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'जय' ने 'वीरू' को लेकर कही ये बात, AAP-SP ने जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट, जानें दिनभर की चुनावी हलचल

उत्तराखंड में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. नेताओं ने पार्टियों को अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. प्रदेश में आप, बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. वहीं चुनाव समय नजदीक आते ही बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी दिनभर की खबरों पर एक नजर...

Uttarakhand Assembly Election Updates
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ी दिनभर की अपडेट
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Published : Jan 25, 2022, 10:38 PM IST

देहरादून: राजनीति में कब-क्या हो जाए कुछ पता नहीं, उत्तराखंड की राजनीति में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. बीते 5 साल से टिकट की आस में टकटकी लगाए बैठे कई नेता ठगा सा महसूस कर रहे हैं. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कुछ ऐसा ही हाल है.

आज 25 जनवरी 2022, मंगलवार की कड़ाके की ठंड भरी सुबह में भी सियासी गलियारों में बेहद गर्मी थी. दरअसल, बीती रात ही उत्तराखंड कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी हुई थी, जिसमें कुल 10 नाम शामिल थे. इसमें जहां लैंसडाउन से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दिया गया था. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत को रामनगर सीट से दावेदार बनाया गया था. लिस्ट आने भर की देर थी कि हरीश रावत को रामनगर सीट से टिकट मिलने का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. 25 जनवरी की सुबह इस विरोध के साथ शुरू हुई.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड : कांग्रेस की दूसरी सूची जारी, हरीश रावत रामनगर से, लैंसडाउन से अनुकृति

रामनगर से खबर आई कि वहां कांग्रेस कार्यकर्ता हरीश रावत को टिकट दिए जाने से बेहद नाराज हैं. वो चाहते हैं कि वहां 5 साल से काम कर रहे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत को टिकट दिया जाए, ऐसा न होने से वहां विद्रोह होने की भी संभावनाएं हैं. रामनगर से होते हुए ये बात देहरादून तक पहुंची और देहरादून से दिल्ली आलाकमान तक भी पहुंचाई गई. अब खबर है कि शायद कल सुबह तक दूसरी लिस्ट में संशोधन कर हरीश रावत की सीट बदली जा सकती है, क्योंकि इस स्थिति में कांग्रेस और बगावत नहीं झेल सकती.

इसी बीच हरीश रावत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने रणजीत रावत से अपने मतभेद की सभी खबरों को नकार दिया है. उनका कहना है कि रणजीत रावत पार्टी के बड़े नेता हैं और वो पार्टी के लिए ही काम करेंगे. उन्होंने ये भी फाइनल किया कि वो 28 जनवरी को रामनगर से ही नामांकन फाइल करेंगे. अब सभी की नजरें रणजीत रावत पर टिकी हैं कि वो पार्टी का फैसला मानते हैं या निर्दलीय चुनाव लड़कर हरीश रावत को सीधी चुनौती देते हैं.

ये भी पढ़ें: हरीश रावत ने बताया रामनगर से क्यों लड़ रहे चुनाव, रणजीत रावत को लेकर कही ये बड़ी बात

हालांकि, ये तो बगावत शुरू होने की शुरुआत भर थी. लालकुआं में भी लिस्ट जारी होने के बाद जबरदस्त विद्रोह का दौर चल रहा था. यहां पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल को पूरी उम्मीद थी कि लालकुआं से कांग्रेस उनको ही टिकट देगी लेकिन टिकट दे दिया गया संध्या डालाकोटी को, बस फिर क्या था. गुस्से में दुर्गापाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. इस बीच दुर्गापाल और डालाकोटी समर्थकों के बीच काफी झड़प भी हुई. दुर्गापाल ने तो यहां तक कह दिया कि साल 2012 में भी कांग्रेस ने उनके साथ छल किया था लेकिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीत कर दिखाया था और इस बार वो कांग्रेस को कड़ा सबक सिखाएंगे.

