देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट से राहत को लेकर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों की मेहनत रंग लाई है, खास बात यह है कि इस दौरान ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने न केवल राज्य में बिजली कटौती की आशंकाओं को हटाना है, बल्कि राज्य के करीब 300 करोड रुपए भी बचाएं हैं. फिलहाल यह राहत कुछ महीनों के लिए ही मिली है.
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पिछले कुछ समय से बिजली की कमी के चलते खासी परेशानी में दिखाई दे रहा था, लेकिन निगम के अफसरों ने दिल्ली दौड़ और विभिन्न मंचों पर राज्य के हालात को सही तरीके से रखने के बाद बिजली संकट को लेकर चली आ रही परेशानियों को कुछ महीनों के लिए टाल दिया है.
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बता दें कि प्रदेश में इन दिनों बिजली की डिमांड 45 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है, जबकि राज्य में बिजली उत्पादन महज 10 मिलियन यूनिट तक की हो पा रहा है. उधर केंद्रीय पूल से भी महज 22 मिलियन यूनिट तक ही बिजली मिल पा रही है. ऐसे में यूपीसीएल के सामने खुले बाजार से महंगी बिजली खरीदना मजबूरी बन गया था.
देशभर में बिजली की कमी को देखते हुए खुले बाजार में बिजली के दाम भी करीब ₹12 यूनिट तक पहुंच चुके हैं. ऐसे हालात में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों ने राज्य की समस्या को विभिन्न स्तरों पर रखा और आखिरकार बिजली संकट को लेकर बड़ी राहत पाने में कामयाबी हासिल की.
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दरअसल, राज्य को देशभर की अनएलॉटेड बिजली का आवंटन किया गया है, जिसके कारण आगामी करीब 2 महीनों तक राज्य को अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता केंद्र से हो सकेगी. केंद्र से यह बिजली करीब ₹5 प्रति यूनिट के हिसाब से मिल पाएगी, यानी करीब 7 से 7.50 रुपए तक प्रत्येक यूनिट पर कम दरों में राज्य को बिजली मिल पाएगी. इस लिहाज से राज्य को करीब 300 करोड रुपए का बिजली खरीद में होने वाला नुकसान टाला जा सकता है.