देहरादून: कोरोना काल के चलते लॉकडाउन के बीच बाहर से आने वाले प्रवासियों का सिलसिला लगातार जारी है. इसे देखते हुए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग प्रवासियों को क्वारंटाइन कर रहा है. वहीं, क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली पर सरकार से नाराजगी जताया है. यूकेडी का कहना है कि इस विकट परिस्थितियों में भी प्रवासियों के साथ सरकार ज्यादती कर रही है. यूकेडी के युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट का कहना है कि ऋषिकेश स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह में कोरोना काल में बेरोजगार हो चुके प्रवासियों से क्वारंटाइन के दौरान पैसे वसूले जा रहे हैं.
यूकेडी के केंद्रीय युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट का कहना है कि इस महामारी में सरकार भद्दी राजनीति का परिचय दे रही है. प्रदेश के प्रवासी लोग इस विकट परिस्थिति में बाहरी राज्यों से वापस बसों और ट्रेनों के जरिए अपने प्रदेश वापसी कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार अपने प्रदेश के लोगों के साथ ज्यादती कर रही है. क्योंकि उनको क्वारंटाइन किए जाने की कोई उचित व्यवस्थाएं नहीं की गई है.
उन्होंने नैनीताल में बेतालघाट क्वारंटाइन सेंटर में एक बालिका के सांप के डंसने से हुई मौत और पिथौरागढ़ के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली का जिक्र किया. उधर, पिथौरागढ़ के क्वारंटाइन सेंटर में एक ही कमरे में जरूरत से ज्यादा लोगों को जबरन रखा जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जो प्रवासी विमान सेवा से बाहरी राज्यों से वापसी कर रहे हैं. उनके के लिए उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है.
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ऋषिकेश स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम में क्वारंटाइन किए गए लोगों से प्रत्येक दिन 14 सौ रुपए वसूले जा रहे हैं. जब यूकेडी ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी से वार्ता की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि आदेश उन्हें सरकार की ओर से मिला है. यूकेडी नेता ने प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए कहा आखिर कोरोना काल के चलते जो युवा इन तीन माह में बेरोजगार और आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. उन्हें आज अपने ही प्रदेश में वापस आकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि होटलों और राज्य अतिथि गृहों में जितने भी प्रवासी क्वारंटाइन पीरियड में ठहरे हुए हैं. उनको सरकार की ओर से खाने-पीने और रहने की निशुल्क व्यवस्था की जाए. यूकेडी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था नहीं सुधरती है तो ऐसे में युवा समूचे प्रदेश में आंदोलन तेज करेंगे.