देहरादूनः अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर लोगों में गुस्सा और गम है. इसी कड़ी में देहरादून और कोटद्वार में अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठन व राजनीतिक दलों ने मशाल जुलूस निकाला. इस मशाल जुलूस में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अंकिता मर्डर केस को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया. उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी संदेह जताया है.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Congress Leader Ganesh Godiyal) ने कहा कि अंकिता हत्याकांड की जांच से वो संतुष्ट नहीं है, क्योंकि पहले से ही उस कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं, जिसमें सबूतों पर बुलडोजर चलाया गया है. उसके बाद पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि पुलिस के आला अधिकारियों के संज्ञान में इस बात का होना कि किसी वीआईपी के लिए यह सब हुआ और उस वीआईपी के नाम की तत्परता का नहीं होना. अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज देना. रिमांड समय पर नहीं लेना और अपराधी के परिवार को भागने का मौका देना जांच पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.
गणेश गोदियाल ने कहा कि यह सब साबित करता है कि असली अपराधी को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने पुरजोर मांग उठाते हुए कहा कि अंकिता मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) की जांच किसी न्यायाधीश की अध्यक्षता और देखरेख में होनी चाहिए. साथ ही मामले में सीबीआई जांच (Congress demands CBI Inquiry on Ankita Murder Case) होनी चाहिए. उन्होंने सबूतों को मिटाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग उठाई है.
ये भी पढ़ेंः अपने ही रिजॉर्ट में पुलिस ऑफिसर बनकर रेड करता था पुलकित, कपल को डराने धमकाने का भी आरोप
कोटद्वार में यूकेडी ने निकाला मशाल जुलूसः उत्तराखंड क्रांति दल ने अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटालों के हाईकोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है. कोटद्वार में भी बीती शाम मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान यूकेडी के वक्ताओं ने कहा कि शासन प्रशासन के ढिलाई के कारण अंकिता हत्याकांड हुआ, जिसमें राजस्व पुलिस यमकेश्वर की संलिप्तता आ रही है. भर्ती घोटाले में भी छोटे-छोटे लोग पकड़े जा रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी बड़े नौकरशाह व नेताओं को अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
हल्द्वानी में सरकार पर बरसे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्यः नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader Of Opposition Yashpal Arya) ने सरकार पर जमकर हमला बोला. यशपाल आर्य ने कहा कि अंकिता हत्याकांड जैसे जघन्य हत्याकांड को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस मांग कर रही है कि जांच सीबीआई (CBI) को सौंप देनी चाहिए. जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कितनी संवेदनहीन है, इसका पता इसे से लगाया जा सकता है कि अल्मोड़ा के भिकियासैंण में हुई दलित नेता जगदीश हत्याकांड और उत्तरकाशी में दलित लड़की के साथ हुए रेप की घटना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. सरकार की तरफ से कोई सरकारी नुमाइंदा या सांसद इस मामले में संवेदनशील नहीं दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अंदर नियम कानून व्यवस्था बिल्कुल खत्म हो गई है.
अंकिता भंडारी मर्डर केस का मामलाः बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था. अब आरोपियों को पुलिस की रिमांड पर लिया गया है.
ये भी पढ़ेंः अंकिता भंडारी गांव में बनानी चाहती थी घर, हैवानों ने उसके सपनों के साथ मार डाला