देहरादून: उत्तराखंड में राज्याधीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के प्रमोशन पर अनिश्चितकाल तक के लिए रोक लगा दी गई है. यह रोक हाई कोर्ट से अंतिम आदेश या राज्य सरकार द्वारा कोई निर्णय लिए जाने तक जारी रहेगी. इस रोक के बाद प्रदेश में सालों से प्रमोशन के इंतजार में बैठे कर्मचारी मायूस हो गये हैं.
बता दें कि राज्य सरकार ने 5 सितंबर 2012 को अधिसूचना जारी कर पदोन्नत्ति में एससी/एसटी को आरक्षण देने की व्यवस्था को खत्म कर दिया था. जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने के आदेश दिए. करीब एक माह पहले हाई कोर्ट के अधिसूचना को निरस्त करने के बाद फिर प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो गयी. लेकिन इसके बाद फिर हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाकर कुछ कर्माचारियों ने हाई कोर्ट के आदेश को ही चुनौती दी है.
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जिसके बाद अब मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने आदेश जारी कर प्रदेश भर में प्रमोशन की सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी है. जानकारी के अनुसार अब हाई कोर्ट के अंतिम आदेश या सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिए जाने तक डीपीसी की प्रक्रिया को स्थगित करने के आदेश दिए गये हैं. वहीं जनरल ओबीसी एम्पलाइज फेडरेशन के मुख्य प्रवक्ता राकेश जोशी ने सरकार के इस निर्णय को कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात बताया है.
आरक्षण को लेकर शुरू हुए विवाद के चलते सालों से प्रमोशन का इंतजार करने वाले कर्मचारियों को एक बार फिर झटका लगा है. आरक्षण को लेकर हुए विवाद में अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो कर्मचारियों को प्रमोशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी करीब 15,000 पद रिक्त हैं. जिन पर डीपीसी किया जाना लंबित है.