देहरादून: उद्योग सचिव पंकज पांडे ने हाल ही में कैबिनेट में मंजूर हुई उद्योग विभाग से जुड़ी पांच नहीं पॉलिसियों को लेकर विस्तार में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किस तरह से यह पॉलिसी आने वाले समय में उत्तराखंड को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बनाने जा रही है.
उद्योग सचिव ने पॉलिसी के बारे में बताया: मीडिया से बातचीत करते हुए उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि कैबिनेट में उद्योग विभाग से जुड़ी पांच अलग-अलग पॉलिसियों को मंजूरी मिली. हालांकि इनके बारे में कैबिनेट मीटिंग में बताया गया था लेकिन विस्तार में उन्होंने अब तमाम योजनाओं के बारे में मीडिया को जानकारी दी. काफी मेहनत और पूरे देश भर में शोध करने के बाद उद्योग विभाग द्वारा यह पांच अलग-अलग पॉलिसी ऑनलाइन गई हैं जो कि आने वाले समय में उत्तराखंड के उद्योग जगत को नए आयाम पर लेकर जाएंगी.
स्टार्टअप में टॉप 3 में आने का लक्ष्य: उद्योग सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि जिस तरह से स्टार्टअप उद्योग में उत्तराखंड राज्य पिछली दफा टॉप 5 राज्यों में शामिल था, इसी की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश द्वारा स्टार्टअप को लेकर एक नई पॉलिसी स्टार्टअप पॉलिसी 2023 और अधिक बृहद स्वरूप के साथ लाई गई है. टॉप फाइव के बाद पूरे देश भर में टॉप 3 में आने का लक्ष्य रखा गया है.
5 साल के लिए लाई गई स्टार्टअप पॉलिसी: उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि Top3 में आने के लिए और अपने स्टार्टअप उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्या कुछ नियमों में बदलाव होने चाहिए और किस तरह से नीति का निर्धारण होना चाहिए, उस पर शोध करने के बाद स्टार्टअप पॉलिसी में संशोधन कर स्टार्टअप पॉलिसी 2023 लाई गई है. उन्होंने बताया कि पुरानी पॉलिसी केवल उद्योग विभाग के तहत काम करती थी. अब नई पॉलिसी के तहत सभी विभागों को स्टार्टअप पॉलिसी से जोड़ा गया है. यह अगले 5 सालों के लिए लाई गई है.
उद्योग स्थापना के लिए पॉलिसी: इसके अलावा उद्योग विभाग द्वारा निजी क्षेत्रों और निजी भूमि में उद्योगों की स्थापना को लेकर पॉलिसी बनाई गई है. जिसके तहत अब निजी भूमि धारक भी अपनी भूमि को इंडस्ट्री और भूमि में तब्दील कर सकता है और वहां पर बड़े उद्योग धंधे स्थापित कर सकता है. इसके लिए राज्य सरकार भी मदद करेगी. लेकिन उसके लिए उद्योगपति के पास अपनी जमीन होनी चाहिए, उसे राज्य सरकार जमीन नहीं देगी. इस पॉलिसी के तहत अलग-अलग वर्ग की भूमि के लिए मानक तय किए गए हैं.
कस्टमाइज पैकेज पॉलिसी की दी जानकारी: वहीं इसके अलावा कस्टमाइज पैकेज पॉलिसी के बारे में भी उद्योग सचिव ने जानकारी दी और प्लास्टिक प्रतिबंध करने से प्लास्टिक व्यवसाय से प्रभावित उद्यमियों को अन्य विकल्पों में बढ़ावा देने के लिए भी उद्योग विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं, जिसका लाभ प्लास्टिक उद्योग में सन्लिप्त व्यापारियों को अपने नए विकल्पों के उद्योगों को स्थापित करने में दिया जाएगा.
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वहीं कस्टमाइज पैकेज पॉलिसी के बारे में उद्योग सचिव ने बताया कि यह प्रदेश में बड़े उद्योगपतियों को लुभाने के लिए लाई गई है. देश के सभी बड़े राज्यों में यह पॉलिसी लागू है. उद्योग सचिव पंकज पांडे ने बताया कि प्रदेश में बड़े निवेशकों को लाने के लिए इस तरह के प्रावधान किए गए हैं, जिसमें सभी पॉलिसियों से अलग हटकर भी किसी बड़े निवेशक को लुभाने के लिए नेगोसिएशन किया जा सकता है. वहीं यह नेगोसिएशन किसी भी तरह से सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. ताकि आने वाले अन्य निवेशक पर इसका प्रभाव ना पड़े.