बगावत की बात चली रही है तो लैंसडाउन सीट कैसे छूट सकती है. यहां से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत पर दांव खेला है या यूं कहें कि हरक सिंह रावत की इकलौती मांग मान ली गई है. टिकट मिलने से अनुकृति बेहद खुश हैं, वो खुद को लैंसडाउन की बेटी बताकर वहां विकास की बात कर रही है लेकिन जो यहां पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता हैं उनको ये बात हजम नहीं हो रही है. अनुकृति को टिकट देने के बाद लैंसडाउन से भी कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस से टिकट के दावेदार रघुवीर बिष्ट के समर्थकों ने अनुकृति को टिकट दिए जाने के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

ये तीन ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस को जबरदस्त बगावत झेलनी पड़ रही है और अगर जल्द ही यानी दो दिनों के अंदर ही एक बगावत को शांत नहीं किया गया तो कांग्रेस के बड़े नेताओं पर तो हार का संकट मंडराएगा ही, पार्टी के चुनाव जीतने पर भी बड़े सवाल खड़े हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस की लैंसडाउन प्रत्याशी अनुकृति गुसाईं के विरोध में 'नारद' बने कार्यकर्ता

इन बगावती तेवरों से थोड़ा दूर राजधानी देहरादून वापस लौटे पूर्व भाजपाई और वर्तमान कांग्रेसी हरक सिंह रावत ने बीजेपी को अच्छी खासी खरी-खोटी सुनाई है. हरक अब दोबारा से फॉर्म में आ गए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया, लेकिन इसके लिए खुद को भी वो जिम्मेदार मान रहे हैं. क्योंकि पिछले 5 साल से वो सरकार का हिस्सा रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार खुद से लड़ाई लड़ी है, लेकिन उनकी सुनी नहीं गई.

हरक सिंह रावत ने बड़ा बयान देते हुए बीजेपी सरकार में मिले तीनों मुख्यमंत्रियों को अनुभवहीन करार दे दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत को तो उन्होंने हीन भावना का शिकार कह दिया है तो वहीं तीरथ सिंह रावत को भी उन्होंने नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि तीरथ बहुत ज्ञानी हैं, जिनके ज्ञान की परिभाषा को देखकर नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बड़े हैरान थे, तो ऐसे लोगों के बारे में वह ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते. अब बारी थी वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की. हरक सिंह रावत उन्हें भी कहां बख्शने वाले थे.

उन्होंने कहा कि जब से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी को T-20 का बल्लेबाज बताया है. तब से वो मदहोश हैं और हवा में उड़ रहे हैं. अचानक से ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना जिसके पास अनुभव ही नहीं है, ये राज्य के लिए सही नहीं है. उन्होंने उत्तराखंड से भाजपा की विदाई की भविष्यवाणी की और कहा कि इस बार कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बनाने जा रही है.

ये भी पढ़ें: फॉर्म में आए हरक, 'हवा में उड़ रहे धामी, तीनों मुख्यमंत्री अनुभवहीन, TSR में हीन भावना'

हालांकि, हरक सिंह रावत को अभी टिकट नहीं दिया गया है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनको चौबट्टाखाल से टिकट दिया जा सकता है. चौबट्टाखाल एक कैसी सीट है जहां महाराज परिवार का दबदबा रहा है, यहां सतपाल महाराज की बात हो रही है. सतपाल महाराज भी हरक सिंह रावत के साथ उन बागियों में शामिल थे. जिन्होंने 2016 में हरीश रावत सरकार गिराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी.

फिलहाल सतपाल महाराज बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पौड़ी के इस इलाके में महाराज परिवार का काफी दबदबा रहा है. हरक का कहना है कि अगर उनको चौबट्टाखाल से भी चुनाव लड़ाया जाता है तो भी वो उसे अच्छे से निभा लेंगे क्योंकि पौड़ी में लोग उन्हें बहुत अच्छे से जानते हैं. यहां उन्होंने काम किया है.

इसके साथ ही हरक अपने चिर परिचित अंदाज में भी नजर आए. उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी की यह मानसिकता है कि वह बदला लेती है और इस बदला लेने की भावना के तहत अगर उनको किसी षड्यंत्र में फंसाकर, झूठे आरोप लगाकर उनके खिलाफ कोई जांच भी बैठाई जा सकती है, लेकिन वो बीजेपी से डरने वाले नहीं हैं, न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे.

ये तो थी कांग्रेस की बात, अब बात बीजेपी की. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार में थे, जहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान अपनी मौजूदगी दिखाई. उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने जहां हरिद्वार विधानसभा सीट के लिए नामांकन किया तो वहीं कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद ने हरिद्वार ग्रामीण, आदेश चौहान ने रानीपुर सीट और विधायक सुरेश राठौर ने ज्वालापुर सीट के लिए अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है.

ये भी पढ़ें: कौशिक-यतीश्वरानंद ने भरा पर्चा, साथ देने हरिद्वार पहुंचे धामी, हरकी पैड़ी पर किया गंगा पूजन

मदन कौशिक पिछले चार बार से हरिद्वार सीट पर जमे हुए हैं. इन्हीं के साथ ऋषिकेश से वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपना नामांकन दाखिल किया. उनके सपोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक उनके साथ मौजूद रहे.

इन दिग्गजों के साथ ही मंगलवार को बीजेपी के तीन और बड़े नेताओं ने भी अपना नामांकन किया है. पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से जहां बीजेपी विधायक चंद्रा पंत ने नामांकन किया तो वहीं श्रीनगर विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी भरत सिंह चौधरी ने पर्चा दाखिल किया.

इसी बीच उत्तराखंड के इकलौते क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल ने चुनाव के लिए अपनी चौथी प्रत्याशियों की लिस्ट घोषित कर दी है. इस लिस्ट में 5 उम्मीदवारों के नाम हैं. उत्तराखंड क्रांति दल ने मुकेश रावत को कोटद्वार से मैदान में उतारा है. मुकेश रावत हिंदू एकता आंदोलन पार्टी से हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड क्रांति दल ने जारी की प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट, कोटद्वार से मुकेश होंगे प्रत्याशी

गंगोलीहाट से हरिप्रसाद लोहिया, हल्द्वानी विधानसभा सीट से रवि बाल्मीकि, रानीपुर हरिद्वार से प्रवीण कुमार सैनी और थराली विधानसभा सीट से लक्ष्मी लाल शाह को यूकेडी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इस बार कोटद्वार सीट पर हिंदू एकता आंदोलन पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

इन सबके बीच आम आदमी पार्टी का जिक्र ना हो ऐसा कैसे हो सकता है तो आम आदमी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी करती है 70 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अब तक 61 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. चौथी लिस्ट में 10 उम्मीदवारों का नाम घोषित किया गया है.

ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव को लेकर AAP ने जारी की चौथी सूची, 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित

आप ने बदरीनाथ से भगवती प्रसाद मंडोली, कर्णप्रयाग से दयाल सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग से किशोरी नंदन डोभाल, नरेंद्रनगर से पुष्पा रावत, प्रतापनगर से सागर भंडारी, चकराता (ST) से दर्शन डोभाल, हरिद्वार से संजय सैनी, रुड़की से नरेश प्रिंस, पिथौरागढ़ से चंद्रप्रकाश पुन्हेड़ा और गंगोलीहाट (SC) से बबिता चंद को प्रत्याशी घोषित किया है.

तो कुछ ऐसा रहा 25 जनवरी 2022 का चुनावी दिन: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने रामनगर को कर्मभूमि बताते हुए रणजीत रावत को बड़ा नेता कहा. वहीं, समाजवादी पार्टी ने तीसरी लिस्ट जारी करते हुए सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. इसके साथ ही हरिद्वार में बीजेपी गंगा आरती कर जीत की कामना की है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने जहां अपना वर्चुअल चुनावी अभियान तेज किया तो यूकेडी ने भी अपने चुनावी अभियान को धार दी.

देहरादून: राजनीति में कब-क्या हो जाए कुछ पता नहीं, उत्तराखंड की राजनीति में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. बीते 5 साल से टिकट की आस में टकटकी लगाए बैठे कई नेता ठगा सा महसूस कर रहे हैं. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कुछ ऐसा ही हाल है.

आज 25 जनवरी 2022, मंगलवार की कड़ाके की ठंड भरी सुबह में भी सियासी गलियारों में बेहद गर्मी थी. दरअसल, बीती रात ही उत्तराखंड कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी हुई थी, जिसमें कुल 10 नाम शामिल थे. इसमें जहां लैंसडाउन से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दिया गया था. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत को रामनगर सीट से दावेदार बनाया गया था. लिस्ट आने भर की देर थी कि हरीश रावत को रामनगर सीट से टिकट मिलने का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. 25 जनवरी की सुबह इस विरोध के साथ शुरू हुई.

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रामनगर से खबर आई कि वहां कांग्रेस कार्यकर्ता हरीश रावत को टिकट दिए जाने से बेहद नाराज हैं. वो चाहते हैं कि वहां 5 साल से काम कर रहे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत को टिकट दिया जाए, ऐसा न होने से वहां विद्रोह होने की भी संभावनाएं हैं. रामनगर से होते हुए ये बात देहरादून तक पहुंची और देहरादून से दिल्ली आलाकमान तक भी पहुंचाई गई. अब खबर है कि शायद कल सुबह तक दूसरी लिस्ट में संशोधन कर हरीश रावत की सीट बदली जा सकती है, क्योंकि इस स्थिति में कांग्रेस और बगावत नहीं झेल सकती.

इसी बीच हरीश रावत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने रणजीत रावत से अपने मतभेद की सभी खबरों को नकार दिया है. उनका कहना है कि रणजीत रावत पार्टी के बड़े नेता हैं और वो पार्टी के लिए ही काम करेंगे. उन्होंने ये भी फाइनल किया कि वो 28 जनवरी को रामनगर से ही नामांकन फाइल करेंगे. अब सभी की नजरें रणजीत रावत पर टिकी हैं कि वो पार्टी का फैसला मानते हैं या निर्दलीय चुनाव लड़कर हरीश रावत को सीधी चुनौती देते हैं.

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हालांकि, ये तो बगावत शुरू होने की शुरुआत भर थी. लालकुआं में भी लिस्ट जारी होने के बाद जबरदस्त विद्रोह का दौर चल रहा था. यहां पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल को पूरी उम्मीद थी कि लालकुआं से कांग्रेस उनको ही टिकट देगी लेकिन टिकट दे दिया गया संध्या डालाकोटी को, बस फिर क्या था. गुस्से में दुर्गापाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. इस बीच दुर्गापाल और डालाकोटी समर्थकों के बीच काफी झड़प भी हुई. दुर्गापाल ने तो यहां तक कह दिया कि साल 2012 में भी कांग्रेस ने उनके साथ छल किया था लेकिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीत कर दिखाया था और इस बार वो कांग्रेस को कड़ा सबक सिखाएंगे.

बगावत की बात चली रही है तो लैंसडाउन सीट कैसे छूट सकती है. यहां से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत पर दांव खेला है या यूं कहें कि हरक सिंह रावत की इकलौती मांग मान ली गई है. टिकट मिलने से अनुकृति बेहद खुश हैं, वो खुद को लैंसडाउन की बेटी बताकर वहां विकास की बात कर रही है लेकिन जो यहां पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता हैं उनको ये बात हजम नहीं हो रही है. अनुकृति को टिकट देने के बाद लैंसडाउन से भी कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस से टिकट के दावेदार रघुवीर बिष्ट के समर्थकों ने अनुकृति को टिकट दिए जाने के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

ये तीन ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस को जबरदस्त बगावत झेलनी पड़ रही है और अगर जल्द ही यानी दो दिनों के अंदर ही एक बगावत को शांत नहीं किया गया तो कांग्रेस के बड़े नेताओं पर तो हार का संकट मंडराएगा ही, पार्टी के चुनाव जीतने पर भी बड़े सवाल खड़े हो सकते हैं.

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इन बगावती तेवरों से थोड़ा दूर राजधानी देहरादून वापस लौटे पूर्व भाजपाई और वर्तमान कांग्रेसी हरक सिंह रावत ने बीजेपी को अच्छी खासी खरी-खोटी सुनाई है. हरक अब दोबारा से फॉर्म में आ गए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया, लेकिन इसके लिए खुद को भी वो जिम्मेदार मान रहे हैं. क्योंकि पिछले 5 साल से वो सरकार का हिस्सा रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार खुद से लड़ाई लड़ी है, लेकिन उनकी सुनी नहीं गई.

हरक सिंह रावत ने बड़ा बयान देते हुए बीजेपी सरकार में मिले तीनों मुख्यमंत्रियों को अनुभवहीन करार दे दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत को तो उन्होंने हीन भावना का शिकार कह दिया है तो वहीं तीरथ सिंह रावत को भी उन्होंने नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि तीरथ बहुत ज्ञानी हैं, जिनके ज्ञान की परिभाषा को देखकर नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बड़े हैरान थे, तो ऐसे लोगों के बारे में वह ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते. अब बारी थी वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की. हरक सिंह रावत उन्हें भी कहां बख्शने वाले थे.

उन्होंने कहा कि जब से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी को T-20 का बल्लेबाज बताया है. तब से वो मदहोश हैं और हवा में उड़ रहे हैं. अचानक से ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना जिसके पास अनुभव ही नहीं है, ये राज्य के लिए सही नहीं है. उन्होंने उत्तराखंड से भाजपा की विदाई की भविष्यवाणी की और कहा कि इस बार कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बनाने जा रही है.

