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धामी सरकार के मंत्रियों की मनमर्जी, संगठन और सीएम आदेश के बाद भी नहीं कर रहे जिलों में प्रवास - उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों का रवैया

उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों का रवैया देखकर लग रहा है कि न तो वे संगठन और न ही मुख्यमंत्री को तवज्जो दे रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी संगठन के निर्देशों के बाद भी मंत्री अपने प्रभारी जिलों में रात्रि प्रवास पर नहीं जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार और संगठन दोनों पर तंज कसा है.

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Published : Oct 28, 2022, 1:02 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 7:49 PM IST

देहरादून: धामी सरकार के मंत्रियों को जिलों का प्रभार तो मिल गया है, लेकिन वो जिलों के प्रवास पर नहीं जा रहे हैं. हालांकि संगठन इस मामले पर कई बार कह चुका है. बावजूद इसके मंत्री रात्रि प्रवास पर जाने से कतरा रहे हैं. मंत्रियों के इस रवैये पर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में फिलहाल 8 मंत्री हैं. मुख्यमंत्री का पद संभालते ही सीएम धामी ने जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की घोषणा कर दी थी. बावजूद इसके अभी तक जिलों में प्रभारी मंत्री प्रवास पर नहीं गए हैं. हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं.

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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह जिलों के प्रभारी मंत्रियों से इस बात की अपेक्षा करते हैं कि वह जिलों में जाकर रात्रि प्रवास करें और वहां पर लोगों की समस्या सुनें. जिले के विकास को लेकर खाका तैयार करें.

धामी सरकार के मंत्रियों की इस कार्यशैली पर जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूर्व में कुछ मंत्रियों ने जिलों का प्रवास किया है. हालांकि रात्रि प्रवास न कर के कुछ मंत्रियों द्वारा एक दिवसीय दौरे भी जिलों में किए गए हैं. हालांकि अब एक बार फिर से संगठन ने मंत्रियों और विधायकों को लेकर राज्य भर में प्रवास को लेकर रणनीति तैयार की है. साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक जिलों का विस्तार करके नई टीम भी गठित कर देगी. जिसके बाद जिलों में और मंडलों पर भी किस जगह पर कौन सा मंत्री और विधायक रात्रि प्रवास करेगा, इसकी भी रणनीति तैयार की जाएगी.

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पढ़ें- मसूरी एसडीएम शैलेंद्र नेगी ने किया सड़कों का निरीक्षण, लापरवाही पर जमकर लगाई फटकार

हालांकि कुछ मंत्री सीएम धामी और संगठन के निर्देशों को तवज्जों भी दे रही है. इन्ही में से एक है. कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा. कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा 4 सितंबर को बागेश्वर जिले में रात्रि विश्राम किया गया और उसके बाद 5 सितंबर से लेकर 7 सितंबर को रुद्रप्रयाग जिले में प्रवास किया. इस दौरान उनके द्वारा रुद्रप्रयाग जिले के दो अलग-अलग जगहों पर रात्रि विश्राम किया गया. इससे पहले भी वह रुद्रप्रयाग जिले की जिला योजना बैठकों में शामिल हुए. वह इसके अलावा सतपाल महाराज द्वारा हरिद्वार जिले में कई बार जिला योजना की बैठकों में और हरिद्वार पंचायत चुनाव के दौरान दौरे किए गए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी कुछ एक दौरे उधम सिंह नगर में लगाएं हैं. लेकिन कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने केवल एक टिहरी जिले में एक जिला योजना की बैठक में भाग लेकर इतिश्री कर दी गई और उनके द्वारा टिहरी और उत्तरकाशी जिले में ना तो रात्रि प्रवास किया गया और ना ही जनता दरबार लगाया गया. वही सुबोध उनियाल क्योंकि देहरादून में ही रहते हैं और उनकी विधानसभा अभी देहरादून से सटी हुई है तो उन पर जिलों के दौरे को लेकर कोई खासा दबाव नहीं है. कमोवेश बाकी सारे मंत्रियों के यही हाल है.

कांग्रेस को मिला निशाना साधने का मौका: वहीं इस बारे में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि सरकार केवल प्रदेश में विकास की खोखली बातें करती है. धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जहां एक तरफ सरकार प्रदेश भर के सभी विधायकों से उनकी विधानसभा सीटों में 10-10 योजनाओं के प्रस्ताव मांग रही है, लेकिन अभी तक सरकार अपने मंत्रियों को उनके प्रभारी जिले में नहीं भेज पाई है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने मंत्रियों पर यह भी आरोप है कि वह सरकार और संगठन द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद भी नहीं सुन रहे हैं जिससे साफ पता चलता है कि उत्तराखंड में मौजूद वर्तमान सरकार अपने मंत्रियों को काबू में करने में असफल साबित हुआ है. धामी सरकार में मंत्री बेलगाम हो रहे है.

