देहरादून: 26 जनवरी 2022...सुबह हुई तो हवाओं में देशभक्ति की लहर छाई हुई थी, तो उत्तराखंड भी इससे कहां अछूता रहता. पहाड़ी प्रदेश में भी 26 जनवरी की सुबह ध्वजारोहण, परेड और दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र को मनाने के साथ शुरुआत हुई. पूरा प्रदेश आज देशभक्ति में मगन रहा. हालांकि, दोपहर होते-होते चुनावी राज्य होने के कारण उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज होने लगी. आज भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राजनीति का केंद्र बने रहे. वहीं, शाम ढलते ही बीजेपी ने 9 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी.
हरीश रावत के घर मीडिया का जमावड़ा: सुबह से ही मीडिया का जमावड़ा हरीश रावत के घर के बाहर लगा रहा, क्योंकि पिछले 2 दिनों से हरीश रावत के चुनाव लड़ने को लेकर कयासबाजियां तेज थीं. ये भी खबरें थीं कि शायद हरीश रावत की सीट रामनगर से बदलकर कुछ और कर दी जाए. इसी बीच रामनगर के कार्यकर्ताओं की ऑडियो रिकॉर्डिंग ने भी बवाल मचाया और इसके बाद हरीश रावत ने बयान दिया कि तकरीबन 13 सीटें ऐसी हैं जहां पर पार्टी की स्थिति सच में कमजोर है. ऐसी सीटों पर कांग्रेस को बेहद ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है.
हालांकि, उन्होंने फिर से ये साफ कर दिया कि जिन प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी हो चुकी है उनमें अब कोई बदलाव नहीं होगा. यही नहीं, गुरुवार 27 जनवरी को हरीश रावत रामनगर से अपना नामांकन दाखिल करने भी पहुंच रहे हैं. तो फिलहाल उन्होंने अपनी सीट को लेकर तो बदलाव की अटकलों पर विराम लगा दिया है लेकिन कांग्रेस उस बगावत का क्या करेगी जो रामनगर से लेकर देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर उसे झेलना पड़ रहा है.
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कांग्रेस में अंतर्कलह: दरअसल, चुनाव से पहले उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ी रार देखने को मिल रही है. अभीतक तो केवल रामनगर सीट पर हरीश रावत को टिकट देने का विरोध हो रहा था, लेकिन उसके बाद लालकुआं, लैंसडाउन और अब देहरादून की कैंट विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है. कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को टिकट दिया है. अब यहां से प्रत्याशी पर फिर से विचार किए जाने और इस सीट पर दावेदार रहे वीरेंद्र पोखरियाल के समर्थन में कई राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर उतर आए हैं. इन आंदोलनकारी महिलाओं ने आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर धरना भी दिया. उनकी साफ कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने वीरेंद्र पोखरियाल को टिकट न देकर बड़ी नाइंसाफी की है.
कांग्रेस में जबरदस्त बगावत: उधर, कांग्रेस के लिए लालकुआं विधानसभा सीट भी विवादित बन गई है. यहां से कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी संध्या डालाकोटी को टिकट दिया है, जिसके बाद से ही कांग्रेस में जबरदस्त बगावत शुरू हो गई है. पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने बगावती तेवर अपना लिए हैं और सीधे निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वहीं अब कांग्रेस के एक और सदस्य और वरिष्ठ नेता हरेंद्र बोरा ने भी पार्टी से बगावत कर अपने समर्थकों के बल पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसी स्थिति में दोनों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान पर लालकुआं कांग्रेस प्रत्याशी संध्या डालाकोटी और पार्टी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं.
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नामांकन करने के लिए अब केवल दो दिन बाकी हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने ये बगावती तेवर कहीं मुश्किलें खड़ी ना कर दें. वहीं, कांग्रेस की 6 सीटों पर अभी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी नहीं हुई है. जिसको लेकर उम्मीद है कि कल दोपहर तक इन 6 सीटों पर भी प्रत्याशी का नाम सामने आ जाएगा.
बीजेपी ने जारी की दूसरी लिस्ट: अब हम बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की. 20 जनवरी को बीजेपी ने 59 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया था. वहीं, आज बीजेपी ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 9 प्रत्याशियों को टिकट मिला है. पार्टी ने केदारनाथ से शैला रानी रावत, झबरेड़ा (SC) से राजपाल सिंह, पिरान कलियर से मुनीश सैनी, कोटद्वार से ऋतु खंडूडी, रानीखेत से प्रमोद नैनवाल, जागेश्वर से मोहन सिंह मेहरा, लालकुआं से मोहन सिंह बिष्ट, हल्द्वानी से जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला और रुद्रपुर से शिव अरोड़ा को टिकट दिया है. वहीं, इस लिस्ट में पार्टी ने कई सीटिंग विधायकों के टिकट काट दिए हैं. जिन विधायकों का टिकट कटा है, उनमें झबरेड़ा से देशराज कर्णवाल, लालकुआं से नवीन दुम्का और रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल का नाम शामिल है, पार्टी ने इन सीटों पर नए चेहरों पर दांव खेला है.
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सुर्खियों में रहे किशोर उपाध्याय: एक और खबर रही जिसने आज दिन भर सुर्खियां बटोरीं. वो थी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय को लेकर. दरअसल, उत्तराखंड में आज कल किशोर उपाध्याय की हालत किसी से छिपी नहीं है. इसी बीच आज सुबह से ये खबर चर्चा में थी कि किशोर उपाध्याय किसी भी समय भाजपा का दामन थाम सकते हैं. भाजपा वाले दिन भर उनका अपने प्रदेश कार्यालय पर इंतजार करते रहे तो कांग्रेस भी उनकी राह ताकती रही, लेकिन ना वो भाजपा कार्यालय पहुंचे ना कांग्रेस मुख्यालय.
