देहरादून: उत्तराखंड में जैविक खेती को ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में एग्रीकल्चर ऑर्गेनिक एक्ट पर मुहर लग गई है. इसके बाद अब प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को न केवल बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों को उत्पाद के बेहतर दाम भी मिल सकेंगे.
उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां जैविक खेती के लिए अलग से एक्ट को पास करवाया गया है. राज्य कैबिनेट में इस विधेयक के बाद अब किसानों को जैविक खेती पर न केवल बेहतर दाम मिलेंगे बल्कि उत्तराखंड के जैविक उत्पादों को ब्रांड के रूप में भी स्थापित किया जा सकेगा. ये विधेयक राज्य में जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात और व्यापार प्रसंस्करण में लगी डिजीन एजेंसियों, एनजीओ आदि को भी विनियमित किया करेगा.
राज्य में अधिसूचित क्षेत्रों के 10 विकासखंडों में रासायनिक और सिंथेटिक उर्वरकों, कीटनाशकों, पशु चिकित्सा दवाओं, पशु चारा आदि की बिक्री को विनियमित किया जाएगा. इसके साथ ही विधेयक के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्रों में प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री करने पर सजा का प्रावधान भी रखा गया है. इसके तहत एक लाख का जुर्माना और एक साल की सजा भी हो सकती है.
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इस एक्ट की खास बात ये है कि कैबिनेट बैठक में जैविक खेती को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय किया जाने पर फैसला लिया गया है. जबकि मंडी परिषद द्वारा जैविक उत्पादों को खरीदने के लिए रिवाल्विंग फंड स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है. कैबिनेट बैठक में हॉर्टिकल्चर को लेकर भी निर्णय लिए गए हैं. अब उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां पर किसानों से धोखा करने की स्थिति में सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा.