देहरादून: उत्तराखंड में इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने में निकाय चुनाव होने हैं. वहीं, 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा आगामी चुनाव में परचम लहराने के लिए मेगा प्लान पर काम कर रही है. जिसके तहत भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव में हारी 23 विधानसभा सीटों पर फोकस कर रही है. वहीं, इन विधानसभा सीटों पर भाजपा ने सांसदों और विधायकों को पार्टी को मजबूत करने का काम दे दिया है.
चुनावी रणनीति में जुटी बीजेपी: आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपने सांसद, विधायक और कार्यकर्ताओं को ‘ग्रास रूट’ पर सभी विधानसभा सीटों में संगठन को मजबूत करने का टास्क दिया है. उत्तराखंड में इस साल अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा तैयारी में जुटी हुई है. अब भाजपा अपने सांसदों और विधायकों को मैदान में उतारने जा रही है. इतना ही नहीं भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में हारी 23 सीटों के लिए विशेष रणनीति बनाने जा रही है.
हारी हुई सीटों पर भाजपा का विशेष फोकस: भाजपा की रणनीति के तहत इन सभी विधानसभा क्षेत्र में सांसद और विधायक जनता से न सिर्फ संवाद करेंगे, बल्कि इस क्षेत्रों में आयोजित होने वाले तमाम कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे. मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में आयोजित कार्यक्रमों में केंद्र सरकार और समाज की कल्याणकारी योजनाओं के साथ राज्य सरकार की उपलब्धियों पर भी चर्चा होगी. इस कार्यक्रम के जरिए, नगर निकाय चुनाव के लिए भी माहौल तैयार किया जाएगा. ताकि निकाय चुनावों में भाजपा अच्छा प्रदर्शन कर सके.
लोकसभा चुनाव में जीत बड़ी चुनौती: गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक भाजपा ने उत्तराखंड में हुए सभी चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की है. ऐसे में अपने इस प्रदर्शन को आगामी चुनावों में बरकरार रखना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. विधानसभा चुनाव 2022 के बाद भाजपा संगठन के लिए नगर निकाय और लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करना एक कड़ी परीक्षा है. बता दें कि राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर 2014 और 2019 में हुए चुनाव में भाजपा ने सभी सीटों पर कब्जा जमाया था. ऐसे में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी जीत को दोहराने के लिए भाजपा रणनीति तैयार कर रही है.
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निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी: भाजपा ने साल 2018 में हुए निकाय चुनाव में भी अपना दबदबा कायम रखा था. हालांकि, वर्तमान समय में राज्य में नगर निकायों की संख्या बढ़कर 102 हो गई है. जबकि पिछली बार निकायों की संख्या 92 थी. ऐसे में नगर निगम में दूसरी बार फिर से परचम लहराने को लेकर भाजपा काम कर रही है. जिसके मद्देनजर भाजपा संगठन का केंद्रीय और प्रांतीय नेतृत्व अभी से चुनावी तैयारियों को गंभीरता से ले रहा है. ताकि अपनी जीत को बरकरार रखा जा सके. यही वजह है कि भाजपा अपने सांसदों और विधायकों की भागीदारी को समाहित करते हुए तमाम कार्यक्रम तय कर रही है. इसमें भी उस क्षेत्रों पर पार्टी का विशेष फोकस है, जहां पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था या फिर पार्टी को बड़ी मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था.
भाजपा की रणनीति पर कांग्रेस हमलावर: आगामी चुनावों को लेकर भाजपा के मेगा प्लान पर कांग्रेस हमलावर नजर आ रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शिशुपाल सिंह ने कहा सत्ताधारी पार्टी भाजपा विकास कार्यों पर ध्यान देना छोड़कर, हमेशा ही चुनावी मूड में रहती है. भाजपा का काम ही सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट करने का है. बीजेपी चुनाव आधारित पार्टी है और वह लगातार चुनाव कराने में व्यस्त रहती है. उत्तराखंड में इस समय बेरोजगारी चरम पर है. इस पर ध्यान देने के बजाय बीजेपी चुनाव कराने में लगी हुई है. उनके मंत्री चुनाव प्रचार में दूसरे राज्यों में गए हुए हैं. इससे स्पष्ट है कि बीजेपी जनता के मुद्दों को न उठाकर सिर्फ चुनाव आधारित पार्टी बनकर रह गई है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार: वहीं, कांग्रेस के हमले पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता शादाब शम्स ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. कांग्रेस सिर्फ चुनाव में उठा-पटक करना जानती है. कांग्रेस को न तो जनता से, न उनके मुद्दों से और तो और अपने संगठन से भी कुछ लेना देना नहीं है. वहीं, भाजपा चुनावों में जिन सीटों को हारती है, उन सीटों को जीतने के लिए काम करती है. इसके लिए वहां के लोगों की जरूरतों को जानने के साथ ही उनका भरोसा जीतने का भी काम करती है.