पिथौरागढ़: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का उद्घाटन किया. वहीं, इस मौके पर राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भी उपस्थित थे.
भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क की कटिंग का कार्य पूरा हो गया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इस कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सड़क निर्माण के लिए बीआरओ को बधाई दी, साथ ही इस सड़क को सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण बताया. पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी एयरपोर्ट पर आयोजित ई-उद्घाटन कार्यक्रम में बीआरओ के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे.
-
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh inaugurates the Link Road to Kailash Mansarovar via video conferencing. Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat and Chief of Army Staff General Manoj Mukund Naravane also present. pic.twitter.com/f29bKwYgqw
— ANI (@ANI) May 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Delhi: Defence Minister Rajnath Singh inaugurates the Link Road to Kailash Mansarovar via video conferencing. Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat and Chief of Army Staff General Manoj Mukund Naravane also present. pic.twitter.com/f29bKwYgqw
— ANI (@ANI) May 8, 2020Delhi: Defence Minister Rajnath Singh inaugurates the Link Road to Kailash Mansarovar via video conferencing. Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat and Chief of Army Staff General Manoj Mukund Naravane also present. pic.twitter.com/f29bKwYgqw
— ANI (@ANI) May 8, 2020
आपको बता दें कि तवाघाट से लिपुलेख सीमा तक 95 किमी सड़क की कटिंग हो चुकी है. सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण इस सड़क के निर्माण का जिम्मा 2008 में बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) को सौपा गया था. विषम भोगौलिक परिस्थितियों के चलते बीआरओ को सड़क की कटिंग में 12 साल का समय लग गया.
ये भी पढ़े: LIVE औरंगाबाद ट्रेन हादसा : 16 प्रवासी मजदूरों की मौत, लौट रहे थे मध्य प्रदेश
जिला प्रशासन और बीआरओ के अधिकारियों ने नैनी सैनी एयरपोर्ट से सेना और अर्ध सैनिक बलों के वाहन लिपुलेख के लिए रवाना किये. वही, सिविल गाड़ियां को भी कुछ दिनों बाद इस मार्ग पर संचालन की अनुमति मिल जाएगी.
चीन सीमा को जोड़ने वाली वाली इस सड़क के बनने से कैलाश मानसरोवर यात्रा और छोटा कैलाश की यात्रा आसान हो जाएगी. साथ ही माइग्रेशन करने वाले सीमांत के हजारों परिवारों को भी बड़ी राहत मिलेगी. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क के बनने से बॉर्डर पर तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को आवाजाही में सुविधा होगी.