देहरादूनः आज सचिवालय में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें जोशीमठ में दरार और भू-धंसाव को लेकर अहम फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत जोशीमठ में व्यावसायिक भवनों के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं. ऐसे में 5 स्लैब के मुताबिक ही व्यावसायिक भवनों को मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा प्रभावित परिवारों के स्ठायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प रखे गए हैं.
उत्तराखंड सरकार जोशीमठ प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास करने की कवायद में जुटी हुई है. इसी कड़ी में जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों की भूमि और भवनों के मुआवजे, स्थायी पुनर्वास के लिए पुनर्वास नीति को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. हालांकि, जोशीमठ में भूमि मुआवजा दर का मामला तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के बाद अगली कैबिनेट में लाया जाएगा.
इसी तरह दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल ढाबे आदि) के निर्मित भवन के मुआवजे के निर्धारण के लिए 5 क्षति स्लैब निर्धारित किए गए है. ऐसे क्षति स्लैब के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, किराए पर दुकान चला रहे लोगों को दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.
इन तीन विकल्पों के जरिए प्रभावित परिवारों का होगा स्थायी पुनर्वासः आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प रखे गए हैं. जिसमें से वो एक विकल्प चुन सकते हैं. पहले विकल्प के तहत आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर और भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर ले सकते हैं.
दूसरे विकल्प के तहत आपदा प्रभावित भवन का मुआवजा हासिल करते समय आवासीय भवन के निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी (50 मीटर भवन निर्माण और 25 मीटर गौशाला/अन्य कार्यों के लिए) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है.
तीसरे विकल्प के तहत आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है. अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार की ओर से भवन निर्माण कर दिया जाएगा और 25 मीटर भूमि गौशाला/अन्य कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः Cabinet Decision: उत्तराखंड में जमीनों के सर्किल रेट 15% तक बढ़े, एयरफोर्स के हवाले होगा नैनी सैनी एयरपोर्ट
दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए रखे गए तीन विकल्पः दुकान या अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल ढाबे आदि) के लिए भी कई विकल्प रखे गए हैं. प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यावसायिक भवन/दुकान का मुआवजा निर्धारित दर और भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर ले सकते हैं.
दूसरे विकल्प के तहत आपदा प्रभावित भवन का मुआवजा लेते समय दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए भूमि की मांग करते हैं तो उन्हें दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मी तक की भूमि प्रदान की जाएगी.
इसी के साथ तीसरे विकल्प के तहत अगर आपदा प्रभावित निर्मित दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी.
किराए पर दुकान चलाने वाले प्रभावितों को मिलेगा एकमुश्त दो लाख रुपएः किराए पर रहने वाले परिवारों के रोजगार के लिए व्यवस्था किए जाने का भी प्रावधान है. जिसके तहत यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक साल से अधिक समय से आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराए पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है या उसकी दुकान और भवन असुरक्षित होने से उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे लोगों को एकमुश्त 2 लाख रुपए रुपए दिए जाएंगे. वहीं, रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) क्षति के लिए व्यवस्था तकनीकी संस्थानों की ओर से किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार किया जाएगा.
मुआवजा के लिए प्रभावितों को इन बिंदुओं का रखना होगा ध्यानः यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि/भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो ऐसे परिवारों को सरकारी विभागों की ओर से प्रदत्त विभिन्न देयक बिलों या बिजली बिल, जलकर, सीवर कर, भवन कर आदि के साथ ही शपथ पत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन देयकों के बिल 2 जनवरी 2023 से पहले के होने चाहिए.
भूमि की राहत राशि के भुगतान से पहले उनकी ओर भूमि से संबंधित समस्त देयताएं पूरी होनी चाहिए. संबंधित विभागों की ओर से इस संबंध में No Dues Certificate देने के बाद ही प्रभावितों को राहत राशि का अंतिम भुगतान किया जाएगा. प्रभावित परिवारों को स्वीकृत धनराशि सर्वेक्षण टीम के सर्वे और मापन के आधार पर दी जाएगी.
पुनर्वास पैकेज या राहत सहायता के भुगतान से पहले प्रभावित परिवारों को पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि एक लाख रुपए, गृह अनुदान का समायोजन कर लिया जाएगा. प्रभावित हुए भूमि, भवन या दुकान के स्वामी को विकल्प के अनुसार मुआवजा दिए जाने का काम जोशीमठ उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जाएगा. वहीं, मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित चमोली अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है.
जोशीमठ में 868 घरों में पड़ चुकी दरारेंः बता दें कि जोशीमठ में अभी तक 868 घरों में दरारें आई है. जबकि, 181 भवन असुरक्षित जोन में हैं. जोशीमठ में एनडीआरएफ की 93 सदस्यों वाली 2 टीमें तो एसडीआरएफ की 100 सदस्यों वाली 12 टीमें तैनात हैं. वर्तमान तक मारवाडी के जेपी परिसर में पानी का रिसाव घटकर 17 एलपीएम हो गया है. वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन होटलों को तोड़ने का काम जारी है.
असुरक्षित 3 भवनों को किया जा चुका ध्वस्तः चमोली जिला प्रशासन की मानें तो मनोहरबाग वार्ड में 2 भवन और सुनील वार्ड में 1 भवन को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए गए थे. जिन्हें पूरी तरह से ध्वस्त किया जा चुका है. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है. गौर हो कि एनटीपीसी तोपन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना और हेलंग बाईपास निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई गई है. उधर, प्रभावितों का धरना अभी भी जारी है.
ये भी पढ़ेंः Joshimath Crisis: पर्यावरणविद् अनिल जोशी बोले- तेजी से विकास पहाड़ों के लिए साबित हो रहा खतरनाक