देहरादून: उपनलकर्मियों ने आज अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश भर से आए सैकड़ों की संख्या में उपनल कर्मियों ने विधानसभा कूच किया. इस बीच पुलिस और उपनलकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई.
विधानसभा कूच करने जा रहे उपनल कर्मियों को रिस्पना पुल से पहले ही भारी पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका. रोके जाने से नाराज आक्रोशित उपनल कर्मचारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. जिसके बाद एक सभा का आयोजन किया गया. संघ के पदाधिकारियों ने कहा उपनल कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए शासन स्तर पर बार-बार अनुरोध किया गया, किंतु कर्मचारियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा वर्तमान में विभागों द्वारा 10 -15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया. कुछ विभागों में हटाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही कई विभागों में पर्याप्त बजट होने के बावजूद उपनल कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने कहा उपनल कर्मचारियों ने इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं किया है. अगर यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो भविष्य में इमरजेंसी सेवाओं को भी बाधित करने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा. संघ के प्रदेश संयोजक ने कहा कि अभी उनका एक दिवसीय कार्यक्रम है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो संयुक्त मोर्चा के सभी पदाधिकारी बैठक करके सरकार को एक माह का अल्टीमेटम देने के बाद अनिश्चितकालीन धरना करेंगे. सड़क पर धरने पर बैठे उपनल कर्मचारियों ने सरकार द्वारा कोर्ट में दायर की गई एसएलपी को वापस लिए जाने की मांग उठाई. इसके अलावा वेतन में न्यूनतम 20% मानदेय की वृद्धि और डीए की मांग भी उपनल कर्मियों ने की.