देहरादूनः वित्त विभाग की अनुमति के बाद ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में जल्द ही 764 पदों पर सीधी भर्तियां होने जा रही हैं. ऐसे में एक ओर युवा सरकारी नौकरी पाने की तैयारियों में जुट चुके हैं तो वहीं, दूसरी ओर ऊर्जा विभाग में तैनात उपनल के संविदाकर्मियों ने इन सीधी भर्तियों के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद कर दिए हैं.
उत्तराखंड विद्युत निगम संविदा कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष विनोद कवि का कहना है कि विभाग सीधी भर्ती के फैसले से औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी के आदेशों की अवहेलना कर रहा है. साल 2017 में कोर्ट ने विभाग को आदेशित किया था कि विनियमितीकरण नियमावली- 2011 के तहत नियमितीकरण करें. साथ ही जो भी कर्मचारी इस नियमावली के तहत नहीं आते हैं, उन्हें समान कार्य समान वेतन भत्ते दिए जाएं.
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ऐसे में सरकार का यह फरमान पूरी तरह उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है. जिसका ऊर्जा विभाग में तैनात उपनल के सभी संविदा कर्मचारी विरोध करते हैं. ऊर्जा विभाग को पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए. उसके बाद ही सीधी भर्ती के प्रस्ताव पर काम करना चाहिए. यदि सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती तो संविदा कर्मचारी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हो जाएंगे.
वहीं, इस पूरे मामले में यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा का कहना है कि फिलहाल, सरकार ने आदेश जारी किया है. ऐसे में परीक्षण करने के बाद ही इन पदों पर भर्ती से कोई दिक्कत नहीं होगी और उन्हीं पदों पर भर्तियां की जाएगी. बहरहाल, लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर बेरोजगार युवाओं में सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद जगी है, लेकिन उपनल के संविदा कर्मचारियों की नाराजगी के बाद यह मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है तो हो सकता है, युवाओं की उम्मीदों पर एक बार पानी फिर जाएं.