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उद्यान विभाग को कृषि विभाग में मर्ज करने से नाराज UKD, सीएम को सौंपा ज्ञापन - Uttarakhand Kranti Dal

सरकार द्वारा उद्यान विभाग को कृषि विभाग में मर्ज किए जाने को लेकर क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के नाम एक ज्ञापन सौंपा.

सीएम को सौंपा ज्ञापन
सीएम को सौंपा ज्ञापन
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Published : May 21, 2020, 4:56 PM IST

देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा उद्यान विभाग को कृषि विभाग में मर्ज किए जाने को लेकर क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के नाम एक ज्ञापन सौंपा. यूकेडी ने ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया है कि उद्यान विभाग को कृषि में मर्ज करने के निर्णय को सरकार अविलंब वापस ले. इसके साथ ही उद्यान विभाग की उपयोगिता के तहत पर्वतीय भू-भाग में रोजगार के नए अवसर लाए. वहीं उद्यान के तहत फलों को ब्रांड बनाने में नई नीतियां लागू करें.

उत्तराखंड क्रांति दल का इस संबंध में कहना है कि राज्य का 80 प्रतिशत भू-भाग पर्वतीय है. जिसमें औषधीय जड़ी-बूटियों के अलावा बागवानी की भी अपार संभावनाएं हैं. बागवानी पर आधारित खेती से राज्य वासियों को रोजगार तो मिलेगा. लेकिन, इन 20 वर्षों में सरकारों की नीतियों की वजह से उद्यान विभाग गर्त में आ गया है. जिसका फायदा राजनीतिक लोगों और रसूखदारों ने उठाया है. यूकेडी ने पड़ोसी राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत उद्यानों में आज राज्य का ब्रांड फल सेब है, जो वहां प्रचुर मात्रा में पैदा होता है. जिसकी वजह से वहां के काश्तकार स्वावलंबी बने हैं.

पढ़ें- शोध : मशीन लर्निंग से करेंगे कोरोना मरीजों में हृदय संबंधी रोगों की पहचान

वहीं दूसरी तरफ समान भौगोलिक स्थिति होने के बावजूद उत्तराखंड राज्य में अपना कोई ब्रांड फल अभी तक नहीं बन पाया है. यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने मांग की कि सरकार उद्यान विभाग को मर्ज ना करके विभागीय ढांचे को और मजबूत करते हुए उसे स्वतंत्र रखे.

देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा उद्यान विभाग को कृषि विभाग में मर्ज किए जाने को लेकर क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के नाम एक ज्ञापन सौंपा. यूकेडी ने ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया है कि उद्यान विभाग को कृषि में मर्ज करने के निर्णय को सरकार अविलंब वापस ले. इसके साथ ही उद्यान विभाग की उपयोगिता के तहत पर्वतीय भू-भाग में रोजगार के नए अवसर लाए. वहीं उद्यान के तहत फलों को ब्रांड बनाने में नई नीतियां लागू करें.

उत्तराखंड क्रांति दल का इस संबंध में कहना है कि राज्य का 80 प्रतिशत भू-भाग पर्वतीय है. जिसमें औषधीय जड़ी-बूटियों के अलावा बागवानी की भी अपार संभावनाएं हैं. बागवानी पर आधारित खेती से राज्य वासियों को रोजगार तो मिलेगा. लेकिन, इन 20 वर्षों में सरकारों की नीतियों की वजह से उद्यान विभाग गर्त में आ गया है. जिसका फायदा राजनीतिक लोगों और रसूखदारों ने उठाया है. यूकेडी ने पड़ोसी राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत उद्यानों में आज राज्य का ब्रांड फल सेब है, जो वहां प्रचुर मात्रा में पैदा होता है. जिसकी वजह से वहां के काश्तकार स्वावलंबी बने हैं.

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वहीं दूसरी तरफ समान भौगोलिक स्थिति होने के बावजूद उत्तराखंड राज्य में अपना कोई ब्रांड फल अभी तक नहीं बन पाया है. यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने मांग की कि सरकार उद्यान विभाग को मर्ज ना करके विभागीय ढांचे को और मजबूत करते हुए उसे स्वतंत्र रखे.

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