देहरादूनः गोवंश की रक्षा को लेकर नगर निगम ने ऑपरेशन गोठ-गोठियार चलाया है. यह अभियान उन गोवंश के लिए चलाया जा रहा है, जिनके मालिक गायों को दूध न देने या अन्य कारणों से बेसहारा छोड़ देते हैं. नगर निगम द्वारा ऐसे पशुओं को कांजी हाउस में रखा जाता है. नगर निगम द्वारा इस अभियान के तहत पशुओं पर लगे टैग से मालिक को ट्रेस करके जानकारी हासिल करके निराश्रित पशुओं को उनके मालिक के साथ भेजने का संकल्प लिया है.
जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन के तहत अब तक 37 पशुओं की सुरक्षित घर वापसी कराई गई है. साथ ही अभियान के तहत टीम ने अब तक ढाई लाख रुपए के करीब जुर्माना वसूला है. इसके अलावा जो मालिक अपने पशुओं को ले जाने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि पिछले कुछ समय से देहरादून शहर की सड़कों पर बेसहारा गोवंश की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. वहीं, इस साल कोरोना काल में जनवरी से अब तक सड़क पर करीब 150 से ज्यादा गोवंश बेसहारा छोड़ें गए हैं. ऐसे गोवंश को नगर निगम द्वारा सड़क से उठाकर अपने कांजी हाउस में पहुंचा दिया गया है.
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हालांकि, अब कांजी हाउस में भी गोवंश की संख्या काफी बढ़ गई है. इससे गोवंश के रखरखाव में परेशानी होने लगी है. ऐसे में अब गोठ गोठियार अभियान के सदस्य कांजी हाउस के पशुओं के मालिकों का पता लगाकर उनको उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
इस संबंध में वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी दिनेश चंद्र तिवारी का कहना है कि मई महीने से ऑपरेशन गोठ-गोठियार चल रहा था. इस ऑपरेशन के तहत हमने अब तक 37 जानवरों की सुरक्षित घर वापसी कराई है, जो कांजी हाउस में पिछले एक साल से आश्रित थे. साथ ही अभियान के तहत टीम ने अब तक ढाई लाख रुपए जुर्माना वसूला है. साथ ही बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और इस तरह के अगर हमें पशु मिलते रहेंगे तो यह अभियान चलता रहेगा.
क्या होता है गोठ-गोठियारः कुमाऊंनी में गोठ घर पशुओं के लिए बने गौशाला को कहते हैं. इसी तरह गढ़वाली में उनको गोठियार कहा जाता है. इसलिए इस ऑपरेशन को गोठ-गोठियार नाम दिया गया है.