देहरादून: राजधानी में कूड़ा उठान और निस्तारण (garbage collection and disposal) का काम देख रही कंपनियों की लापरवाही सामने आई है. वहीं, अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए कंपनियां देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) पर दबाव बना रही है. कंपनियों ने नगर निगम को 31 अगस्त की रात से काम छोड़ने की चेतावनी दी है.
2018 से शहर में कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी चेन्नई एमएसडब्ल्यू (waste disposal company chennai msw) और 2019 से घर-घर कूड़ा उठान का काम देख रही रैमकी कंपनी (ramky company) 1 सितंबर से कूड़ा निस्तारण और कूड़ा उठाने का कार्य ठप करने की चेतावनी दी है. कंपनियों ने इसकी वजह निगम की ओर से समय से भुगतान न होने और खराब कार्यशैली बताया है. जबकि, इसके पीछे कंपनियों की लापरवाही बताई जा रही है.
पिछले कई दिनों से लगातार दोनों कंपनियों की काम की शिकायतें मिल रही थी. वहीं, वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने दूसरी बार नोटिस भेजा है. जिसे नगर निगम प्रशासन द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है. साथ ही दोनों कंपनियों की जायज मांगों पर विचार किया जा रहा है. कंपनियों के एमडी को बुलाकर मीटिंग की जाएगी.
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नगर निगम कई बार कंपनी को नोटिस भी दे चुकी है, लेकिन कंपनी कार्यशैली में सुधार नहीं कर रही है. घर-घर कूड़ा न उठने के लिए शिकायत मिल रही हैं. काम में सुधार न होने पर निगम ने कंपनियों के भुगतान पर भी रोक लगा रखी है. कंपनियों ने निगम को 1 सितंबर से काम बंद करने का नोटिस दिया था, जो नगर निगम ने स्वीकार नहीं किया है.
वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि देहरादून में डोर टू डोर कूड़ा उठान (door to door garbage collection in Dehradun) और शीशमबाड़ा में कूड़े का निस्तारण करने वाली दो कंपनी संचालन करती है. दोनों कंपनियों ने पहले एक नोटिस दिया था. अब दूसरा नोटिस दिया है, जिसको निगम ने टर्मिनेशन नोटिस को स्वीकार नहीं किया है. निगम ने दोनों कंपनियों से कहा है कि आकर बातचीत करके समाधान निकल सकता है. कंपनियों की जो जायज मांगे हैं. उस पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा कंपनियों की जो अन्य डिमांड है. वह पूरी नहीं की जा सकती है.