धीरज सजवाण, देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों शहर की सरकार बनाने को लेकर चुनावी माहौल गर्म है. पूरे प्रदेश भर में 100 नगर निकायों में शहर की सरकार बनाने के लिए तमाम राजनीतिक दल जनता को लुभाने में जुटे हैं. ऐसे में देहरादून नगर निगम के वार्ड नंबर 65 डोभालवाला का ईटीवी भारत ने अपने खास कार्यक्रम 'चुनावी मोहल्ले' के तहत रुख किया और जाना कि वहां पर किस तरह के मुद्दे हैं? पार्षद प्रत्याशी जनता से क्या वादे कर रहे हैं तो वहीं जनता की अपने प्रत्याशियों से क्या अपेक्षाएं हैं? ये सब जानने की कोशिश की.
वार्ड 65 डोभालवाला में दूसरी बार में हो रहा नगर निगम का चुनाव: देहरादून नगर निगम का वार्ड 65 डोभालवाला का वो क्षेत्र है, जहां अब दूसरी बार नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं. क्योंकि, 6 साल पहले तक यह देहरादून के ग्रामीण इलाके में आता था, लेकिन देहरादून नगर निगम के सीमा विस्तार और परिसीमन के बाद इस क्षेत्र को नगर निगम में मिलाया गया है. इस वार्ड में तकरीबन 6,300 मतदाता हैं.
इस वार्ड में पार्षद के लिए तकरीबन दो दर्जन पर्चे नॉमिनेशन के लिए खरीदे गए थे तो वहीं अभी भी मैदान में सबसे ज्यादा 8 प्रत्याशी खड़े हैं. यह वार्ड संपन्न लोगों का वार्ड है. क्योंकि, देहरादून के शहर से लगे हुए इस वार्ड में सभी लोग जमीनों के मालिक हैं और लंबे समय से रह रहे हैं. इस वार्ड में पहाड़ी, यादव, गोरखाली जनसंख्या ज्यादा देखने को मिलती है तो वहीं इसके अलावा एक छोटा सा हिस्सा बाहर से आए लोगों का भी है.
प्रत्याशियों में हैं घमासान: देहरादून नगर निगम के वार्ड 65 में चुनाव लड़ रहे पार्षद प्रत्याशियों में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. वार्ड 65 में बीजेपी की ओर से विजयलक्ष्मी नेगी, कांग्रेस से सरिता बिष्ट, निर्दलीय प्रत्याशी शुभम रावत, दीप्ति बिष्ट, महेश लाल, सोमेश बुढ़ाकोटी, मनोज कोटियाल समेत 8 प्रत्याशी मैदान में है. यहां बीजेपी के पूर्व पार्षद नरेश रावत का टिकट कटने के बाद अब वो अपने भतीजे शुभम रावत को निर्दलीय लड़ा रहे हैं.
उन्हें बीजेपी से टिकट न मिलने का मलाल तो है, लेकिन वो पिछले 5 सालों में उनकी ओर से किए गए कामों को सामने रख रहे हैं. साथ ही कुछ क्षेत्रों में काम यानी विकास न होने को विधायक को जिम्मेदार बताते हुए जनता के बीच में जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्याशी दीप्ति बिष्ट अपने तल्ख तेवर और तेज तर्रार बोलचाल से सभी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रही है.
वहीं, बीजेपी और कांग्रेस की बात करें तो बीजेपी का संगठन इस वार्ड पर काम कर रहा है. क्योंकि, बीजेपी प्रत्याशी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. जबकि, कांग्रेस की प्रत्याशी तो लोगों के पास जा रही है, लेकिन संगठन के मामले में बीजेपी को टक्कर देना मुश्किल नजर आ रहा है.
शराब, नशा और एयरपोर्ट को जाने वाली रोड बड़ा मुद्दा: वार्ड नंबर 65 में मुद्दों की बात की जाए तो यहां पर ज्यादातर प्रत्याशियों का कहना है कि इस क्षेत्र में नशा और शराब का मुद्दा अहम है. निर्दलीय प्रत्याशी दीप्ति बिष्ट के साथ कांग्रेस प्रत्याशी सरिता रावत का भी कहना है कि इस क्षेत्र में पहले से ही एक शराब की दुकान थी, लेकिन अब डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब बिक रही है. जिससे क्षेत्र में युवा और नई पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं.
इन प्रत्याशियों का कहना है कि वो इस क्षेत्र में नशे के खिलाफ काम करना चाहते हैं. इसके अलावा एक और बड़ी समस्या इस क्षेत्र में वार्ड के बीचों-बीच से होकर एयरपोर्ट की ओर जाने वाली मुख्य सड़क है. वहीं, इसी सड़क से देहरादून के एकमात्र राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की भी मुख्य सड़क जाती है. यह एक तरह से मुख्य हाईवे का काम करती है. ज्यादातर प्रत्याशियों का कहना है कि वो इस सड़क को व्यवस्थित करने और यहां पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयास करेंगे.
वहीं, बीजेपी की बात करें तो अपनी तमाम केंद्र राज्य की योजनाओं को लेकर जनता के बीच में जा रही है. बीजेपी जनता के बीच में यह कहती नजर आ रही है कि यदि शहर में भी सरकार बीजेपी की होगी. राज्य में भी सरकार बीजेपी की होगी और केंद्र में भी मजबूत सरकार बीजेपी की है, उससे जनता का फायदा होगा. हालांकि, अब देखना होगा कि प्रत्याशियों के वादे कितने लोगों पर काम करता है.
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