देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. आज भगवान बदरीनाथ धाम के भी कपाट खुल चुके हैं. ऐसे में यात्रा को निर्विघ्न संपादित करने के लिए सरकार की तरफ से कड़ा संदेश दिया गया है. स्थिति यह है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की जा रही है. चारधाम यात्रा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर तमाम तैयारियों के बीच केदारनाथ धाम में बिजली कटौती पर मुख्य सचिव ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी. इस पर यूपीसीएल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के निर्देश लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों पर भारी पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. हाल ही में यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव खुद निरीक्षण के लिए धाम पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बिजली कटौती पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार यादव (MD Anil Kumar Yadav) को मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जाकर मामले की सुध आई और उन्होंने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दशरथ चौधरी को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया है.
पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई: चारधाम यात्रा मार्ग क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश तो दिए ही गए हैं. साथ ही लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने का भी संदेश दिया गया है. इस दिशा में जहां यमुनोत्री क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों को परेशान करने वाले पुलिसकर्मी पर महकमे की तरफ से सख्त कार्रवाई की गई है. तो वहीं, ऊर्जा निगम ने भी ऐसे ही लापरवाह इंजीनियर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं.
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मुख्य सचिव कर रहे मॉनिटरिंग: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का क्या महत्व है ? इसको सरकार भी जानती है और मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू भी. इसीलिए सरकार से लेकर शासन स्तर पर मुख्य सचिव एसएस संधू (CS SS Sandhu) खुद चार धाम यात्रा की मानिटरिंग कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि कई विभागों के विभागाध्यक्षों को चारों धामों में जाकर व्यवस्थाओं को देखने की फुर्सत नहीं हैं. इसलिए मुख्य सचिव चारों धामों में अव्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं.