देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने युवाओं से वादा किया है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार का पूरा फोकस रोजगार पर होगा. हरीश रावत ने बेरोजगारों से रोजगार अभियान के तहत मिस कॉल कर जुड़ने का आह्वान भी किया. जिसके बाद आम आदमी पार्टी हरदा पर हमलावर हो गई है. आप ने इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के बेरोजगारों से कांग्रेस की सरकार आने पर हर साल 10 हजार नए पद सृजित करने का वादा किया है. हरीश रावत की घोषणा पर प्रदेशभर में रोजगार गारंटी अभियान चला रही आम आदमी पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधा है. आप के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली का कहना है कि कल तक आम आदमी पार्टी को कोसने और बुरा भला कहने वाले नेता अब आप की नीतियों को अपनाने के लिए मजबूर हो गए हैं.
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उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा काम की राजनीति करना विपक्षी दलों की मजबूरी बन गया है. उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टियां आज आप की नकल करने पर विवश हो गई हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को युवाओं की याद सताने लगी है, रावत कह रहे हैं कि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो रोजगार समेत कई मुद्दों पर काम करेंगे. जबकि हकीकत यह है कि उनके शासनकाल में वह इन्हीं मुद्दों पर काम करने का जज्बा नहीं दिखा पाए.
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नवीन पिरशाली का कहना है कि जब हरीश रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उस समय उन्हें बेरोजगारों की क्यों नहीं याद आई. उनकी सरकार रहते हुए वो बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि हरीश रावत सिर्फ राजनीति करने और जुमलेबाजी करने में माहिर हैं और अब वह युवाओं को रोजगार देने और भत्ता देने के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.