देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कैबिनेट मंत्रियों और नौकरशाहों को लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दफ्तर में बैठकर कोई काम नहीं होगा. जितना काम दफ्तर में बैठने का है, उतना ही काम सड़क पर उतर कर धरातल की स्थिति जानने का भी है. हालांकि धामी के मुख्यमंत्री बनने के लगभग 7 महीने बाद भी लगता है ना तो अधिकारी इस पर ध्यान दे रहे हैं और ना ही कैबिनेट मंत्री. यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इशारों ही इशारों में समझाने का काम कर रहे हैं.
अधिकारियों और कैबिनेट मंत्रियों को आईना दिखा रहे हैं धामी: उत्तराखंड के 13 जिलों की अगर बात करें तो तमाम जिलों में बैठे जिलाधिकारी और एसएसपी अपने दफ्तरों से ही जिले का संचालन कर रहे हैं. बीते दिनों अंकिता हत्याकांड में राजस्व विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हुए तो वहीं अल्मोड़ा में भी इसी तरह का मामला सामने आया था.
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हरिद्वार जहरीली शराब कांड में भी ढीले रहे थे अधिकारी: हरिद्वार शराब कांड में जहां घंटों बाद जिला अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहीं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रमुख और जिले के बड़े अधिकारी भी घंटों बाद पहुंचे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अपनी बैठकों में अधिकारियों को यह निर्देश देने का काम कर रहे हैं कि उन्हें दफ्तरों की कुर्सी छोड़कर जमीन पर भी हालात देखने होंगे.
आपदा के समय भी अफसरों को फटकार लगा चुके हैं धामी: राज्य में विकास कार्यों की गति किस तरह से चल रही है और राज्य की सरकार से आम जनता कितनी खुश है, इस बात का जायजा लेने के लिए खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धामी 13 जिलों में हर हफ्ते विजिट कर रहे हैं. अब तक वह चंपावत, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल और चमोली जैसे जिलों में भ्रमण कर चुके हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस बात को बखूबी जानते हैं कि राज्य गठन के बाद से जिस तरह से राज्य में बैठे नौकरशाहों ने सत्ता में बैठे नेताओं को परेशान किया है, ऐसे में उनके लिए भी बड़ी चुनौती खड़ी है.
गणेश जोशी ने की अफसरों की शिकायत: बीते दिनों राजधानी देहरादून के मालदेवता में आई आपदा के दौरान जब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मौके पर मौजूद थे, तब जिले का कोई भी अधिकारी वहां नहीं पहुंच पाया था. इस बात की सूचना खुद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दी थी. तत्काल मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम को स्थगित कर के मौके पर पहुंचने का कार्यक्रम बनाया. मुख्यमंत्री को मौके पर पहुंचता देख आनन फानन में सभी अधिकारियों की गाड़ियां भी मौके पर दौड़ने लगीं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यहां पहुंचने पर अधिकारियों को यह संदेश दिया कि वह ऐसे हालातों में जनता के बीच पहुंचें ना कि दफ्तरों में बैठकर फोन इधर उधर घूम आएं.
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धामी ले रहे हैं जनता से सरकार और अधिकारियों के कार्य का फीडबैक: इसके साथ ही बीते दिनों अल्मोड़ा और चंपावत जिलों में भी रात्रि विश्राम के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बिना लाव लश्कर के सुबह-सुबह मार्केट में निकल गए. वहां पर उन्होंने आम जनता से बातचीत करके ना केवल सरकार के कामकाज का फीडबैक लिया बल्कि अधिकारियों और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर भी आम जनता से बातचीत की. 2 दिन पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग जिले में भ्रमण कर रहे थे. तब रात्रि विश्राम के बाद सुबह सुबह वह उन दुकानदारों के पास पहुंचे जो चारधाम यात्रा का सही से फीडबैक दे सकते हैं.
व्यापारियों से खुद रूबरू हुए सीएम धामी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां पर व्यापारियों के साथ कुछ समय बिताया और उनसे यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार यात्रा में किसी तरह की कोई दिक्कत परेशानी तो नहीं हुई. यात्रा समापन की ओर है लिहाजा मुख्यमंत्री यह चाहते थे कि अधिकारियों का फीडबैक जो उनके दफ्तर के टेबल पर रखा हुआ है उसमें और धरातल पर क्या स्थिति है. लिहाजा बताया जाता है कि जो व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों के साथ साथ यात्रियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फीडबैक दिया, वह अधिकारियों की रिपोर्ट से बिल्कुल भी मिलता जुलता नहीं था. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम अधिकारियों से एक बार फिर से कड़े लहजे में कहा है कि यात्रा हो या अन्य कार्यक्रम किसी भी तरह की कोई भी कोताही न बरती जाए.
मंगलवार को केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य खुद देखने गए धामी: मंगलवार 11 अक्टूबर को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के फीडबैक के अलावा खुद केदारनाथ और बदरीनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण के कामों को जाकर जायजा लेने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि इसी महीने की 23 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और बदरीनाथ के दौरे पर आ सकते हैं. ऐसे में पुष्कर सिंह धामी मौके पर जाकर खुद ही तमाम व्यवस्थाओं और पुनर्निर्माण के कामों का जायजा ले रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम को यह लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान कोई भी ऐसे हालात ना बनें जिस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां के कामकाज से खुश ना हों. लिहाजा पीएम की विजिट से 10 दिन पहले ही सीएम धामी ने केदारनाथ जाकर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा खुद लिया है.
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कई अधिकारियों की हैं शिकायतें: आपको बता दें कि राज्य में कई अधिकारियों और कैबिनेट मंत्रियों को लेकर राज्य सरकार के पास यह फीडबैक है कि ये अधिकारी दफ्तरों में बैठकर ही पूरा कार्यकाल निकाल देते हैं. इस तरह की कई शिकायतें ना केवल जन प्रतिनिधियों ने दी हैं, बल्कि आम जनता की तरफ से भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं.
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