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उत्तराखंड की दो महिलाओं ने लौटाया तीलू रौतेली अवॉर्ड, जानिए टेक होम राशन से कनेक्शन - उत्तराखंड तीलू रौतेली अवार्ड

टेक होम राशन योजना में सरकार ने दो बदलाव किए हैं. जिससे नाराज होकर दो महिलाओं ने उत्तराखंड सरकार को तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस कर दिया है. महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार उन्हें सम्मानित कर रही है. वहीं दूसरी तरफ उनका उनका रोजगार छीना जा रहा है.

tilu rauteli award return
तीलू रौतेली अवार्ड वापसी
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Published : Aug 10, 2021, 9:15 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 12:25 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में तीलू रौतेली अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है. विकासनगर और सहसपुर में महिला स्वयं सहायता समूह चलाने वाली दो महिलाओं ने तीलू रौतेली अवॉर्ड सरकार को वापस कर दिया है. दोनों महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीना जा रहा है.

जिन महिलाओं ने तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस किया है, उनमें एक का नाम गीता मौर्य है. गीता मौर्य को 8 अगस्त 2020 को उत्कृष्ट स्वयं सहायता समूह शक्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा साल 2018 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी उन्हें सम्मानित किया था.

पढ़ें- उत्तराखंड की 22 वीरांगनाओं को तीलू रौतेली सम्मान, महिला एवं बाल विकास विभाग की ब्रांड एंबेसडर होंगी वंदना

गीता मौर्य को ये सम्मान उनके द्वारा चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूह के लिए दिया गया था. गीता मौर्य महिला स्वयं सहायता समूह ने महिलाओं को उत्थान और रोजगार के क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया था. इसीलिए उन्हें सम्मानित किया गया था. वहीं मंगलवार को श्यामा देवी भी ने अपना तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस कर दिया है. श्यामा देवी को दो दिन पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. श्यामा देवी भी महिला स्वयं सहायता समूह चलाती हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गीता मौर्य ने कहा कि जिस काम के लिए उन्हें केंद्र और राज्य सरकार ने प्रोत्साहन और सम्मान दिया गया है, वहीं काम आज उनसे छीना जा रहा है. महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन की प्रक्रिया अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाई जाती थी, लेकिन कुछ ही दिन पहले महिला बाल विकास विभाग ने टेक होम राशन के लिए ई-निविदा जारी की है, जिसमे कंपनियों को आमंत्रित किया गया है.

पढ़ें- 'उम्मीद नहीं थी कि आपके खाने और दिखाने के दांत अलग होंगे', हरदा का सीएम धामी पर तंज

टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद उत्तराखंड में चलने वाले सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. सोमवार देर शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपना सम्मान लौटा दिया. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधा था. उन्होंने इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 2014 में टेक होम राशन के नाम से एक योजना शुरू की गई थी. इस योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है. टेक होम राशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है. इस राशन की सप्लाई विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को माध्यम से कराई जाती है.

इस व्यवस्था के तहत स्वयं सहायता समूहों की जुड़ी महिलाएं राशन की खरीद बाजार से करती हैं और इसकी पैकिग के लिए बैग, लिफाफे आदि समूह में काम करने वाली महिलाएं खुद से तैयार कर लेती हैं, उन्हें इस काम के बदले विभाग से भुगतान कर दिया जाता है.

लेकिन इसी साल बीते 8 अप्रैल को निदेशायल महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके टेक होम राशन के लिए ई-निविदा मांगी थी. अब ये काम ठेका पर किसी कंपनी को दिया जाएगा. इसी को लेकर गीता मौर्य और श्यामा देवी ने तीलू रौतेली पुरस्कार वापस किया है. बता दें कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कुछ नया करने वाली महिलाओं को उत्तराखंड सरकार हर साल तीलू रौतेली अवॉर्ड देती है. इस साल 22 महिलाओं को तीलू रौतेली अवॉर्ड दिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में तीलू रौतेली अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है. विकासनगर और सहसपुर में महिला स्वयं सहायता समूह चलाने वाली दो महिलाओं ने तीलू रौतेली अवॉर्ड सरकार को वापस कर दिया है. दोनों महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीना जा रहा है.

जिन महिलाओं ने तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस किया है, उनमें एक का नाम गीता मौर्य है. गीता मौर्य को 8 अगस्त 2020 को उत्कृष्ट स्वयं सहायता समूह शक्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा साल 2018 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी उन्हें सम्मानित किया था.

पढ़ें- उत्तराखंड की 22 वीरांगनाओं को तीलू रौतेली सम्मान, महिला एवं बाल विकास विभाग की ब्रांड एंबेसडर होंगी वंदना

गीता मौर्य को ये सम्मान उनके द्वारा चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूह के लिए दिया गया था. गीता मौर्य महिला स्वयं सहायता समूह ने महिलाओं को उत्थान और रोजगार के क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया था. इसीलिए उन्हें सम्मानित किया गया था. वहीं मंगलवार को श्यामा देवी भी ने अपना तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस कर दिया है. श्यामा देवी को दो दिन पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. श्यामा देवी भी महिला स्वयं सहायता समूह चलाती हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गीता मौर्य ने कहा कि जिस काम के लिए उन्हें केंद्र और राज्य सरकार ने प्रोत्साहन और सम्मान दिया गया है, वहीं काम आज उनसे छीना जा रहा है. महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन की प्रक्रिया अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाई जाती थी, लेकिन कुछ ही दिन पहले महिला बाल विकास विभाग ने टेक होम राशन के लिए ई-निविदा जारी की है, जिसमे कंपनियों को आमंत्रित किया गया है.

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टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद उत्तराखंड में चलने वाले सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. सोमवार देर शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपना सम्मान लौटा दिया. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधा था. उन्होंने इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 2014 में टेक होम राशन के नाम से एक योजना शुरू की गई थी. इस योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है. टेक होम राशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है. इस राशन की सप्लाई विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को माध्यम से कराई जाती है.

इस व्यवस्था के तहत स्वयं सहायता समूहों की जुड़ी महिलाएं राशन की खरीद बाजार से करती हैं और इसकी पैकिग के लिए बैग, लिफाफे आदि समूह में काम करने वाली महिलाएं खुद से तैयार कर लेती हैं, उन्हें इस काम के बदले विभाग से भुगतान कर दिया जाता है.

लेकिन इसी साल बीते 8 अप्रैल को निदेशायल महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके टेक होम राशन के लिए ई-निविदा मांगी थी. अब ये काम ठेका पर किसी कंपनी को दिया जाएगा. इसी को लेकर गीता मौर्य और श्यामा देवी ने तीलू रौतेली पुरस्कार वापस किया है. बता दें कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कुछ नया करने वाली महिलाओं को उत्तराखंड सरकार हर साल तीलू रौतेली अवॉर्ड देती है. इस साल 22 महिलाओं को तीलू रौतेली अवॉर्ड दिया गया है.

Last Updated : Aug 11, 2021, 12:25 PM IST
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