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उत्तराखंड निकाय चुनाव में PR एजेंसियों ने संभाला प्रचार, AI से बिल्डअप की जा रही नेताजी की इमेज! - UTTARAKHAND CIVIC ELECTION 2025

उत्तराखंड निकाय चुनाव अब हाईटेक हो गया है. प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार के लिए पीआर एजेंसियां हायर कर रहे है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 14, 2025, 4:36 PM IST

देहरादून (किरण कांत शर्मा): समय के साथ-साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल रहा है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी प्रचार पूरे डिजिटल तरीके से हो रहा है. सभी प्रत्याशी चुनावी मैदान में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद ले रहे है. इससे न सिर्फ प्रत्याशियों का पैसा बच रहा है, बल्कि कम समय में प्रत्याशी अपनी बात ज्यादा से ज्यादा लोग तक पहुंचा पा रहे हैं.

प्राइवेट एजेंसियों ने संभाली चुनाव प्रचार की कमान: लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार की कमान प्राइवेट एजेंसियों ने संभाली हुई है. उत्तराखंड निकाय चुनाव में कई प्राइवेट एजेंसियां काम कर रही है, जिनकी प्रत्याशी मदद भी ले रहे है.

मेयर से लेकर पार्षद पद तक के प्रत्याशी चुनाव मैनेजमेंट के लिए इन प्राइवेट एजेंसियों को हायर कर रहे है. पूरा प्रचार डिजिटल लड़ा जा रहा है. यही कारण है कि शहर में प्रत्याशियों और पार्टियों के बैनर व झंडे नाम मात्र के ही दिखाई दे रहे है. प्रत्याशी अब घर-घर न जाकर वुर्जुअली ही वोटर से मिल रहे है.

ऐसे हो रही हैं इमेज बिल्डअप: दिल्ली के साथ-साथ अन्य शहरों से उत्तराखंड पहुंची कई प्राइवेट एजेंसियां प्रत्याशियों की प्रोफाइल बना रही है, जिसमें उनके द्वारा किए गए काम, उनके पारिवारिक बैकग्राउंड, समाज के लिए आगामी होने वाले काम और इमेज बिल्डअप का काम यह एजेंसियां कर रही है.

व्हाट्सएप पर दस्तक दे रहे नेताजी: एजेंसियों के लोग एक दिन में प्रत्याशी की सात से आठ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते है. इसके साथ ही प्राइवेट एजेंसियां वोटर के फोन पर दिन में दो बार उम्मीदवार के लिए कॉल भी पहुंच रहा है, जिसमें उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील की जा रही है. इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइट पर दिन में दो से तीन बार नोटिफिकेशन के साथ नेताजी दस्तक दे रहे हैं.

फोटो ग्राफर से लेकर स्क्रिप्ट राइटर तक सब नेताजी के साथ में: एक उम्मीदवार के साथ इन प्राइवेट एजेंसियों के फोटोग्राफर, स्क्रिप्ट राइटर और सलाहकार की भूमिका निभाने वाले लोग भी साथ चल रहे हैं. ऐसे ही एक एजेंसी के अधिकारी से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बिना कंपनी का नाम बताएं कहा कि इस बार उनकी टीम उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में देहरादून, हल्द्वानी और उत्तरकाशी में काम कर रही है.

उनकी एजेंसी उम्मीदवारों के काम को बहुत ही सरल कर रही हैं. बड़ा क्षेत्र होने की वजह से कई जगहों पर उम्मीदवार नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे ही जगहों पर उनकी टीम पहुंची है और प्रत्याशी के लिए प्रचार करती है. इसके साथ ही जनता क्या मूड है, उसकी फीडबैक भी वो उम्मीदवार को देते है. जनता के मुद्दे क्या है? उसकी भी जानकारी उम्मीदवारों को दी जाती है.

ये भी काम कर रही है कंपनी: चुनाव प्रचार एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि वो प्रत्याशी के प्रचार के साथ-साथ मतदान वाले दिन डिजिटल मतदान पर्ची भी निकाल कर देंगे, जिससे जल्द वोटर को उसका नाम भी मिल जाएगा. इसके साथ ही उनकी कंपनी क्षेत्र में जाकर उन समस्याओं को भी देख रही है, जिन पर नेताजी को जनसभा में बोलना है. पहले उनकी टीम क्षेत्र में पहुंचकर वहां की समस्याओं से अवगत होती है, फिर उसी के हिसाब से एक स्क्रिप्ट तैयार की जाती है, ताकि उम्मीदवार को जनता को समस्याओं के बारे में पहले से पता हो.

