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देहरादून: आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर लौटा केंद्रीय दल, CM त्रिवेंद्र को हर संभव मदद का दिया भरोसा

उत्तराखंड को अब आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में निर्माण के लिए आर्थिक सहायता की मदद की दरकार है. जिसके लिए केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के बाद अब भारत सरकार के रवैए का राज्य को इंतजार होगा. साथ ही एक बड़ी राशि की भी राज्य को उम्मीद है.

देहरादून
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Published : Aug 30, 2019, 11:53 PM IST


देहरादून: उत्तरकाशी और चमोली में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की 7 सदस्य टीम देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की. इस दौरा दोनों बीच क्षेत्रों के हालात और केंद्र से मदद को लेकर वार्ता हुई.

बता दें कि दिनों बीते उत्तरकाशी आपदा से बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के राहत मांगी थी. इसके बाद गुरुवार को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव कुमार की अध्यक्षता में 07 सदस्यीय केंद्रीय दल उत्तराखंड पहुंचा था. दल ने शुक्रवार को उत्तरकाशी और चमोली जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां हुए नुकसान का आकलन किया.

पढ़ें- उत्तरकाशी आपदा में 9 करोड़ 84 लाख रुपये का हुआ नुकसान, निरीक्षण कर लौटी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम

आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने का बाद ये दल शुक्रवार शाम को देहरादून पहुंचा, जहां इस दल ने सीएम त्रिवेंद्र और उत्पल कुमार सिंह समेत आपदा से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ वहां के हालात पर चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय दल ने बताया कि वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट भारत सरकार में देंगे. ताकि प्रदेश को जल्द से जल्द सहायता मिल सके.

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय दल को जानकारी देते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में दैवीय आपदा के मानकों में शिथिलता होनी चाहिए और पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सहायता राशि में भी वृद्धि होनी चाहिए. ताकि आपदा में प्रभावित लोगों को और अधिक प्रभावी ढंग से मदद की जा सके.

सीएम ने कहा कि आपदा के समय रक्षा मंत्रालय ने विशेष सहयोग देकर आपदा में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला था. वहीं, प्रदेश सरकार ने अपने वित्तीय संसाधनों से पीड़ितों को राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया है.

पढ़ें- चमोली: आपदा प्रभावित क्षेत्र का गृह मंत्रालय की टीम ने दौरा, नुकसान का किया आकलन

बता दें कि वर्ष 2019 के मॉनसून सीजन में अब तक कुल 59 लोग की मौत हो चुकी, 57 घायल हुए है, वहीं, 4 अभी भी लापता है. इसके साथ ही पशु हानि में 92 बड़े और 319 छोटे पशुओं की भी हानि हुई है.

लोनिवि में अब तक लगभग 15354.15 लाख, पेयजल में लगभग 2096.21 लाख, सिंचाई में लगभग 2248.54 लाख और ऊर्जा में लगभग 545.08 लाख का नुकसान हुआ है. मॉनसून सीजन में सभी विभागों के अन्तर्गत अब तक लगभग 22195.03 लाख रुपए (अनुमानित) नुकसान हुआ है. इसकी पूरी जानकारी केंद्रीय दल को भी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन की तरफ से दी गई है. ऐसे में उत्तराखंड को अब आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निर्माण के लिए आर्थिक सहायता की मदद की दरकार है. जिसके लिए केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के बाद अब भारत सरकार के रवैए का राज्य को इंतजार होगा. साथ ही एक बड़ी राशि की भी राज्य को उम्मीद है.


देहरादून: उत्तरकाशी और चमोली में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की 7 सदस्य टीम देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की. इस दौरा दोनों बीच क्षेत्रों के हालात और केंद्र से मदद को लेकर वार्ता हुई.

बता दें कि दिनों बीते उत्तरकाशी आपदा से बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के राहत मांगी थी. इसके बाद गुरुवार को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव कुमार की अध्यक्षता में 07 सदस्यीय केंद्रीय दल उत्तराखंड पहुंचा था. दल ने शुक्रवार को उत्तरकाशी और चमोली जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां हुए नुकसान का आकलन किया.

पढ़ें- उत्तरकाशी आपदा में 9 करोड़ 84 लाख रुपये का हुआ नुकसान, निरीक्षण कर लौटी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम

आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने का बाद ये दल शुक्रवार शाम को देहरादून पहुंचा, जहां इस दल ने सीएम त्रिवेंद्र और उत्पल कुमार सिंह समेत आपदा से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ वहां के हालात पर चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय दल ने बताया कि वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट भारत सरकार में देंगे. ताकि प्रदेश को जल्द से जल्द सहायता मिल सके.

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय दल को जानकारी देते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में दैवीय आपदा के मानकों में शिथिलता होनी चाहिए और पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सहायता राशि में भी वृद्धि होनी चाहिए. ताकि आपदा में प्रभावित लोगों को और अधिक प्रभावी ढंग से मदद की जा सके.

सीएम ने कहा कि आपदा के समय रक्षा मंत्रालय ने विशेष सहयोग देकर आपदा में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला था. वहीं, प्रदेश सरकार ने अपने वित्तीय संसाधनों से पीड़ितों को राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया है.

पढ़ें- चमोली: आपदा प्रभावित क्षेत्र का गृह मंत्रालय की टीम ने दौरा, नुकसान का किया आकलन

बता दें कि वर्ष 2019 के मॉनसून सीजन में अब तक कुल 59 लोग की मौत हो चुकी, 57 घायल हुए है, वहीं, 4 अभी भी लापता है. इसके साथ ही पशु हानि में 92 बड़े और 319 छोटे पशुओं की भी हानि हुई है.

