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उत्तराखंड बीजेपी की पहली लिस्ट में 10 विधायकों के कटे टिकट, इनके उम्मीदों पर फिरा पानी

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Published : Jan 20, 2022, 4:29 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 5:37 PM IST

उत्तराखंड बीजेपी में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के साथ ही 10 विधायकों के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. जिसमें खानपुर से कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, यमकेश्वर विधानसभा से रितु खंडूरी, द्वाराहाट से महेश नेगी, गंगोलीहाट से मीना गंगोला समेत अन्य सिटिंग विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया गया है.

Uttarakhand BJP cut ticket
उत्तराखंड बीजेपी में टिकट कटे

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. उत्तराखंड बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन टिकट को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी, वो कुछ हद तक सही निकली है. दरअसल, पार्टी ने 59 प्रत्याशियों के नाम जारी किए हैं. इस पहली सूची में ही 10 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. जबकि, अभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है और इनमें भी कई विधायकों के टिकट कटने की संभावना है.

उत्तराखंड बीजेपी ने 59 विधानसभा में प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. इन सीटों पर 2017 में काबिज 10 विधायकों के टिकट काटे गए हैं. इस तरह देखा जाए तो राज्य में बीजेपी ने अपनी पहली सूची में ही 10 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं. खास बात ये है कि कई बार के विधायक बलवंत सिंह भौर्याल का भी टिकट काटा गया है. उधर, 2017 में विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले रघुनाथ सिंह चौहान का भी टिकट काट दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड बीजेपी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी, 59 उम्मीदवारों में 6 महिलाओं को टिकट, खटीमा से लड़ेंगे धामी

इन विधायकों का कटा टिकट

Uttarakhand BJP cut ticket
इन विधायकों का कटा टिकट.

अब जानिए क्यों कटे टिकट-

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का कटा टिकट, लेकिन पत्नी लड़ेंगे चुनावः कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन हमेशा विवादित बयानों और अलग-अलग कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहे. चैंपियन के बयानों और कारनामों की वजह से कई बार पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, बीजेपी ने कई बार चैंपियन को हिदायत भी दी, लेकिन जब वो नहीं माने तो बाद में उन्हें पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.

चैंपियन साल 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बागवत कर नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीत कर आए थे. इससे पहले चैंपियन का तमंचों और शराब के साथ फिल्‍मी गाने पर ठुमकों का वीडियो भी वायरल हुआ था. इतना ही नहीं मामला तब पेचीदा हो गया, जब एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ बदसलूकी कर दी. जिस पर तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. जिसके बाद संगठन ने कार्रवाई अमल में लाते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया.

9 जुलाई 2019 को उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इस वीडियो में वो राज्य के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहे थे. जिसके बाद बीजेपी ने 22 जून को अनुशासनहीनता के आरोप में चैंपियन की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तीन माह के लिए निलंबित कर दी थी. इन्हीं सब घटनाओं के बाद पार्टी पर चैंपियन को निष्कासित करने का प्रेशर था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. वहीं, चैंपियन को बीजेपी ने बाहर का रास्ता तो दिखाया, लेकिन 13 महीनों के भीतर ही वापस पार्टी में ले लिया गया है. हालांकि, इस बार कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन खुद ही पार्टी से अपनी पत्नी को टिकट देने की मांग कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः मसूरी से गणेश जोशी का टिकट फाइनल, भाजपा कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह

यौन शोषण मामले ने महेश नेगी को दिखाया बाहर का रास्ताः यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी ने भी पार्टी की जमकर किरकिरी करवाई. दरअसल, साल 2020 के अगस्त महीने में विधायक की पत्नी ने एक महिला पर विधायक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. मामले में नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद महिला सामने आई और विधायक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. इस पर महिला ने कोर्ट की शरण ली.

कोर्ट के आदेश पर 6 सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में विधायक महेश नेगी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में नेहरू कॉलोनी पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी, लेकिन तत्कालीन आईजी रेंज के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस कराया गया और फिर जांच को महिला थाना श्रीनगर ट्रांसफर किया गया. महिला ने स्थानीय कोर्ट में अपनी बेटी के डीएनए के साथ विधायक का डीएनए मैच कराने को प्रार्थनापत्र दिया था.

ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक भरत सिंह चौधरी का रिपोर्ट कार्ड

मामला नैनीताल हाईकोर्ट भी पहुंचा. जहां बीती 10 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी की याचिका की सुनवाई (MLA Mahesh Negi Sexual Abuse Case) करते हुए निस्तारित कर दिया. कोर्ट के मुताबिक, विधायक के खिलाफ रेप करने की पुष्टि नहीं हुई. इस मामले में सूबे में जमकर सियासत भी हुई. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश की. अब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है.