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हालांकि, हरक सिंह रावत को अभी टिकट नहीं दिया गया है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनको चौबट्टाखाल से टिकट दिया जा सकता है. चौबट्टाखाल एक कैसी सीट है जहां महाराज परिवार का दबदबा रहा है, यहां सतपाल महाराज की बात हो रही है. सतपाल महाराज भी हरक सिंह रावत के साथ उन बागियों में शामिल थे. जिन्होंने 2016 में हरीश रावत सरकार गिराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी.

फिलहाल सतपाल महाराज बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पौड़ी के इस इलाके में महाराज परिवार का काफी दबदबा रहा है. हरक का कहना है कि अगर उनको चौबट्टाखाल से भी चुनाव लड़ाया जाता है तो भी वो उसे अच्छे से निभा लेंगे क्योंकि पौड़ी में लोग उन्हें बहुत अच्छे से जानते हैं. यहां उन्होंने काम किया है.

इसके साथ ही हरक अपने चिर परिचित अंदाज में भी नजर आए. उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी की यह मानसिकता है कि वह बदला लेती है और इस बदला लेने की भावना के तहत अगर उनको किसी षड्यंत्र में फंसाकर, झूठे आरोप लगाकर उनके खिलाफ कोई जांच भी बैठाई जा सकती है, लेकिन वो बीजेपी से डरने वाले नहीं हैं, न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे.

ये तो थी कांग्रेस की बात, अब बात बीजेपी की. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार में थे, जहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान अपनी मौजूदगी दिखाई. उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने जहां हरिद्वार विधानसभा सीट के लिए नामांकन किया तो वहीं कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद ने हरिद्वार ग्रामीण, आदेश चौहान ने रानीपुर सीट और विधायक सुरेश राठौर ने ज्वालापुर सीट के लिए अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है.

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मदन कौशिक पिछले चार बार से हरिद्वार सीट पर जमे हुए हैं. इन्हीं के साथ ऋषिकेश से वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपना नामांकन दाखिल किया. उनके सपोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक उनके साथ मौजूद रहे.

इन दिग्गजों के साथ ही मंगलवार को बीजेपी के तीन और बड़े नेताओं ने भी अपना नामांकन किया है. पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से जहां बीजेपी विधायक चंद्रा पंत ने नामांकन किया तो वहीं श्रीनगर विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी भरत सिंह चौधरी ने पर्चा दाखिल किया.

इसी बीच उत्तराखंड के इकलौते क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल ने चुनाव के लिए अपनी चौथी प्रत्याशियों की लिस्ट घोषित कर दी है. इस लिस्ट में 5 उम्मीदवारों के नाम हैं. उत्तराखंड क्रांति दल ने मुकेश रावत को कोटद्वार से मैदान में उतारा है. मुकेश रावत हिंदू एकता आंदोलन पार्टी से हैं.

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गंगोलीहाट से हरिप्रसाद लोहिया, हल्द्वानी विधानसभा सीट से रवि बाल्मीकि, रानीपुर हरिद्वार से प्रवीण कुमार सैनी और थराली विधानसभा सीट से लक्ष्मी लाल शाह को यूकेडी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इस बार कोटद्वार सीट पर हिंदू एकता आंदोलन पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

इन सबके बीच आम आदमी पार्टी का जिक्र ना हो ऐसा कैसे हो सकता है तो आम आदमी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी करती है 70 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अब तक 61 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. चौथी लिस्ट में 10 उम्मीदवारों का नाम घोषित किया गया है.

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आप ने बदरीनाथ से भगवती प्रसाद मंडोली, कर्णप्रयाग से दयाल सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग से किशोरी नंदन डोभाल, नरेंद्रनगर से पुष्पा रावत, प्रतापनगर से सागर भंडारी, चकराता (ST) से दर्शन डोभाल, हरिद्वार से संजय सैनी, रुड़की से नरेश प्रिंस, पिथौरागढ़ से चंद्रप्रकाश पुन्हेड़ा और गंगोलीहाट (SC) से बबिता चंद को प्रत्याशी घोषित किया है.

तो कुछ ऐसा रहा 25 जनवरी 2022 का चुनावी दिन: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने रामनगर को कर्मभूमि बताते हुए रणजीत रावत को बड़ा नेता कहा. वहीं, समाजवादी पार्टी ने तीसरी लिस्ट जारी करते हुए सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. इसके साथ ही हरिद्वार में बीजेपी गंगा आरती कर जीत की कामना की है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने जहां अपना वर्चुअल चुनावी अभियान तेज किया तो यूकेडी ने भी अपने चुनावी अभियान को धार दी.

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