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देहरादून (किरण कांत शर्मा): समय के साथ-साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल रहा है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी प्रचार पूरे डिजिटल तरीके से हो रहा है. सभी प्रत्याशी चुनावी मैदान में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद ले रहे है. इससे न सिर्फ प्रत्याशियों का पैसा बच रहा है, बल्कि कम समय में प्रत्याशी अपनी बात ज्यादा से ज्यादा लोग तक पहुंचा पा रहे हैं.

प्राइवेट एजेंसियों ने संभाली चुनाव प्रचार की कमान: लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार की कमान प्राइवेट एजेंसियों ने संभाली हुई है. उत्तराखंड निकाय चुनाव में कई प्राइवेट एजेंसियां काम कर रही है, जिनकी प्रत्याशी मदद भी ले रहे है.

मेयर से लेकर पार्षद पद तक के प्रत्याशी चुनाव मैनेजमेंट के लिए इन प्राइवेट एजेंसियों को हायर कर रहे है. पूरा प्रचार डिजिटल लड़ा जा रहा है. यही कारण है कि शहर में प्रत्याशियों और पार्टियों के बैनर व झंडे नाम मात्र के ही दिखाई दे रहे है. प्रत्याशी अब घर-घर न जाकर वुर्जुअली ही वोटर से मिल रहे है.

ऐसे हो रही हैं इमेज बिल्डअप: दिल्ली के साथ-साथ अन्य शहरों से उत्तराखंड पहुंची कई प्राइवेट एजेंसियां प्रत्याशियों की प्रोफाइल बना रही है, जिसमें उनके द्वारा किए गए काम, उनके पारिवारिक बैकग्राउंड, समाज के लिए आगामी होने वाले काम और इमेज बिल्डअप का काम यह एजेंसियां कर रही है.

व्हाट्सएप पर दस्तक दे रहे नेताजी: एजेंसियों के लोग एक दिन में प्रत्याशी की सात से आठ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते है. इसके साथ ही प्राइवेट एजेंसियां वोटर के फोन पर दिन में दो बार उम्मीदवार के लिए कॉल भी पहुंच रहा है, जिसमें उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील की जा रही है. इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइट पर दिन में दो से तीन बार नोटिफिकेशन के साथ नेताजी दस्तक दे रहे हैं.

फोटो ग्राफर से लेकर स्क्रिप्ट राइटर तक सब नेताजी के साथ में: एक उम्मीदवार के साथ इन प्राइवेट एजेंसियों के फोटोग्राफर, स्क्रिप्ट राइटर और सलाहकार की भूमिका निभाने वाले लोग भी साथ चल रहे हैं. ऐसे ही एक एजेंसी के अधिकारी से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बिना कंपनी का नाम बताएं कहा कि इस बार उनकी टीम उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में देहरादून, हल्द्वानी और उत्तरकाशी में काम कर रही है.

उनकी एजेंसी उम्मीदवारों के काम को बहुत ही सरल कर रही हैं. बड़ा क्षेत्र होने की वजह से कई जगहों पर उम्मीदवार नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे ही जगहों पर उनकी टीम पहुंची है और प्रत्याशी के लिए प्रचार करती है. इसके साथ ही जनता क्या मूड है, उसकी फीडबैक भी वो उम्मीदवार को देते है. जनता के मुद्दे क्या है? उसकी भी जानकारी उम्मीदवारों को दी जाती है.

ये भी काम कर रही है कंपनी: चुनाव प्रचार एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि वो प्रत्याशी के प्रचार के साथ-साथ मतदान वाले दिन डिजिटल मतदान पर्ची भी निकाल कर देंगे, जिससे जल्द वोटर को उसका नाम भी मिल जाएगा. इसके साथ ही उनकी कंपनी क्षेत्र में जाकर उन समस्याओं को भी देख रही है, जिन पर नेताजी को जनसभा में बोलना है. पहले उनकी टीम क्षेत्र में पहुंचकर वहां की समस्याओं से अवगत होती है, फिर उसी के हिसाब से एक स्क्रिप्ट तैयार की जाती है, ताकि उम्मीदवार को जनता को समस्याओं के बारे में पहले से पता हो.

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