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छात्रा की शिकायत का बाल आयोग ने लिया संज्ञान, इस स्कूल पर हो सकती है कार्रवाई - उत्तराखंड बाल आयोग

राजधानी देहरादून के एक निजी स्कूल के खिलाफ छात्रा ने बाल आयोग को शिकायती पत्र लिखा. इसमें स्कूल पर फीस को लेकर दबाव और भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है. इस पर संज्ञान लेते हुए बाल आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है. साथ ही 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.

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छात्रा की शिकायत का बाल आयोग ने लिया संज्ञान
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Published : Dec 2, 2020, 7:18 AM IST

देहरादून: कोरोना काल में निजी स्कूलों की मनमानियों को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आ रही हैं. इसी के तहत हाल ही में राजधानी के एक निजी स्कूल की छात्रा ने अपने ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बाल आयोग में शिकायत दी है. इसका संज्ञान लेते हुए बाल आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 दिन के भीतर आयोग में रिपोर्ट देने को कहा है.

गौरतलब है कि जिस छात्रा की ओर से बाल आयोग में शिकायत दी गई है, वह छात्रा राजधानी देहरादून के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ती है. छात्रा की ओर से बाल आयोग को शिकायत की गई है कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल माह से ऑनलाइन क्लासेज की फीस जमा करने का दबाव बना रहा है. जबकि स्कूल प्रबंधन की ओर से जून माह में ऑनलाइन क्लासेज शुरू की गई थी, जिसकी फीस उसके अभिभावक पहले ही जमा कर चुके हैं. वहीं, शिकायत पत्र में छात्रा ने यह भी कहा है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से लगातार छात्रों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. साथ ही छात्रों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: बेनतीजा रही किसानों और सरकार के बीच बातचीत, तीन दिसंबर को अगली बैठक

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से फरवरी 2018 में एक पत्र जारी किया गया था, जिसके तहत फीस वसूली मामलों में छात्रों का उत्पीड़न किए जाने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. यह जेजे अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन है. इसके अंतर्गत सीपीसीआर एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है.

देहरादून: कोरोना काल में निजी स्कूलों की मनमानियों को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आ रही हैं. इसी के तहत हाल ही में राजधानी के एक निजी स्कूल की छात्रा ने अपने ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बाल आयोग में शिकायत दी है. इसका संज्ञान लेते हुए बाल आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 दिन के भीतर आयोग में रिपोर्ट देने को कहा है.

गौरतलब है कि जिस छात्रा की ओर से बाल आयोग में शिकायत दी गई है, वह छात्रा राजधानी देहरादून के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ती है. छात्रा की ओर से बाल आयोग को शिकायत की गई है कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल माह से ऑनलाइन क्लासेज की फीस जमा करने का दबाव बना रहा है. जबकि स्कूल प्रबंधन की ओर से जून माह में ऑनलाइन क्लासेज शुरू की गई थी, जिसकी फीस उसके अभिभावक पहले ही जमा कर चुके हैं. वहीं, शिकायत पत्र में छात्रा ने यह भी कहा है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से लगातार छात्रों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. साथ ही छात्रों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी किया जा रहा है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से फरवरी 2018 में एक पत्र जारी किया गया था, जिसके तहत फीस वसूली मामलों में छात्रों का उत्पीड़न किए जाने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. यह जेजे अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन है. इसके अंतर्गत सीपीसीआर एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है.

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