हरभजन सिंह चीमा ने बेटे को दिलाया टिकटः काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा का टिकट काटकर उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया गया है. यहां भी हरभजन सिंह चीमा ने ही अपने बेटे के लिए पैरवी की थी. ऐसे में हरभजन सिंह भले ही खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हों, लेकिन अपने बेटे को टिकट दिलाने में कामयाब रहे. ऐसे में मान सकते हैं कि उनका टिकट कटने से कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, हरभजन चीमा की जगह उनके बेटे कितना जनाधार लाएंगे ये देखने वाली बात होगी.

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. उत्तराखंड बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन टिकट को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी, वो कुछ हद तक सही निकली है. दरअसल, पार्टी ने 59 प्रत्याशियों के नाम जारी किए हैं. इस पहली सूची में ही 10 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. जबकि, अभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है और इनमें भी कई विधायकों के टिकट कटने की संभावना है.

उत्तराखंड बीजेपी ने 59 विधानसभा में प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. इन सीटों पर 2017 में काबिज 10 विधायकों के टिकट काटे गए हैं. इस तरह देखा जाए तो राज्य में बीजेपी ने अपनी पहली सूची में ही 10 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं. खास बात ये है कि कई बार के विधायक बलवंत सिंह भौर्याल का भी टिकट काटा गया है. उधर, 2017 में विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले रघुनाथ सिंह चौहान का भी टिकट काट दिया गया है.

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इन विधायकों का कटा टिकट

Uttarakhand BJP cut ticket
इन विधायकों का कटा टिकट.

अब जानिए क्यों कटे टिकट-

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का कटा टिकट, लेकिन पत्नी लड़ेंगे चुनावः कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन हमेशा विवादित बयानों और अलग-अलग कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहे. चैंपियन के बयानों और कारनामों की वजह से कई बार पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, बीजेपी ने कई बार चैंपियन को हिदायत भी दी, लेकिन जब वो नहीं माने तो बाद में उन्हें पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.

चैंपियन साल 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बागवत कर नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीत कर आए थे. इससे पहले चैंपियन का तमंचों और शराब के साथ फिल्‍मी गाने पर ठुमकों का वीडियो भी वायरल हुआ था. इतना ही नहीं मामला तब पेचीदा हो गया, जब एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ बदसलूकी कर दी. जिस पर तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. जिसके बाद संगठन ने कार्रवाई अमल में लाते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया.

9 जुलाई 2019 को उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इस वीडियो में वो राज्य के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहे थे. जिसके बाद बीजेपी ने 22 जून को अनुशासनहीनता के आरोप में चैंपियन की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तीन माह के लिए निलंबित कर दी थी. इन्हीं सब घटनाओं के बाद पार्टी पर चैंपियन को निष्कासित करने का प्रेशर था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. वहीं, चैंपियन को बीजेपी ने बाहर का रास्ता तो दिखाया, लेकिन 13 महीनों के भीतर ही वापस पार्टी में ले लिया गया है. हालांकि, इस बार कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन खुद ही पार्टी से अपनी पत्नी को टिकट देने की मांग कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः मसूरी से गणेश जोशी का टिकट फाइनल, भाजपा कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह

यौन शोषण मामले ने महेश नेगी को दिखाया बाहर का रास्ताः यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी ने भी पार्टी की जमकर किरकिरी करवाई. दरअसल, साल 2020 के अगस्त महीने में विधायक की पत्नी ने एक महिला पर विधायक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. मामले में नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद महिला सामने आई और विधायक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. इस पर महिला ने कोर्ट की शरण ली.

कोर्ट के आदेश पर 6 सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में विधायक महेश नेगी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में नेहरू कॉलोनी पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी, लेकिन तत्कालीन आईजी रेंज के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस कराया गया और फिर जांच को महिला थाना श्रीनगर ट्रांसफर किया गया. महिला ने स्थानीय कोर्ट में अपनी बेटी के डीएनए के साथ विधायक का डीएनए मैच कराने को प्रार्थनापत्र दिया था.

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मामला नैनीताल हाईकोर्ट भी पहुंचा. जहां बीती 10 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी की याचिका की सुनवाई (MLA Mahesh Negi Sexual Abuse Case) करते हुए निस्तारित कर दिया. कोर्ट के मुताबिक, विधायक के खिलाफ रेप करने की पुष्टि नहीं हुई. इस मामले में सूबे में जमकर सियासत भी हुई. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश की. अब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है.

हरभजन सिंह चीमा ने बेटे को दिलाया टिकटः काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा का टिकट काटकर उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया गया है. यहां भी हरभजन सिंह चीमा ने ही अपने बेटे के लिए पैरवी की थी. ऐसे में हरभजन सिंह भले ही खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हों, लेकिन अपने बेटे को टिकट दिलाने में कामयाब रहे. ऐसे में मान सकते हैं कि उनका टिकट कटने से कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, हरभजन चीमा की जगह उनके बेटे कितना जनाधार लाएंगे ये देखने वाली बात होगी.

Last Updated : Jan 20, 2022, 5:37 PM IST
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