किशोर उपाध्याय को लेकर यह बात कही जाती है कि वो खुद बेहद कंफ्यूज है और उनको लेकर उनकी पार्टी कांग्रेस भी उतनी ही कंफ्यूज है. दरअसल, बात ये सामने आ रही है कि किशोर उपाध्याय की स्थिति इस समय ऐसी है कि ना तो वह कांग्रेस के माने जा रहे हैं और ना वो भाजपा में आ रहे हैं. आधिकारिक रूप से किशोर उपाध्याय पर अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है. अब अटकलें हैं कि शायद उपाध्याय कल दोपहर तक भाजपा में जॉइनिंग कर लें. वहीं, किशोर उपाध्याय का कनेक्शन भाजपा की दूसरी लिस्ट से भी जोड़ा जा रहा है. दिक्कत यहां पर टिहरी सीट को लेकर आ रही है. किशोर उपाध्याय को लेकर मामला लटका हुआ है. भाजपा उपाध्याय के इंतजार में है तो उपाध्याय ना जाने किस बात के इंतजार में हैं.
उधर, देर शाम होते-होते भाजपा पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेल दिया. कांग्रेस में देर शाम आगामी चुनाव के लिहाज से एक बड़ी बढ़त बनाते हुए नरेंद्र नगर से बड़ा जनाधार रखने वाले नेता ओम गोपाल रावत को अपने पाले में शामिल करवा लिया है. अब बताया जा रहा है कि नरेंद्र नगर सीट भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि ओम गोपाल रावत भाजपा के पुराने नेता रहे हैं. लेकिन कांग्रेस से सुबोध उनियाल के भाजपा में जाने के बाद ओम गोपाल रावत लगातार नाराज चल रहे थे. ओम गोपाल रावत जमीनी नेता बताए जाते हैं, अब ऐसे में देखना होगा कि नरेंद्र नगर सीट पर क्या जनादेश रहता है. लेकिन कांग्रेस ने फिलहाल रावत पर दांव खेलकर नरेंद्रनगर में तो भाजपा को कड़ी टक्कर दे ही दी है.
प्रचार में जुटी राजनीतिक पार्टियां: उत्तराखंड में मतदान का समय बेहद नजदीक है. 14 फरवरी आने में कुछ ही वक्त बचा है. ऐसे में सभी पार्टियां चाहती हैं कि वो अपनी बातें, अपने मुद्दे लोगों तक लेकर जाएं. पार्टियां अभी वर्जुअल मोड पर हैं लेकिन जल्द ही वह घर-घर जाकर डोर टू डोर कैंपेनिंग शुरू करने वाली हैं, क्योंकि चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की रैलियों पर रोक लगा रखी है. ऐसे में अब पार्टियां अपने स्टार प्रचारकों को डोर 2 डोर कैंपेनिंग के लिए बहुत जल्द उतारने वाली है.
हालांकि, आम आदमी पार्टी ये काम पहले ही कर चुकी है. उनकी ओर से बड़े नेता जैसे मनीष सिसोदिया पहले ही उत्तराखंड में अपनी डोर टू डोर कैंपेनिंग शुरू कर चुके हैं. अब बीजेपी और कांग्रेस से भी कई बड़े नेता लोगों से घर-घर में वोट मांगते नजर आएंगे. इनमें सबसे पहला नाम जो सामने आ रहा है वो हैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. शाह जल्द ही उत्तराखंड दौरे पर पहुंचेंगे. वो सबसे पहले पर्वतीय जनपद रुद्रप्रयाग पहुंचेंगे और कैंपेनिंग शुरू करेंगे. इसके बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव भी जल्दी उत्तराखंड पहुंचने वाले हैं. खबर है कि अखिलेश 31 जनवरी के बाद उत्तराखंड में पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए आएंगे.
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तो ये थीं 26 जनवरी 2022 की कुछ खास चुनावी खबरें जिन्होंने आज पूरे दिन भर सुर्खियां बटोंरी. देशभक्ति के साथ-साथ पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में खूब राजनीति भी हुई. हंगामे भी हुए, बगावत भी हुई तो बड़े-बड़े दावे और वादे भी हुए. इन सब के बीच जिस बात ने सबका ध्यान खींचा वो थी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजपथ पर परेड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेशभूषा. पीएम की वेशभूषा ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
चुनावी खबरों के बीच प्रधानमंत्री की वेशभूषा की खबर इसलिए भी खास मायने रखती है. क्योंकि प्रधानमंत्री ने बेहद करीने से चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी वेशभूषा चुनी थी. सिर पर ब्रह्मकमल वाली पहाड़ी टोपी पहने पीएम मोदी का सीधा संदेश उत्तराखंडवासियों के लिए था. इस बात को उत्तराखंड भाजपा ने खूब भुनाया भी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने ब्रह्मकमल टोपी पहनकर उत्तराखंड और यहां के लोगों का मान बढ़ाया है. बता दें कि ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है. इसके अलावा उत्तराखंड की झांकी को भी एक राजपथ पर प्रमुख स्थान दिया गया. हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे से लेकर बदरी विशाल के धाम बदरीनाथ को भी झांकी में दर्शाया गया. केंद्र की नजरों में उत्तराखंड राज्य की ऐसी एकाएक बढ़त देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि कहीं चुनावी असर तो नहीं भाई!
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