देहरादून: धामी सरकार के मंत्रियों को जिलों का प्रभार तो मिल गया है, लेकिन वो जिलों के प्रवास पर नहीं जा रहे हैं. हालांकि संगठन इस मामले पर कई बार कह चुका है. बावजूद इसके मंत्री रात्रि प्रवास पर जाने से कतरा रहे हैं. मंत्रियों के इस रवैये पर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में फिलहाल 8 मंत्री हैं. मुख्यमंत्री का पद संभालते ही सीएम धामी ने जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की घोषणा कर दी थी. बावजूद इसके अभी तक जिलों में प्रभारी मंत्री प्रवास पर नहीं गए हैं. हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं.

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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह जिलों के प्रभारी मंत्रियों से इस बात की अपेक्षा करते हैं कि वह जिलों में जाकर रात्रि प्रवास करें और वहां पर लोगों की समस्या सुनें. जिले के विकास को लेकर खाका तैयार करें.

धामी सरकार के मंत्रियों की इस कार्यशैली पर जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूर्व में कुछ मंत्रियों ने जिलों का प्रवास किया है. हालांकि रात्रि प्रवास न कर के कुछ मंत्रियों द्वारा एक दिवसीय दौरे भी जिलों में किए गए हैं. हालांकि अब एक बार फिर से संगठन ने मंत्रियों और विधायकों को लेकर राज्य भर में प्रवास को लेकर रणनीति तैयार की है. साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक जिलों का विस्तार करके नई टीम भी गठित कर देगी. जिसके बाद जिलों में और मंडलों पर भी किस जगह पर कौन सा मंत्री और विधायक रात्रि प्रवास करेगा, इसकी भी रणनीति तैयार की जाएगी.

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हालांकि कुछ मंत्री सीएम धामी और संगठन के निर्देशों को तवज्जों भी दे रही है. इन्ही में से एक है. कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा. कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा 4 सितंबर को बागेश्वर जिले में रात्रि विश्राम किया गया और उसके बाद 5 सितंबर से लेकर 7 सितंबर को रुद्रप्रयाग जिले में प्रवास किया. इस दौरान उनके द्वारा रुद्रप्रयाग जिले के दो अलग-अलग जगहों पर रात्रि विश्राम किया गया. इससे पहले भी वह रुद्रप्रयाग जिले की जिला योजना बैठकों में शामिल हुए. वह इसके अलावा सतपाल महाराज द्वारा हरिद्वार जिले में कई बार जिला योजना की बैठकों में और हरिद्वार पंचायत चुनाव के दौरान दौरे किए गए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी कुछ एक दौरे उधम सिंह नगर में लगाएं हैं. लेकिन कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने केवल एक टिहरी जिले में एक जिला योजना की बैठक में भाग लेकर इतिश्री कर दी गई और उनके द्वारा टिहरी और उत्तरकाशी जिले में ना तो रात्रि प्रवास किया गया और ना ही जनता दरबार लगाया गया. वही सुबोध उनियाल क्योंकि देहरादून में ही रहते हैं और उनकी विधानसभा अभी देहरादून से सटी हुई है तो उन पर जिलों के दौरे को लेकर कोई खासा दबाव नहीं है. कमोवेश बाकी सारे मंत्रियों के यही हाल है.

कांग्रेस को मिला निशाना साधने का मौका: वहीं इस बारे में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि सरकार केवल प्रदेश में विकास की खोखली बातें करती है. धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जहां एक तरफ सरकार प्रदेश भर के सभी विधायकों से उनकी विधानसभा सीटों में 10-10 योजनाओं के प्रस्ताव मांग रही है, लेकिन अभी तक सरकार अपने मंत्रियों को उनके प्रभारी जिले में नहीं भेज पाई है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने मंत्रियों पर यह भी आरोप है कि वह सरकार और संगठन द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद भी नहीं सुन रहे हैं जिससे साफ पता चलता है कि उत्तराखंड में मौजूद वर्तमान सरकार अपने मंत्रियों को काबू में करने में असफल साबित हुआ है. धामी सरकार में मंत्री बेलगाम हो रहे है.

Last Updated : Oct 28, 2022, 7:49 PM IST
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