लोनिवि में अब तक लगभग 15354.15 लाख, पेयजल में लगभग 2096.21 लाख, सिंचाई में लगभग 2248.54 लाख और ऊर्जा में लगभग 545.08 लाख का नुकसान हुआ है. मॉनसून सीजन में सभी विभागों के अन्तर्गत अब तक लगभग 22195.03 लाख रुपए (अनुमानित) नुकसान हुआ है. इसकी पूरी जानकारी केंद्रीय दल को भी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन की तरफ से दी गई है. ऐसे में उत्तराखंड को अब आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निर्माण के लिए आर्थिक सहायता की मदद की दरकार है. जिसके लिए केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के बाद अब भारत सरकार के रवैए का राज्य को इंतजार होगा. साथ ही एक बड़ी राशि की भी राज्य को उम्मीद है.

Intro:summary- आपदा का जायजा लेने पहुंची गृह मंत्रालय की इंटर मिनिस्ट्रियल टीम आज शाम आराकोट से लौटने के बाद करेगी स्थिति साफ। 200 से 250 करोड़ के नुकसान का अनुमान।

Note-इंटर मिनिस्ट्रियल टीम के निरीक्षण करते हुए कुछ वीसुअल wrap से भेज रहा हूँ। वो भी कृपया ख़बर में जोड़ दें।

एंकर- आपदा प्रबंधन भारत सरकार और गृह मंत्रलाय में संयुक्त सचिव एस.के. जिंदल के नैतृत्व में 6 अन्य अलग अलग केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ 7 सदस्यीय इंटर मिनिस्ट्रियल टीम कल देर शाम उत्तरकाशी के आपदा ग्रस्त क्षेत्र आराकोट पहुंची जिसके बाद ये टीम आपदा से प्रभावित पूरे क्षेत्र का जायजा कर आज शाम देहरादून लौटेगी और उत्तरकाशी की मोरी तहसील के साथ साथ आराकोट, त्यूणी सहित पूरे क्षेत्र में हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में स्थिति स्पष्ट करेगी।


Body:वीओ- उत्तराखंड में ये मानसून सीजन भी हर साल की तरह जाते जाते कई जिंदगियां अपने साथ लेकर जाता दिख रहा है। आराकोट आपदा से पहले प्रदेश में साल आपदा मे मोत के आंकड़े 34 तक पहुंच चुके थे और उसके बाद आराकोट जैसी बड़ी आपदा ने मौत के इस आंकड़े को बहुत छोटा कर दिया और मरने वालों की संख्या 50 के पार हो गयी। लेकिन इसी बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की और प्रदेश में लगातार इस आपदा के कहर को लेकर मदद की गुहार लगाई जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने उचित आश्वाशन दिया लेकिन इसी दौरान आराकोट हादसा होने के बाद पूरे देश का ध्यान उत्तराखंड की ओर जाना लाजमी है लिहाजा भारत सरकार का ग्रह मंत्रालय भी खुद उत्तराखंड में आयी इस आपदा पर नजर बनाए हुए था और अब गुरुवार को ग्रह मंत्रालय ने उत्तराखंड के आराकोट क्षेत्र में आई इस दैवीय त्रासदी में हुए नुकसान के मूल्यांकन के लिए केंद्र से इंटर मिनिस्ट्रियल टीम को सन्युक्त सचिव एसके जिंदल के नेतृत्व में उत्तराखंड रवाना कर दिया।

गुरुवार को उत्तराखंड आयी भारत सरकार की टीम ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदा ग्रस्त क्षेत्र की ओर जाना था लेकिन मौसम खराब होने की वजह से टीम को सड़क मार्ग से होते हुए ही क्षेत्र में जाना पड़ा और देर रात आराकोट पहुंची टीम ने कई जगहों का निरीक्षण किया साथ ही आज भी सुबह से टीम पूरे प्रभावित क्षेत्र में हुए नुकसान का निरीक्षण में लगी हुई है और आज शाम ये टीम देहरादून लौटेगी और आपदा में हुए नुकसान को लेकर मीडिया के सामने वस्तु स्थिति स्पष्ट करेंगे।

उत्तराखंड आपदा सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में आई आपदा को लेकर भारत सरकार से राज्य सरकार ने मदद मांगी थी और उसी के क्रम में ये इंटर मिनिस्ट्रियल ये टीम आज उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट के निरीक्षण पर है। उन्होंने बताया कि इस टीम को केंद्रीय गृह मंत्रालय के सन्युक्त सचिव एसके जिंदल हेड कर रहें है और साथ ही टीम में कृषि, वित्त सहित अलग अलग विभागों के 6 अधिकारी मौजूद हैं। आपदा सचिव अमित नेगी ने बताया कि आपदा में हुए नुकसान के आंकलन में अभी समय लगेगा क्योंकि प्राथमिकता अभी राहत और बचाव कार्यों की है लेकिन फिर भी जो मोटा-माटी आंकलन हुआ है उसके तहत अभी अभी तकरीबन 200 से 250 करोड़ का नुकसान का अंदाजा लागया जा रहा है। लेकिन ये नुकसान अभी वस्तुस्थिति स्पष्ट होने पर बढ़ने की आशंका है।

बाइट- अमित नेगी, आपदा सचिव उत्तराखंड


Conclusion:
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