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बिल्डिंग बाइलॉज तैयार करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, 18 जुलाई को होगी वर्कशाप

आपदा के मुहाने पर बैठे उत्तराखंड राज्य में मानव निर्मित निर्माणों पर नियंत्रण जरूरी है. क्योंकि, आपदा की स्थिति में सबसे पहला असर उन्हीं पर देखने को मिलता है. ऐसे में भवन निर्माण को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने विशेषज्ञों से पूरे राज्य में एक अध्ययन करवाया है. जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को देहरादून में एक उच्च स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने राज्य में बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर अध्यन करवाया है.
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Published : Jul 13, 2019, 3:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने राज्य में बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर एक अध्ययन करवाया है. जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को देहरादून में एक अहम वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. इस वर्कशॉप में देश-विदेश से तमाम विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे. साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने आपदा को ध्यान में रखते हुए बिल्डिंग बाइलॉज तैयार किया है.

आगामी 18 जुलाई को देहरादून एक बड़ी अहम वर्कशॉप होने जा रही है.
बता दें कि उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत आईटीआई, सीबीआरआई और इसरो ने विशेषज्ञों ने पूरे राज्य का अध्ययन किया है. जिसके तहत आगामी 18 जुलाई को देहरादून में देश के सभी प्रतिष्ठित संस्थान जैसे सीबीआरआई, आईआईटी, हिमालयन वाडिया इंस्टिट्यूट, दिल्ली, जम्मू एंड कश्मीर और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के एसडीएमए मोजूद रहेंगे. साथ ही इस मौके पर जापान और वाशिंगटन के विशेषज्ञ भी शिरकत करेंगे.

उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है. जिसने आपदा के मद्देनजर अपना बिल्डिंग बाइलॉज बनाया है. साथ ही अन्य कई राज्यों ने भी उत्तराखंड से बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर सुझाव मांगें हैं. जोशी ने बताया कि इस कार्य में उत्तराखंड के प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों और तामम विशेषज्ञों की मदद ली गई है. जिसके बाद अध्ययन के आधार पर ही उत्तराखंड के तमाम निर्माण के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण जैसे कि एमडीडीए और एसडीए इस पर मंथन इसे अपनी दीर्घ कालीन नीति में शामिल करेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने राज्य में बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर एक अध्ययन करवाया है. जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को देहरादून में एक अहम वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. इस वर्कशॉप में देश-विदेश से तमाम विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे. साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने आपदा को ध्यान में रखते हुए बिल्डिंग बाइलॉज तैयार किया है.

आगामी 18 जुलाई को देहरादून एक बड़ी अहम वर्कशॉप होने जा रही है.
बता दें कि उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत आईटीआई, सीबीआरआई और इसरो ने विशेषज्ञों ने पूरे राज्य का अध्ययन किया है. जिसके तहत आगामी 18 जुलाई को देहरादून में देश के सभी प्रतिष्ठित संस्थान जैसे सीबीआरआई, आईआईटी, हिमालयन वाडिया इंस्टिट्यूट, दिल्ली, जम्मू एंड कश्मीर और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के एसडीएमए मोजूद रहेंगे. साथ ही इस मौके पर जापान और वाशिंगटन के विशेषज्ञ भी शिरकत करेंगे.

उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है. जिसने आपदा के मद्देनजर अपना बिल्डिंग बाइलॉज बनाया है. साथ ही अन्य कई राज्यों ने भी उत्तराखंड से बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर सुझाव मांगें हैं. जोशी ने बताया कि इस कार्य में उत्तराखंड के प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों और तामम विशेषज्ञों की मदद ली गई है. जिसके बाद अध्ययन के आधार पर ही उत्तराखंड के तमाम निर्माण के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण जैसे कि एमडीडीए और एसडीए इस पर मंथन इसे अपनी दीर्घ कालीन नीति में शामिल करेंगे.

Intro:summary- उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने राज्य में बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर अध्यन करवाया है जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को एक बड़ी अहम वर्कशॉप होने जा रही है। वर्कशॉप में देश और विशेष से तमाम विशेषज्ञ मोजूद रहेंगे।

एंकर- उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने आपदा के मध्यनजर भवन मानक या फिर बिल्डिंग बाइलॉज का अध्यन पूरे राज्य में किया है। उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत सभी आईटीआई, सीबीआरआई और इसरो ने मिल कर ये अध्यन किया है जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को देहरादून में एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला इसी विषय पर होने जा रही है।


Body:वीओ- आपदा के मुहाने पर बैठे उत्तराखंड राज्य में मानव निर्मित निर्माणों पर नियंत्रण जरूरी है क्योंकि आपदा की स्थिती में सबसे पहला असर उन्ही पर देखने को मिलता है ऐसे में उत्तराखंड में भवनों के निर्माण को लेकर आपदा प्रबंधन ने एक अध्यन पूरे राज्य में किया है। जिसको लेकर आगामी 18 जुलाई को देहरादून में एक उच्च स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

इस कार्यशाला में वर्ड बैंक की ओर से जापान और वाशिंगटन के विशेषज्ञ भी इस कार्यशाला में शिरकत करेंगे तो वहीं देश के सभी प्रतिष्ठित संस्थान जिसमें सीबीआरआई, आईआईटी, हिमालयन वाडिया इंस्टिट्यूट, दिल्ली से एनडीएमए और जम्मू एंड कश्मीर, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के एसडीएमए मोजूद रहेंगे।

उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य बिल्डिंग बाइलॉज पर अध्ययन करवाने वाला पहला राज्य है साथ ही अन्य कई राज्यों ने भी उत्तराखंड से बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर सुझाव मांगे है। गिरीश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों और तामम विशेषज्ञों की मदद से इस अध्यन को किया गया और इस अध्ययन के आधार पर ही उत्तराखंड की तमाम निर्माण के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण जैसे कि MDDA और एसडीए कार्यशाला के निष्कर्ष के बाद अपनी दीर्घ कालीन नीति में शामिल करेंगे।

बाइट- गिरीश चंद जोशी, प्रोजेक्ट मैनेजर उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट




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