct 26, 2022, 11:31 AM IST
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