देहरादूनः उत्तराखंड में खुद को नर्सिंग संविदा कर्मी के तौर पर बता रही दो युवतियों की वायरल ऑडियो प्रदेश की राजनीति में बहस का मुद्दा बन गई है. विपक्षी दलों ने सरकार पर नर्सिंग भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. दूसरी तरफ भाजपा ने भी मुद्दे को विपक्ष के लिए सॉफ्ट टारगेट बनने से पहले ही खुद जांच की मांग उठा दी है.
उत्तराखंड में संविदा नर्सिंग स्टाफ कर्मियों के बीच बातचीत का ऑडियो और व्हाट्सएप चैट वायरल हो रहा है. जिसमें संविदा नर्सिंग कर्मियों के नियमितीकरण के लिए पैसों के लेनदेन से जुड़ी बातें की जा रही हैं. सबसे पहले ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. ईटीवी भारत न केवल वायरल ऑडियो के पीछे के सच को जनता के सामने लाया. बल्कि नर्सिंग कर्मियों के वायरल व्हाट्सएप चैट की भी कुछ तस्वीरें खबर में प्रकाशित की.
ये भी पढ़ेंः कटघरे में तीरथ सरकार, नियुक्तियों में धांधली का आरोप! चैट और ऑडियो वायरल
विपक्ष ने बनाया मुद्दा
इस मामले में बड़ी धांधली होने का अंदेशा जताया जा रहा है. हालांकि मामले का खुलासा जांच के बाद ही होगा. लिहाजा विपक्षी दलों ने इस मामले पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. आम आदमी पार्टी ने भाजपा की चौतरफा निंदा करनी शुरू कर दी है. उधर कांग्रेस भी इस मुद्दे को लपकते हुए तीरथ सरकार पर हमलावर है.
खबर प्रकाशित होने के बाद जागी भाजपा
हालांकि ईटीवी भारत ने जब यह मामला उठाया तो भाजपा नेता अपनी सरकार का बचाव करते हुए मामले को गलत ठहरा रहे थे. लेकिन व्हाट्सएप चैट सामने आने के बाद अब भाजपा के नेताओं ने ही प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग उठा दी है.
भाजपा ने उठाई जांच की मांग
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स ने सरकार से गुजारिश की है कि वह इस मामले जांच करे. ताकि ऐसे लोगों का पर्दाफाश हो सके जो पैसों के लेनदेन के जरिए नौकरी पाना चाहते हैं.
क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर एक ऑडियो और चैट वायरल हो रहा है. जिसमें दो युवतियां नर्सिंग कर्मियों के नियमितीकरण के लिए पैसों की लेनदेन से जुड़ी बातें कर रही हैं. कथित ऑडियो में एक तरफ 500 एनएचएम संविदा नर्सिंग कर्मियों से एक-एक लाख रुपये इकट्ठा कर ₹5 करोड़ रुपये जुटाने की बात कही जा रही है. दूसरी तरफ यह भी दावा किया जा रहा है कि अब तक नर्सिंग भर्ती परीक्षा के स्थगित होने में भी इन्हीं कर्मियों का हाथ है.
ऑडियो क्लिप में एक युवती दो अलग-अलग युवतियों से फोन पर कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर बनाई गई योजना की जानकारी लेते सुनाई दे रही हैं. हालांकि, यह ₹5 करोड़ किसको देने हैं. इस पर खुलासा नहीं हुआ. लेकिन इसमें किसी बड़े स्तर के शख्स से नियमितीकरण कराने की बात की जा रही है. जाहिर है कि इस ऑडियो के वायरल होने के बाद अब तीरथ सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई है.
ईटीवी भारत के पास सबूत
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो हमारे हाथ कुछ ऐसे व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट सबूत के तौर पर मिले हैं. जिसमें नर्सिंग कर्मियों के द्वारा इस मामले पर बेहद संदिग्ध बातें लिखी गई हैं. इस चैट से जाहिर होता है कि नर्सिंग संविदा कर्मियों ने कुछ ऐसी योजना बनाई थी जो सही नहीं थी. व्हाट्सएप चैट में नर्सिंग कर्मी इस मामले को सभी से छुपाने और मामले पर खुले रूप से नहीं बोलने की हिदायत दे रहे हैं. चैट में उस युवती का भी नाम लिया जा रहा है, जिसने यह ऑडियो लीक किया है.
ऑडियो में 10 जुलाई को परीक्षा का दावा
इस मामले में विभिन्न अस्पतालों में संविदा पर काम कर रहे नर्सिंग कर्मी परीक्षा को स्थगित करने के साथ खुद के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. इन कर्मियों की तरफ से लगातार कई मंत्रियों से भी मुलाकात कर अपनी शर्तों को रखा गया है. उधर कथित ऑडियो में कथित नर्सिंग कर्मी परीक्षा स्थगित करने के पीछे किसी विशेष वजह का जिक्र कर रहे हैं. यही नहीं, कथित ऑडियो में 10 जुलाई के आसपास परीक्षा होने तक का दावा किया जा रहा है. ऐसे में एक-एक लाख का कलेक्शन जल्द से जल्द करने की बात हो रही है.