देहरादून: कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन 4.0 लागू है. ऐसे में राज्य में अन्य प्रदेशों से प्रवासियों का आना निरंतर जारी है. जिसके चलते राज्य में कोरोना संक्रमण के केस में भी बढ़ोतरी हुई है. जिसको लेकर विपक्षी पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने कोरोना संकट काल के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर निशाना साधा है. विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री निर्णय लेने में असक्षम हैं.
यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी का कहना है कि कोरोना महामारी ग्रीन जोन वाले पहाड़ी जिलों में दस्तक दे चुका है. इससे राज्य सरकार की नाकामी स्पष्ट झलकती है. प्रदेश में कोरोना के कारण प्रवासी अपने घरों में वापसी कर रहे हैं और यह क्रम भविष्य में भी जारी रहने वाला है. उन्होंने कहा कि इसपर राज्य सरकार का खुद का कहना है कि ढाई लाख प्रवासी घर वापसी के लिए आवेदन कर चुके हैं और सवा लाख प्रवासी अब तक आ चुके हैं.
यूकेडी का कहना है कि राज्य सरकार को केंद्र से लगभग 5 लाख रैपिड टेस्ट किट की मांग करनी चाहिए थी. लेकिन, मुख्यमंत्री ऐसी महामारी में सही निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं हैं. ऐसे में जो प्रवासी अपनी घर वापसी कर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर रेड जोन से आए हैं. लेकिन, प्रदेश में रैपिड टेस्ट अभाव के कारण कोरोना पहाड़ों तक पहुंच गया है.
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वहीं यूकेडी दल की मानें तो पहाड़ों में जहां राज्य के 20 वर्षों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में कोरोना के टेस्ट कैसे हो पाएंगे. यूकेडी ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि अविलंब 5 लाख रैपिड टेस्ट किट मंगा कर सरकार बाहर से आने वाले प्रवासियों का टेस्ट करे.