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अब फ्रूट वाइन से राजस्व कमाएगा उद्यान विभाग, मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्लान करें तैयार - उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक

उत्तराखंड का उद्यान विभाग अब फ्रूट वाइन से राजस्व कमाने की प्लानिंग कर रहा है. उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि खराब हुए फलों को इस्तेमाल में लाने को फ्रूट वाइन के लिए प्लानिंग तैयार की जाएगी. मंत्री ने ये भी कहा कि केंद्र और राज्य की तमाम योजनाओं का लाभार्थी को भुगतान डीबीटी के माध्यम से हो.

Horticulture review meeting
उद्यान विभाग की बैठक
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Published : Jun 1, 2023, 8:28 AM IST

Updated : Jun 1, 2023, 9:03 AM IST

देहरादून: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने कैंप कार्यालय में उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान मंत्री जोशी ने उद्यान विभाग में चल रही केंद्र और राज्य पोषित योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली और कुछ सख्त दिशा निर्देश भी दिए.

गणेश जोशी ने की समीक्षा बैठक: उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में गणेश जोशी ने निर्देश दिए हैं कि केंद्र और राज्य की तमाम योजनाओं का लाभार्थी को भुगतान डीबीटी के माध्यम से दिया जाए. उद्यान मंत्री ने फील्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पौध और बीज किसी भी किसानों की आत्मा होती है. यदि वह समय से किसान या बागवान को ना मिले तो विभाग की सबसे बड़ी नाकामी होगी. उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वो सुनिश्चित करें कि किसान को अच्छी वैरायटी की नर्सरी से पौध उपलब्ध हो और समय से पहुंचे. मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि बाहरी नर्सरी के बजाए स्थानीय नर्सरी विक्रेता को पहली प्राथमिकता दी जाए.

अच्छी पैकेजिंग पर मंत्री का जोर: मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीघ्र ही विभाग एसओपी तैयार करे. समय पर किसानों को पौध उपलब्ध करवाएं. इसके अलावा कृषि मंत्री जोशी ने अधिकारियों से यह भी कहा कि मौन पालन यानी मधुमखी पालन की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं, जिसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को सरकार की मौन पालन योजनाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा. कीवी और एप्पल मिशन में एक बेहतर रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दिए गए, ताकि किसानों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. इसके अलावा कीवी और कीवी के बॉक्स को लेकर भी खास दिशा निर्देश देते हुए कहा कि बॉक्स डिजाइनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. किस तरह से एक अच्छी पैकिंग से किसान को बेहतर दाम उपलब्ध कराए जा सकते हैं, इसकी प्लानिंग की जाए.
ये भी पढ़ें: मधुमक्खी पालक बने कृषि मंत्री गणेश जोशी, अपने सरकारी आवास पर खुद निकाला शहद

फ्रूट वाइन के लिए प्लानिंग: समीक्षा बैठक में तय किया गया है कि खराब हुए फलों को इस्तमाल में लाने के लिए फ्रूट वाइन के लिए प्लानिंग तैयार की जाएगी. मधुमखी पालन और चाय बागवानी के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशने के लिए चर्चा हुई. कृषकों को बागवानी के क्षेत्र में उत्पाद के अच्छे दाम के लिए बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था पर विभाग का फोकस है. आपको बता दें कि पिछले सत्र की तुलना में इस साल सेब की 12 लाख 5 हजार और कीवी की 2 लाख 12 हजार पौध वितरित की गई. वहीं इसके अलावा आड़ू की 1.24 लाख, पुलम की 77 हजार, नींबू की 1.62 लाख और अमरूद की 1.26 लाख पौध वितरत की गई हैं.

देहरादून: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने कैंप कार्यालय में उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान मंत्री जोशी ने उद्यान विभाग में चल रही केंद्र और राज्य पोषित योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली और कुछ सख्त दिशा निर्देश भी दिए.

गणेश जोशी ने की समीक्षा बैठक: उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में गणेश जोशी ने निर्देश दिए हैं कि केंद्र और राज्य की तमाम योजनाओं का लाभार्थी को भुगतान डीबीटी के माध्यम से दिया जाए. उद्यान मंत्री ने फील्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पौध और बीज किसी भी किसानों की आत्मा होती है. यदि वह समय से किसान या बागवान को ना मिले तो विभाग की सबसे बड़ी नाकामी होगी. उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वो सुनिश्चित करें कि किसान को अच्छी वैरायटी की नर्सरी से पौध उपलब्ध हो और समय से पहुंचे. मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि बाहरी नर्सरी के बजाए स्थानीय नर्सरी विक्रेता को पहली प्राथमिकता दी जाए.

अच्छी पैकेजिंग पर मंत्री का जोर: मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीघ्र ही विभाग एसओपी तैयार करे. समय पर किसानों को पौध उपलब्ध करवाएं. इसके अलावा कृषि मंत्री जोशी ने अधिकारियों से यह भी कहा कि मौन पालन यानी मधुमखी पालन की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं, जिसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को सरकार की मौन पालन योजनाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा. कीवी और एप्पल मिशन में एक बेहतर रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दिए गए, ताकि किसानों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. इसके अलावा कीवी और कीवी के बॉक्स को लेकर भी खास दिशा निर्देश देते हुए कहा कि बॉक्स डिजाइनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. किस तरह से एक अच्छी पैकिंग से किसान को बेहतर दाम उपलब्ध कराए जा सकते हैं, इसकी प्लानिंग की जाए.
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फ्रूट वाइन के लिए प्लानिंग: समीक्षा बैठक में तय किया गया है कि खराब हुए फलों को इस्तमाल में लाने के लिए फ्रूट वाइन के लिए प्लानिंग तैयार की जाएगी. मधुमखी पालन और चाय बागवानी के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशने के लिए चर्चा हुई. कृषकों को बागवानी के क्षेत्र में उत्पाद के अच्छे दाम के लिए बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था पर विभाग का फोकस है. आपको बता दें कि पिछले सत्र की तुलना में इस साल सेब की 12 लाख 5 हजार और कीवी की 2 लाख 12 हजार पौध वितरित की गई. वहीं इसके अलावा आड़ू की 1.24 लाख, पुलम की 77 हजार, नींबू की 1.62 लाख और अमरूद की 1.26 लाख पौध वितरत की गई हैं.

Last Updated : Jun 1, 2023, 9:03 AM IST
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